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आज पैतृक गांव में शहीद बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर, सीएम योगी ने संवेदना जताई

एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव सदियापुर निवासी रजनीश यादव जम्मू के सांबा सेक्टर में पाक गोलाबारी में मंगलवार रात को शहीद हो गए। वह बीएसएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात थे।

By Nawal MishraEdited By: Published: Wed, 13 Jun 2018 10:45 PM (IST)Updated: Thu, 14 Jun 2018 10:47 AM (IST)
आज पैतृक गांव में शहीद बीएसएफ जवान का पार्थिव शरीर, सीएम योगी ने संवेदना जताई

लखनऊ (जेएनएन)। एटा के जैथरा थाना क्षेत्र के गांव सदियापुर निवासी रजनीश यादव जम्मू के सांबा सेक्टर में पाक गोलाबारी में मंगलवार रात को शहीद हो गए। वह बीएसएफ में बतौर सब इंस्पेक्टर तैनात थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एटा निवासी बीएसएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर (दारोगा) रजनीश कुमार को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इस वीर सपूत को हमेशा याद किया जाएगा। बुधवार रात जवान का पार्थिव शरीर दिल्ली पहुंचा और दिल्ली से पैतृक घर पहुंचेगा। 

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योगी ने दी 25 लाख रुपये की सहायता 

योगी ने शहीद जवान के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की ओर से कुल 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की है।लखनऊ (जेएनएन)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एटा निवासी बीएसएफ के शहीद सब इंस्पेक्टर (दारोगा) रजनीश कुमार को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। कहा, देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान देने वाले इस वीर सपूत को हमेशा याद किया जाएगा। उन्होंने शहीद जवान के शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए राज्य सरकार की ओर से कुल 25 लाख रुपये आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की है।

साथ में शहीद हुए चार सीमा प्रहरी 

सांबा सेक्टर के रामगढ़ में मंगलवार रात बीएसएफ की टोली नारायणपुर की चमालियाल पोस्ट पर पेट्रोलिंग कर रही थी। रात 10 बजे पाकिस्तान ने मोर्टार से गोले दागे। इसमें दो अधिकारियों सहित चार सीमा प्रहरी शहीद हो गए। इनमें एटा के सब इंस्पेक्टर रजनीश यादव भी शामिल थे। परिजनों के पास बुधवार तड़के 3.30 बजे धुमरी चौकी से फोन आया। इसमें रजनीश के शहीद होने की जानकारी दी गई। परिजन सन्न रह गए। परिजनों के रोने की आवाज गांव में गूंज उठी। गांव के लाल के सीमा पर शहीद होने से ग्रामीणों में शोक की लहर है और गर्व भी। पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले। बेसुध पत्नी अलका, पिता राजवीर सिंह और मां उर्मिला देवी सहित अन्य सभी परिजन और ग्रामीण रजनीश का शव आने की राह देख रहे हैं।


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