भाजपा के गले की फांस बने पॉक्सो में आरोपित विधायक सेंगर
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने कुलदीप के बहाने भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और सपा की जूही सिंह ने भाजपा पर विधायक को बचाने का आरोप लगाया था।
लखनऊ (जेएनएन)। उन्नाव में नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपित भारतीय जनता पार्टी के विधायक कुलदीप सिंह सेंगर अब पार्टी के गले की फांस बन गए हैं। उन्नाव में चार बार से अलग-अलग दलों से चुनाव जीत रहे कुलदीप सिंह सेंगर के समर्थन में सत्तापक्ष से जुड़ी एक मजबूत लॉबी खड़ी है लेकिन, विपक्ष उनको लेकर आक्रामक है।
सीबीआइ ने दुष्कर्म मामले में उन पर आरोप पत्र दाखिल किया तो विपक्ष ने उनके निष्कासन की मांग तेज कर दी है। हालांकि भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय का कहना है कि 'मामला सीबीआइ कोर्ट में है। सीबीआइ कोर्ट उन्हें दोषी ठहराएगी तो पार्टी तत्काल कड़ा कदम उठाएगी।'
समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के नेताओं ने कुलदीप के बहाने सत्ताधारी भाजपा पर हमला बोला है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर और सपा की जूही सिंह ने भाजपा पर विधायक को बचाने का आरोप लगाया था। उधर सीबीआइ के आरोप पत्र दाखिल करने के बाद विपक्ष ने भाजपा से उन्हें निष्कासित करने की मांग तेज कर दी है। विपक्ष के नेताओं का कहना है कि शुचिता और पवित्रता की बात करने वाली भाजपा दुष्कर्म के आरोपित विधायक को अभी तक गले लगाई है।
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. चंद्रमोहन विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हैं। उनका कहना है कि भाजपा सरकार की यह प्राथमिकता रही कि उन्नाव दुष्कर्म प्रकरण में पीडि़त को न्याय मिले। भाजपा सरकार ने पहले एसआइटी गठित की और फिर सीबीआइ जांच की संस्तुति की। कुलदीप के खिलाफ अभी तक पार्टी की ओर से कोई कार्रवाई न होने के सवाल पर डॉ. चंद्रमोहन कहते हैं कि अभी तो इस पर कोर्ट का फैसला आना बाकी है। डॉ. चंद्रमोहन अपने प्रदेश अध्यक्ष की लाइन दोहराते हैं।
बसपा और सपा से उन्नाव जिले के अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव जीतने वाले कुलदीप सेंगर 2016 में भाजपा में शामिल हो गए थे। भाजपा में शामिल होने के बाद वह बांगरमऊ क्षेत्र से चुनाव लड़े और जीत गए। इसके पहले वह भगवंतनगर क्षेत्र से सपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। चार बार के विधायक कुलदीप सेंगर राज्यसभा चुनाव में भाजपा के लिए बड़े मददगार साबित हुए जब उन्होंने बसपा के एक विधायक को तोड़ लिया। कुलदीप के कई रिश्तेदार भी विधायक हैं। आने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अभी उन पर कड़ा कदम उठाने से बच रही है। सीबीआइ कोर्ट के मत्थे मामले को डालकर भाजपा विपक्ष की घेरेबंदी से निकलने के उपक्रम में जुटी है। एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि विपक्ष में भी कुलदीप की पकड़ है और उनकी पैरोकारी में दूसरे दलों के भी कुछ लोग सक्रिय हैं।