बिजली कनेक्शन पर दो माह तक बिल न मिलने पर मुआवजे का है कानून, उपभोक्ता परिषद ने पावर कॉरपोरेशन पर बनाया दबाव
UP Bijli Bill राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत वितरण संहिता-2005 की धारा 7.7.2 (डी) में यह प्रावधान है कि यदि किसी भी उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन प्रदान करने की तारीख से दो बिलिंग चक्र तक पहला बिल जारी नहीं किया जाता तो प्रत्येक बिल के लिए उपभोक्ता को 500 रुपये का मुआवजा देना पड़ेगा।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। नया बिजली कनेक्शन लेने के दो माह बाद तक यदि बिल उपभोक्ता को नहीं मिलता है तो वह कानून के तहत मुआवजे का हकदार होता है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने इस कानून को शत-प्रतिशत लागू करने के लिए बिजली कंपनियों पर दबाव बनाया है।
वर्मा ने कहा कि विद्युत वितरण संहिता-2005 की धारा 7.7.2 (डी) में यह प्रावधान है कि यदि किसी भी उपभोक्ता को बिजली कनेक्शन प्रदान करने की तारीख से दो बिलिंग चक्र तक पहला बिल जारी नहीं किया जाता तो प्रत्येक बिल के लिए उपभोक्ता को 500 रुपये का मुआवजा देना पड़ेगा।
अवधेश वर्मा ने लखनऊ में सामने आए 46 किलोवाट के एक मामले में एक साल तक विद्युत उपभोक्ता को बिजली का बिल न दिए जाने का मामला उठाते हुए पावर कारपोरेशन पर मुआवजे के लिए दबाव बनाया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि विलंब के प्रत्येक बिल के लिए उपभोक्ता को 500 रुपये का मुआवजा देने के साथ ही बिजली कंपनियों को ऐसे मामलों की तिमाही रिपोर्ट भी विद्युत नियामक आयोग को सौंपनी होगी।
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