छोटी दीपावली 2018: कमल का फूल लाएंगे घर तो आपके लिए होगा शुभ
रोशनी से जगमगाए घर और बाजार। भगवान धन्वंतरि की हुई पूजा-अर्चना।
लखनऊ(जेएनएन)। रोशनी से नहाए बाजार और गली-मुहल्लों में बुधवार को होने वाले दीपोत्सव का उल्लास सोमवार को ही नजर आने लगा है। रंगीन झालरें समृद्ध भारतीय संस्कृति के उजाले का एहसास करा रही थीं।इससे पहले सोमवार को घरों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों में शाम 17:21 बजे से रात्रि 9:45 बजे तक पूजन किया गया। सूर्योदय से लेकर रात्रि देर रात तक प्रॉपर्टी, जमीन, जायदाद, मकान, दुकान, आभूषण, सोना, चांदी एवं अन्य कीमती धातु खरीदारी की गई तो शाम 17:21 बजे से रात्रि 9:45 बजे तक प्रदोष काल में मिट्टी के हाथी और भगवान धन्वंतरि की प्रतिमा के सामने दीप जलाकर परिवार के साथ लोगों ने दीप, धूप, इत्र, पुष्प, गंगा जल, अक्षत व रोली के साथ विधि विधान से पूजा-अर्चना की।
'धनत्रयोदशी' मंगलकारक होने की वजह से लोगों ने ऋण मोचन की भगवान से कामना की। सुख-समृद्धि की प्रतीक मां लक्ष्मी के आह्वान से पहले मंगलवार को छोटी दीपावली मनाई जाएगी। इस दिन (नरक चतुर्थी) पर सूर्यास्त के बाद घर के बाहर घूरे पर और जल निकासी के मुख्य नाली के पास दीपक रखा जाएगा। पं.राधेश्याम शास्त्री ने बताया मां लक्ष्मी के आह्वान से पहले सफाई के प्रतीक इस दीपक को जलाकर विघ्नविनाशक श्री गणेश से शुभता की कामना की जाती है। मान्यता है कि इस दीपक से घर से विपन्नता बाहर जाती है तो दूसरी दीपावली पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है।
कमल पर सवार होकर आएंगी मां लक्ष्मी
कमल के फूल पर सवार होकर मां लक्ष्मी के आने की मंशा के चलते श्रद्धालु कमल के फूल के साथ मां लक्ष्मी का आह्वान करेंगे। आसन स्वरूप इस कमल के फूल के साथ ही धूप, दीप और मिष्ठान के संग विधि-विधान से पूजा की जाएगी। षोडशोपचार पूजन और आरती के बाद चूरा, खील, बताशे, लइया, गट्टे, सफेद मिष्ठान और मौसमी फल चढ़ाया जाएगा। चौक के फूलबाग व नींबू पार्क समेत अन्य फूल मंडियों में 30 से 80 रुपये में कमल का फूल बिक रहा है , जबकि तने के साथ फूल 100 से 120 रुपये में मिल रहा है।
होगी पान की पूजा
दीपावली के दिन शुभता के प्रतीक पान की पूजा होती है। पान किसान पान के बरेजा में पूजा-अर्चना करते हैं। राष्ट्रीय पान किसान यूनियन के महासचिव छोटेलाल चौरसिया ने बताया कि बास की कटाई के साथ ही बरेजा निर्माण का कार्य भी दीपावली के बाद शुरू होता है। दिसंबर तक पान का बरेजा तैयार कर बारिश के पहले पान की बेल लगा दी जाती है। लक्ष्मी के आह्वान के साथ ही पान की पूजा की जाती है।