400 कॉलोनियों में भवन निर्माण पर एलडीए की रोक
- नक्शा नहीं पास करेंगे मगर भवन निर्माण करने पर होगी कार्रवाई - राजधानी में 10 लाख की आब
जागरण संवाददाता, ऋषि मिश्र, लखनऊ: राजधानी की 400 अनाधिकृत कॉलोनियों को लेकर एलडीए दोहरा मापदंड अपना रहा है। एक ओर तो इन कॉलोनियों का लेआउट पास न होने के चलते इनमें कोई भी मानचित्र प्राधिकरण पास नहीं करता है। मगर यहां भवनों को सील करने और उनके खिलाफ नोटिस किये जाने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। ऐसी 400 कॉलोनियों में नये भवनों के निर्माण और पुरानी बिल्डिंग को तोड़ कर बनाने पर भी रोक लगा दी गई है।
अनधिकृत कालोनिया राजधानी के करीब 60 फीसद हिस्से में बस चुकी हैं। जिनमें एलडीए नक्शा पास नहीं करता है। दूसरी ओर नगर निगम भी इन कालोनियों में केवल पार्षदों की हजार सिफारिशों के बाद ही विकास करवाता है। इसके साथ ही अब कॉलोनियों के हैंडओवर को लेकर भी नगर निगम ने नियम सख्त कर दिये हैं। जिसमें स्पष्ट किया है कि विभाग केवल वह कालोनी ही टेकओवर करेगा, जिसमें प्राधिकरण मानचित्र पास करेगा। ऐसे में अब कालोनियों को नियोजित करना अनिवार्य हो गया है।
अब यहां भी अवैध निर्माण की सख्त कार्रवाई
इंदिरा नगर के मुरारी नगर में अमित टंडन के 23 मुरारी नगर स्थित निर्माण को सील कर दिया गया। बिना नक्शा पास करवाए ही ये निर्माण करवाया जा रहा था। इसी तरह से त्रिवेणी नगर, फैजुल्लागंज, कल्याणपुर, पंत नगर, मारुतिपुरम, केशव नगर में भी अनेक एक्शन जारी हैं। सैकड़ों नोटिस तैयार किये जा चुके हैं। इसलिए अब इन अनाधिकृत कॉलोनियों में निर्माण ही नहीं किसी भी तरह के निर्माण को प्राधिकरण गलत मानते हुए एक्शन ले रहा है। एलडीए-परिषद की गलती से बढ़ती गई अनधिकृत कॉलोनिया
लखनऊ विकास प्राधिकरण की गलती से राजधानी में अवैध कॉलोनिया बढ़ती गई। जिसकी शुरुआत 90 की दशक में बहुत तेजी से हुई। किसानों से सस्ते दामों पर जमीन खरीद कर कॉलोनिया बसाई गई। यहा एलडीए और आवास विकास परिषद को अर्जन करके अपनी कालोनी विकसित करनी थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। जिसकी वजह से सृजन विहार कालोनी, सैनिक कालोनी, त्रिवेणी नगर, मानस विहार, मारुतिपुरम, फैजुल्लागंज सहित ऐसी सैकड़ों कालोनिया राजधानी में चारों बस चुकी हैं। जहा के लोग वोट, हाउस टैक्स, वाटर टैक्स, बिजली का बिल सहित तमाम यूजर चार्ज देते हैं। इसके बावजूद उन पर अनधिकृत का ठप्पा लगा हुआ है। सालों से शासन और एलडीए के बीच झूल रहीं फाइलें
शासन और एलडीए के बीच सालों से अनियोजित कॉलोनियों को नियोजित करने की फाइलें झूल रही हैं। मगर हुआ कुछ भी नहीं। नियमों के फेर में फरमान फंसते रहे हैं। 2008 में प्राधिकरण ने ऐसी करीब 250 अनाधिकृत कॉलोनियों की सूची शासन को भेजी थी। जिनकी संख्या अब बढ़ कर 400 तक हो गई है। मगर नियमन अब तक नहीं किया जा सका है। ::: वर्जन :::
विकास प्राधिकरण क्षेत्र में जो भी भवन या कॉलोनी बिना एलडीए से नक्शा या लेआउट पास करवाए विकसित किये जाएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी। मगर अनधिकृत कॉलोनियों के मसले में भवन निर्माण करवाने वालों से ज्यादा गलती, उनको बसाने वालों की है। इसलिए शासन में इस संबंध में नियमन की पॉलिसी बनाए जा रही है। जब तक ये पॉलिसी नहीं होती है, नक्शे नहीं पास होंगे और कार्रवाई भी होगी।
विश्वभूषण मिश्र, प्रवर्तन प्रभारी, नजूल अधिकारी