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जन्म के बाद पहले एक घंटे के भीतर मां का दूध अमृत समान, जानें एक्‍सपर्ट की राय Lucknow News

नवजात शिशु देखभाल सप्ताह (14-21 नवंबर)के मौके पर डॉ. कनुप्रिया सिंघल ने दी जरूरी जानकारी। शिशु को छह माह तक केवल मां का ही दूध दें।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Thu, 21 Nov 2019 08:39 PM (IST)Updated: Fri, 22 Nov 2019 07:13 AM (IST)
जन्म के बाद पहले एक घंटे के भीतर मां का दूध अमृत समान, जानें एक्‍सपर्ट की राय Lucknow News
जन्म के बाद पहले एक घंटे के भीतर मां का दूध अमृत समान, जानें एक्‍सपर्ट की राय Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। नवजात के लिए जन्म के बाद पहले एक घंटे में मां का दूध अमृत समान होता है। यह एक वैक्सीन के समान है, जो शिशु को जीवन भर के लिए प्रतिरोधक क्षमता प्रदान करता है। लेकिन जागरूकता की कमी के चलते चार में से एक शिशु इस अमृत रूपी मां के दूध से वंचित रह जाता है। खास बात यह है कि यह स्थिति तब है, जबकि 68 फीसद प्रसव अस्पतालों में चिकित्सक की देखरेख में हो रहे हैं। इसकी बड़ी वजह यह है कि लोग इसके प्रति जागरूक नहीं हैं। नवजात शिशु देखभाल सप्ताह (14-21 नवंबर)के मौके पर दैनिक जागरण की ओर से गुरुवार को आयोजित हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में यह जानकारी यूनिसेफ की डॉ. कनुप्रिया सिंघल ने दी। इस दौरान डॉ. सिंघल ने नवजात की देखरेख से जुड़े पाठकों के तमाम सवालों के जवाब दिए। 

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सवाल : ऑपरेशन से बच्चा हुआ है। क्या स्तनपान कराया जा सकता है। (अंकित सिंह, हरदोई)

जवाब : जी हां, शिशु के मां का ही दूध दें। आजकल ऑपरेशन में पीरा बेहोश नहीं किया जाता है। इसलिए कोशिश करें कि पहले एक घंटे का दूध अवश्य पिलाएं। यह जीवन भर इम्यूनिटी देता है। 

सवाल : पंद्रह माह की बेटी है। सर्दी -जुकाम बहुत रहता है। (प्रदीप कुमार, काकोरी)

जवाब : उसे दिन में तीन बार डेढ़-डेढ़ कटोरी दाल-चावल, खिचड़ी, रोटी-दाल या सब्जी जरूर दें। इसके अलावा केला, अंडा आदि भी दे सकती हैं। 

सवाल : मेरी बेटी डेढ़ साल की है। मिट्टी खाती है। क्या करूं? (सरिता सिंह, रायबरेली)

जवाब : बच्ची मिट्टी खाती है। हो सकता है उसमें खून की कमी हो। हरी साग-सब्जी खिलाएं व गुड़ दें। 

सवाल : सवा माह का बेटा है। सर्दी है नाक बंद रहती है और खांसी भी है। (पूजा, सुलतानपुर)

जवाब : शिशु को केवल अपना दूध ही दें। बच्चे को सर्दी से बचाएं। उसे अपने छाती से दिन में तीन बार एक-एक घंटे चिपका कर रखें। इससे उसे गर्मी मिलेगी। 

सवाल : एक माह की बच्ची है। उसे ठंड लगी है। (कशिश, ठाकुरगंज)

जवाब : शिशु को सर्दी से बचाएं। पैर में मोजे व सिर में टोपी अवश्य पहनाएं। स्वेटर भी पहना कर रखें। 

सवाल : 11 माह की बेटी है। दांत निकल रहे हैं। सर्दी भी है। (अवधेश मिश्रा, हरदोई)  

जवाब : बच्ची को दिन में तीन बार खाना अवश्य दें। साथ में दो बार फल, अंडा आदि भी दें। दांत निकल रहे हैं इसलिए उसके पोषण का ध्यान रखना पड़ेगा। 

सवाल : नौ माह की नातिन है, सभी टीके लगवाएं हैं। सर्दी की शिकायत रहती है। (राम मनोहर, रायबरेली) 

जवाब : उसे बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। इसके साथ-साथ खाने-पीने का ध्यान रखें, जिससे कि उसकी प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। 

सवाल : तीन वर्ष की नातिन को सर्दी जुकाम रहता है। क्या करें। (पंडित राममूर्ति, फैजाबाद)

