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व्यापारियों पर लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमे होंगे वापस, यूपी के कानून मंत्री ने दिया प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश

उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल व लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के पदाधिकारी शुक्रवार को विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक से उनके आवास पर मिले। व्यापारियों ने उन्हें चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इस दौरान कई और मांगे भी रखीं गईं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 04:33 PM (IST)Updated: Fri, 29 Jan 2021 07:51 AM (IST)
व्यापारियों का एक प्रतिनिधि मंडल मिला विधि मंत्री से, सौंपा ज्ञापन।

लखनऊ, जेएनएन। कोरोना काल में छोटी-छोटी लापरवाही की वजह से मुकदमे का सिरदर्द झेल रहे प्रदेश भर के व्यापारियों के लिए राहत भरी खबर है। योगी सरकार ने व्यापारियों और अन्य लोगों पर लगाए गए लॉकडाउन उल्लंघन के सभी मुकदमे वापस लेने का फैसला किया है। इस संबंध में कानून मंत्री बृजेश पाठक ने विभाग को निर्देश जारी कर दिए हैं।

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कोरोना काल में संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए लॉकडाउन लगाया गया। इसका सख्ती से पालन कराने के लिए उल्लंघन करने वालों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए। अब वैक्सीन आ चुकी है और संक्रमण भी नियंत्रण में है। सारी व्यवस्था कोरोना के संकट से लगभग बाहर आ चुकी हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार ने लॉकडाउन उल्लंघन के मुकदमों से भी राहत देने का फैसला किया है। दरअसल, गुरुवार को उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल बजाज और प्रांतीय महामंत्री अशोक मोतियानी के साथ प्रतिनिधिमंडल कानून मंत्री से उनके राजधानी स्थित सरकारी आवास पर मिला। अन्य समस्याओं के साथ ही मुकदमे की वापसी की भी मांग की। इस पर मंत्री ने आश्वस्त किया। 

ब्रजेश पाठक ने बताया कि प्रदेश भर में करीब दस हजार व्यापारियों पर लॉकडाउन या कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन के मुकदमे दर्ज हुए थे। तब सख्ती की जरूरत थी, इसलिए ऐसा करना पड़ा। सरकार नहीं चाहती कि उन मुकदमों की वजह से व्यापारी परेशान हों और कोर्ट-कचहरी के चक्कर लगाने पड़ें। इसी सोच के साथ सभी के मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं। इस संबंध में प्रमुख सचिव को ब्योरा जुटाने का निर्देश दिया गया है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले व्यापारी कल्याण बोर्ड के प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी। फिर पिछले दिनों राजधानी आए रक्षा मंत्री राजनाथ स‍िंंह से भी व्यापारिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने मुलाकात की थी। व्यापारियों ने तर्क दिया था कि प्रतिबंध के दौरान छोटी-छोटी गलतियां हो जाने पर ही पुलिस द्वारा मुकदमे दर्ज कर लिए गए थे। इनकी वजह से सभी कारोबारी परेशान होंगे। मुख्यमंत्री और रक्षामंत्री से अन्य मुद्दों के साथ यह मुकदमे खत्म कराने की मांग भी की गई थी। अब यही बात कानून मंत्री के सामने उठाई गई। यह सभी मुकदमे महामारी एक्ट और धारा 144 के उल्लंघन के थे, जिन्हें वापस लेने का आश्वासन दिया गया है। 

विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान प्रदेश में व्यापारियों पर दर्ज हुए मुकदमें वापस होंगे। साथ ही अमीनाबाद की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार के लिए यातायात कर्मियों की तैनाती कराई जाएगी। पार्किंग समेत व्यापारियों की तमाम मांगों पर ठोस पहल करते हुए विधि मंत्री ने अधिकारियों से वार्ता कर उन्हें आश्वस्त किया। वे शुक्रवार आवास पर आए हुए व्यापारियों के प्रतिनिधि मंडल से मुखातिब थे।

उत्तर प्रदेश युवा उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल व लखनऊ कपड़ा व्यापार मंडल के पदाधिकारी शुक्रवार को विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक से उनके आवास पर मिले। व्यापारियों ने उन्हें चार सूत्रीय मांग पत्र सौंपा। इसमें लॉकडाउन उल्लंघन के नाम पर प्रदेश के व्यापारियों पर दर्ज की गई एफआईआर को निष्प्रभावी करने की मांग की गई। मांगपत्र में अमीनाबाद में ट्रैफिक व्यवस्था सुचारु किए जाने के लिए सिपाहियों की तैनाती, बाज़ार में खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट को ठीक कराए जाने और छह हजार से ज्यादा व्यापारियों वाले अमीनाबाद बाजार में पार्क‍िंग की विकराल समस्या को देखते हुए दो बड़ी पार्किंग बनाए जाने की बात रखी गई। व्यापारियों की मांग है कि त्योहार के समय में यहां 50,000 से ज्यादा लोग रोज खरीदारी करने आते हैं। इसे देखते हुए ग्राहकों व कारोबारियों की गाडिय़ों के लिए पार्किंग व्यवस्था जरूरी है।


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