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केजीएमयू में शिक्षकों की कमी से दम तोड़ रहीं सेवाएं, पद हैं ढूंढ़ें नहीं मिल रहे शिक्षक Lucknow News

केजीएमयू में 75 विभागों में मात्र 56 का हो रहा संचालन। शिक्षकों के अभाव में बंद पड़ें हैं कई विभाग।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Thu, 09 Jan 2020 08:41 AM (IST)Updated: Thu, 09 Jan 2020 08:41 AM (IST)
केजीएमयू में शिक्षकों की कमी से दम तोड़ रहीं सेवाएं, पद हैं ढूंढ़ें नहीं मिल रहे शिक्षक Lucknow News
केजीएमयू में शिक्षकों की कमी से दम तोड़ रहीं सेवाएं, पद हैं ढूंढ़ें नहीं मिल रहे शिक्षक Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में शिक्षकों का संकट छाया हुआ है। वहीं संविदा पर नियुक्ति का आदेश महीनों से डंप है। कई विभाग जहां डॉक्टर विहीन हो गए हैं, वहीं कई एक शिक्षक के भरोसे हैं। ऐसे में चिकित्सकीय सेवाएं चरमराई हुई हैं।

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केजीएमयू में तीन वर्ष पहले 75 विभागों का गठन किया गया था। वहीं वर्तमान में 56 विभागों का संचालन हो रहा है। अंदरूनी कलह से कई डॉक्टर नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। कई निलंबन का दंश ङोल रहे हैं। उधर, शिक्षकों की स्थाई व संविदा पदों पर भर्ती डंप है। ऐसे में नेफ्रोलॉजी, इंडोक्राइनोलॉजी में जहां एक भी डॉक्टर नहीं रह गया, वहीं आधा दर्जन सुपर स्पेशियलिटी विभाग एक-एक शिक्षक के भरोसे हैं। यह हाल तब है जब सरकार ने शिक्षकों का संकट दूर करने के लिए 22 सितंबर 2019 को संविदा पर तैनाती का आदेश जारी कर दिया था।

पद हैं पर शिक्षक नहीं मिले: पीडियाटिक आथरेपेडिक विभाग में पांच फैकल्टी के पद हैं। गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी में तीन, स्पोर्ट्स इंजरी में पांच व पल्मोनरी एंड क्रिटिकल केयर मेडिसिन में नौ शिक्षकों के पद हैं। इन सभी विभागों में एक-एक शिक्षक तैनात है। ऐसे ही हीमेटोलॉजी व जीरियाटिक मेडिसिन में भी तीन-तीन पद मंजूर हैं, पर शिक्षक एक है।

बेपटरी हुईं सेवाएं : एशिया के सबसे अधिक बेडों वाले चिकित्सा संस्थान में एक भी नेफ्रोलॉजिस्ट नहीं रह गया। डॉक्टर के नौकरी छोड़ने पर सेवाओं का दम टूट गया। इंडोक्राइनोलॉजी के दोनों चिकित्सकों ने नौकरी छोड़ दी। एक भी विशेषज्ञ विभाग में नहीं रह गया। कैंसर मरीजों के लिए आवश्यक मेडिकल आंकोलॉजी चिकित्सकों के अभाव में शुरू ही नहीं हो सका। कई विभाग डॉक्टर के अभाव में सिर्फ ओपीडी सेवा ही रन कर रहे हैं। शिक्षकों की भर्ती न होने से विभागों में शुरू होने वाले पाठ्यक्रमों को भी झटका लगा।

जहां भरमार, वहां दागी की तैनाती पर मेहरबान

केजीएमयू के कई विभागों का दम शिक्षकों के अभाव में टूट रहा है, वहीं पेपर लीक में फंसे शिक्षक को सेवानिवृत्ति के बाद दोबारा नौकरी का तोहफा देने की तैयारी चल रही है। यह हाल तब है जब उस विभाग में 11 डॉक्टर तैनात हैं।

केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि अब संविदा पर नहीं, स्थाई शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। रोस्टर कमेटी का गठन हो चुका है। जल्द ही विज्ञापन जारी किया जाएगा। वहीं पेपर लीक के आरोप में फंसे शिक्षक की संविदा पर तैनाती का अभी विचार नहीं किया गया।


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