जवाब : उसके खाने का ध्यान रखें। अपने साथ नहीं बल्कि उसकी अलग से प्लेट लगाएं। यह भी सुनिश्चित करें कि वह पूरा खाना खा ले। स्वस्थ रहेगी तो सर्दी-जुकाम भी नहीं होगा।

सवाल : दोनों बच्चों को सर्दी की शिकायत रहती है। डॉक्टर कहते हैं एलर्जी की दिक्कत है। (रामेंद्र दीक्षित, सीतापुर)

जवाब : बच्चों को सर्दी से बचाएं। साफ-सफाई का भी ध्यान रखें। यदि पसली चल रही हो तो डॉक्टर से सलाह लें। 

सवाल : साढ़े तीन माह की बच्ची है उसकी लार बहुत गिरती है। (आरिफ, शाहजहांपुर)

जवाब : बच्ची को किसी बाल रोग विशेषज्ञ को दिखाएं। ऐसे बता पाना मुश्किल है। 

सवाल : साढ़े आठ माह की बच्ची है। सभी टीके लगे हैं। सर्दी हुई थी और पसली चल रही थी। (संतोष तिवारी, हरदोई)

जवाब : अच्छा है कि अब बच्ची ठीक है, लेकिन आप उसके पोषण का बहुत ख्याल रखें। दूध के अलावा उसे अब अन्य चीजें जैसे केला, अंडा, खिचड़ी, दाल-चावल आदि दें।

सवाल : एक वर्ष का बेटा है। उसके हाथ व पैर के तलवे गर्म रहते हैं। (दिनेश द्विवेदी, बलरामपुर)

जवाब : कई बच्चों के सामान्य रूप से हाथ-पांव गर्म रहते हैं। यदि आपको इसमें कुछ असामान्य लग रहा हो तो किसी बाल रोग विशेषज्ञ की सलाह ले लें।   

सवाल : साढ़े तीन माह की बेटी है। एक माह से सर्दी है। उसे हरे रंग की लेट्रीन आ रही है। (रुकैया, मल्लहावां)

जवाब : लगता है उसे सर्दी है। वहीं डिब्बे का दूध देने के कारण इंफेक्शन भी हो सकता है। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कटोरी-चम्मच से ही दूध पिलाएं।

सवाल : नौ माह का बच्चा है। उसे हांफ आ रही है। (रवि शंकर, लखीमपुर-खीरी)

जवाब : उसे निमोनिया की शिकायत हुई है। आपने डॉक्टर को दिखाया है। दवा देते रहें। आपने उसे पूरे टीके नहीं लगवाएं यह गलत है। सबसे पहले बच्चे को सभी टीके लगवाएं। 

सवाल : 22 दिन की बेटी है। सर्दी है और उसके सीने से खड़-खड़ की आवाज आती है। (प्रीती शर्मा, लखनऊ)

जवाब : बच्ची को आप तुरंत डॉक्टर को दिखाएं। इसे निमोनिया की शिकायत हो सकती है। 

सवाल : तीन माह की बेटी है। पेट कसा रहता है और दिन में कई बार पॉटी करती है। (संतोषी मिश्रा, लखनऊ)

जवाब : बच्चे दूध पीते समय अंदर ले लेते हैं। हवा के साथ पॉटी भी निकल जाती है। यदि डॉक्टर ने देख कर सामान्य बताया है तो चिंता न करें। 

महत्वपूर्ण बातें

  • पैदा होने के एक घंटे के भीतर मां का दूध देना जरूरी है
  • शिशु को छह माह तक केवल मां का ही दूध दें
  • यदि दूध नहीं भी बन रहा है तो भी शिशु को बार-बार सीने से लगाएं, दूध बनने लगेगा
  • मां चिंतामुक्त रहे और उसे परिवारजन सहयोग करें
  • मां संतुलित आहार ले, जिसमें हरी सब्जियां, दालें, फल, दूध व दूध से बने उत्पाद जरूर शामिल हो 
  • मांसाहारी हैं तो अंडा, मछली, मांस भी ले सकती हैं। 

इसलिए मनाते हैं नवजात शिशु देखभाल सप्ताह

उत्तर प्रदेश में पैदा होने वाले एक हजार बच्चों में 46 बच्चे पांच वर्ष से पहले ही मृत्यु का शिकार हो जाते हैं। इन 46 बच्चों में से 30 बच्चे पैदाइश के बाद एक माह के अंदर ही मौत का शिकार हो जाते हैं। इसलिए जन्म के बाद के चार सप्ताह शिशु की देखरेख के लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण होते हैं। यही वजह है कि लोगों को जागरूक करने लिए भारत सरकार की ओर से नवजात शिशु देखभाल सप्ताह मनाया जाता है। 


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