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गीतकार गोपालदास नीरज को मिलना चाहिए भारत रत्न: शिवपाल

गीताकर गोपालदास नीरज के निधन साहित्यकारों ने श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके लिए शोकसभा, विचार गोष्ठियां, मौन श्रद्धांजलि हुए। सपा ने उन्हें भारत रत्न देने की मांग की है।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 20 Jul 2018 06:20 PM (IST)Updated: Fri, 20 Jul 2018 07:39 PM (IST)
गीतकार गोपालदास नीरज को मिलना चाहिए भारत रत्न: शिवपाल
गीतकार गोपालदास नीरज को मिलना चाहिए भारत रत्न: शिवपाल

लखनऊ (जेएनएन)। गीताकर गोपालदास नीरज के निधन पर समाजसेवियों, कवियों-साहित्यकारों और राजनीतिक दलों के लोगों ने उन्हें श्रृद्धांजलि अर्पित की। इसके लिए जगह जगह शोकसभा, विचार गोष्ठियां, मौन श्रद्धांजलि, संस्मरण वाचन हुए। विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने भी उनके कृतित्व को याद किया। समाजवादी पार्टी नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने कवि गोपाल दास को भारत रत्न देने की मांग की है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली एम्स में भर्ती नीरज का गुरुवार को निधन हो गया था। पारिवारिक सूत्र बताते हैं कि शरीर छोड़ने के कुछ समय पहले तक कलम के इस सिपाही के हाथ लिखने से नहीं चूके। अस्पताल में वह बोल नहीं पा रहे थे तो उन्होंने कलम से लिखकर अपने हाल बयां किए।

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नीरज को मिलना चाहिए भारत रत्न: शिवपाल

सपा नेता व पूर्व कैबिनेट मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने राष्ट्रीय कवि गोपाल दास नीरज के निधन पर शोक जताया और कहा कि नीरज राष्ट्र की धरोहर थे। उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए और कहा कि नीरज के निधन से इटावा ही नहीं पूरे देश को भारी क्षति हुई है। उनकी कमी काव्य जगत में पूरी नहीं की जा सकती है। उन्होंने इससे पहले भी भारत रत्न दिए जाने की मांग की थी परंतु उन्हें नहीं मिला था। वे केंद्र सरकार से पुन: मांग करेंगे कि नीरज को भारत रत्न दिया जाए।

याद करने वालों की फेहरिस्त लंबी

कानपुर में भी विभिन्न वर्गों के लोगों ने नीरज के कृतित्व को याद किया। एक विद्यार्थी, एक गीतकार, एक शिक्षक, जैसे तमाम रूपों में उन्हें याद करने वालों की फेहरिस्त लंबी दिखी। कानपुर के  क्राइस्ट चर्च डिग्री कालेज में महापंडित राहुल सांस्कृत्यायन के साथ महाकवि गोपाल दास नीरज और  खड़ी बोली पर शोध करने वाले डा. ललित मोहन अवस्थी के एक साथ होने का एक चित्र भी सामने आया।

 

हिंदी सिनेमा में कालजयी गीत 

रायबरेली में कवि चंद्र प्रकाश पांडेय ने कहा कि 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गांव में जन्मे गोपालदास नीरज ने हिंदी सिनेमा को कालजयी गीत दिए हैं। उनके गीतों ने कई फिल्मों को बुलंदियों पर पहुंचाया तो कई अभिनेताओं को उनके गीतों से संजीवनी मिली थी। बैसवारा विकास समिति अध्यक्ष मुकेश चौहान ने कहा कि पद्म भूषण व पद्म श्री सम्मान से सम्मानित गोपालदास के गीत ऐ भाई जरा देख के चलो, कारवां गुजर गया गुबार देखते रहे जैसे गीतों को इतनी प्रसिद्धि मिली कि उन्हें आज भी लोग उतनी ही तल्लीनता से सुनते हैं, जितना पहले सुना करते थे। मंचीय कविता को जो ऊंचाइयां गोपालदास नीरज ने प्रदान की वह कालांतर में मील का पत्थर बनी हैं। बैसवारा पीजी कालेज के प्राचार्य अरूण सिंह मुन्ना, बैसवारा इंटर कालेज के प्रधानाचार्य जेपी सिंह, इंटर कालेज दुधवन के प्रधानाचार्य रामप्रताप सिंह आदि ने भी कवि के निधन पर गहरा शोक जताया है।

नीरज को सपाइयों की श्रद्धांजलि

फैजाबाद सपा जिलाध्यक्ष गंगासिंह यादव ने कहा कि उन्होंने अपनी काव्य रचनाओं में हिन्दी साहित्य को समृद्ध किया। पूर्व प्रदेश सचिव मो. हलीम पप्पू ने कहा कि हिन्दी फिल्मों में लिखे गए गीत बेहद लोकप्रिय हैं। पार्टी प्रवक्ता ओमप्रकाश ओमी के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल में  भाषा संस्थान का अध्यक्ष बनाकर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया और 1991 में पद्मश्री, 1994 में यशभारती सम्मान और 2007 में पद्मभूषण से सम्मानित किया गया था। सपा जिला उपाध्यक्ष बाबूराम गौड, पूर्व ब्लॉक प्रमुख रामअचल यादव आदि श्रद्धांजलि देने वालों में थे। 


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