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गोमती रिवर फ्रंट बनेगा शहर की सबसे बड़ी बगिया

- 367 एकड़ के जनेश्वर मिश्र पार्क के मुकाबले करीब 500 एकड़ में विकसित होगा रिवर फ्रंट डे

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Jun 2018 07:00 AM (IST)Updated: Fri, 29 Jun 2018 07:00 AM (IST)
गोमती रिवर फ्रंट बनेगा शहर की सबसे बड़ी बगिया
गोमती रिवर फ्रंट बनेगा शहर की सबसे बड़ी बगिया

- 367 एकड़ के जनेश्वर मिश्र पार्क के मुकाबले करीब 500 एकड़ में विकसित होगा रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का मोहक सौंदर्य बढ़ेगी हरियाली

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- 307 एकड़ में पार्क और बाकी सड़क के नीचे की ढलान के क्षेत्रफल को भी करेंगे विकसित

- अलग अलग रंग के फूलों के एवेन्यू बनाए जाएंगे, देसी फलों के पेड़ लगेंगे, अलग से होगा नवग्रह पार्क

ऋषि मिश्र, लखनऊ : शहर की सबसे बड़ी बगिया गोमती रिवर फ्रंट में विकसित की जाएगी। यहां करीब 500 एकड़ में पौधरोपण करके इस मानसून में गोमती रिवर फ्रंट को नया रूप दे दिया जाएगा। वैसे रिवर फ्रंट का कुल क्षेत्रफल 307 एकड़ है, मगर सड़क की ढलान को मिलाया जाए तो ये क्षेत्रफल करीब 500 एकड़ है। जिसमें कलर एवेन्यू बनाए जाएंगे। यानी एक खास क्षेत्र में एक ही रंग के पौधे लगाए जाएंगे। इसके अलावा देसी फलों के वृक्ष भी यहां विकसित किए जाएंगे। जिसमें आम, केला, कदंब और महुआ शामिल हैं। बीच-बीच में घास के मैदान भी होंगे। प्राधिकरण के उद्यान विभाग ने इसका पूरा स्वरूप तैयार कर लिया है। इसी मानसून में यहां ये काम पूरा किया जाएगा।

गोमती रिवर फ्रंट के संरक्षण का काम लखनऊ विकास प्राधिकरण को दिया गया है। इसमें सुधार के लिए 10 करोड़ रुपये के टेंडर भी दे दिये गये हैं। इसके साथ ही इस क्षेत्र का नये सिरे से औद्यानिक विकास भी शुरू किया जा रहा है। एक ही रंग के फूलों की बनाई जाएगी बगिया

एलडीए के उद्यान अधिकारी एसपी सिसौदिया बताते हैं कि कलर एवेन्यू कंसेप्ट के तहत जब रिवर फ्रंट को ऊपर से देखेंगे तो कुछ दूरी तक आपको एक ही रंग के फूल दिखेंगे। जैसे कुछ दूरी तक पीला, थोड़ा आगे लाल और कुछ दूरी पर केवल बैगनी रंग के ही फूल दिखेंगे। इससे खूबसूरती बहुत बढ़ जाएगी। देसी फलों से कराएंगे रूबरू

रिवर फ्रंट में लोगों को देसी फलों और वृक्षों से भी रूबरू कराया जाएगा। सिसौदिया बताते हैं कि यहां देसी आम जो कि अब नाममात्र को बचा है, उसके पेड़ लगाए जाएंगे। अमरूद, महुआ, कदंब और केला भी लगाया जाएगा। जिससे यहां पक्षियों के लिए नया ठिकाना बनेगा। यही नहीं करी पत्ता की भी क्यारियां विकसित की जाएंगी।

नवग्रह पार्क भी बनेगा

पुराणों में उल्लेखित रुद्राक्ष, पारिजात के अलावा नवग्रह से जुड़े पौधे भी यहां रोपे जाएंगे। जिनका नवग्रह पार्क बनेगा। जिससे लोग भारतीय संस्कृति में वर्णित पौधों से भी परिचित होंगे।

::वर्जन::

हमने सभी संबंधित अभियंताओं के साथ मिलकर पूरे क्षेत्र का निरीक्षण कर लिया है। जिसमें हम पूरे रिवर फ्रंट क्षेत्र को विकसित करेंगे। वैसे इस क्षेत्र का कुल क्षेत्रफल 307 एकड़ है। मगर सड़क से नीचे आने वाली ढलान को मिला लें तो ये पांच सौ एकड़ होगी। यहां का कुल विकास जनेश्वर मिश्र पार्क से भी कहीं बड़ा होगा।

एसपी सिसौदिया, उद्यान अधिकारी, लविप्रा


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