लाखों रुपये का ब्याज मिनटों में होगा माफ, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने Defaulters को दिया एक मुश्त समाधान योजना का लाभ
लखनऊ में एक मुश्त समाधान योजना के लाभ के लिए 18 दिन शेष बचे हैं। इससे लाखों रुपये का ब्याज मिनटों में लखनऊ विकास प्राधिकरण माफ कर रहा है। सिर्फ डिफाल्टर को लविप्रा के काउंटर पर फार्म भरकर आवेदन करना होगा।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। आप ने अगर अभी तक एक मुश्त समाधान योजना का लाभ नहीं उठाया है तो 18 दिन शेष बचे हैं। इससे लाखों रुपये का ब्याज मिनटों में लखनऊ विकास प्राधिकरण माफ कर रहा है। सिर्फ डिफाल्टर को लविप्रा के काउंटर पर फार्म भरकर आवेदन करना होगा। इसके बाद आवंटी जो लविप्रा में डिफाल्टर हो गया है, उसे फिर से एक अच्छा आवंटी मिलने का मौका प्राधिकरण दे रहा है। इस नए प्रयास के बाद लविप्रा को जहां फंसा हुआ करोड़ों रुपये राजस्व मिल जाएगा और आवंटी का पूरा ब्याज माफ हो जाएगा। यही नहीं फिर लविप्रा के कैंप में भी 12 जुलाई से लगने वाले निबंधन शिविर में लाभ उठा सकते हैं।
कुछ इस तरह उठाना होगा ओटीएस का लाभ
- 100 रुपये ईडब्ल्यूएस भवन/भूखंड की प्रोसेसिंग फीस
- 5000 रुपये ईडब्ल्यूएस भवन/भूखंड ओटीएस आवेदन पत्र के प्रारंभिक धनराशि में समायोजित की जाएगी।
- 500 रुपये एलआइजी भवन/भूखंड की प्रोसेसिंग फीस
- 10,000 रुपये एलआइजी भवन/भूखंड ओटीएस आवेदन पत्र के प्रारंभिक धनराशि में समायोजित की जाएगी।
- 21000 रुपये अन्य श्रेणी की आवासीय एवं मिश्रित उपयोग की संपत्तियों एवं मिश्रित उपयोग की संपत्तियों तथा व्यावसायिक निर्मित दुकानों और दुकानों के भूखंडों पर
- 50000 रुपये आवासीय एवं मिश्रित उपयोग की संपत्तियों का ओटीएस आवेदन पत्र के प्रारंभिक धनराशि में समायोजित की जाएगी।
- 11000 रुपये ग्रुप हाउसिंग की प्रोसेसिंग फीस
- 500000 ग्रुप हाउसिंग प्रोसेसिंग ओटीएस योजना का लाभ प्राप्त करने का मात्र शुल्क है, इसे किसी भी देय धनराशि में समायोजित नहीं किया जाएगा।
- 11000 रुपये संस्थागत संपत्तियों की प्रोसेसिंग फीस
- 500000 फीस संस्थागत संपत्तियों की प्रोसेसिंग ओटीएस योजना का लाभ प्राप्त करने का मात्र शुल्क है, इसे किसी भी देय धनराशि में समायोजित नहीं किया जाएगा।
- 11000 रुपये क्रम संख्या तीन के अतिरिक्त अन्य समस्त व्यवसायिक संपत्तियों की फीस
- 500000 फीस क्रम संख्या तीन के अतिरिक्त अन्य समस्त व्यवसायिक संपत्तियों की प्रोसेसिंग ओटीएस योजना का लाभ प्राप्त करने का मात्र शुल्क है, इसे किसी भी देय धनराशि में समायोजित नहीं किया जाएगा।