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जागरण विमर्श : जहां पढ़ाई नहीं होती, वही कैंपस सियासी अखाड़े Lucknow News

जागरण विमर्श में विश्वविद्यालयों को राजनीति का अखाड़ा बनने से कैसे बचाया जाए पर उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति ने रखे विचार।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Tue, 14 Jan 2020 09:45 AM (IST)Updated: Tue, 14 Jan 2020 09:45 AM (IST)
जागरण विमर्श : जहां पढ़ाई नहीं होती, वही कैंपस सियासी अखाड़े Lucknow News

लखनऊ [पुलक त्रिपाठी]। कुछ विश्वविद्यालय अगर आज राजनीति का अखाड़ा बने हैं तो इसके लिए विवि प्रशासन जिम्मेदार हैं। अगर यह अपने मूल काम यानी शिक्षा देने में व्यस्त होते तो यहां राजनीति की फुर्सत ही नहीं मिलती। राजनीतिक दलों को अपना इस्तेमाल करने की छूट तो इन्होंने खुद दी है। राजनीतिक विचारधारा और निष्ठा से बंधे कुलपति हों, रजिस्ट्रार हों या शिक्षक। सब अपने मूल काम को भूलते जा रहे हैं। 

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सोमवार को दैनिक जागरण कार्यालय में आयोजित अकादमिक बैठक 'जागरण विमर्श' में 'राजनीति का अखाड़ा बनने से कैसे बचें विश्वविद्यालय' विषय पर ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती उर्दू अरबी फारसी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. मारूख मिर्जा ने कुछ ऐसे विचार रखे। 

मूल काम भूल गए शिक्षक

उन्होंने कहा विश्वविद्यालयों में शिक्षकों का अध्यापन से रुझान हटता जा रहा है। खुद क्लास न जाकर रिसर्च स्कॉलर भेज रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट कहा कि विश्वविद्यालयों की स्थिति सुधारने के लिए कुलपतियों के चयन, नियुक्ति, उनके कार्यकाल और कार्यकाल पूरा होने के चार वर्ष बाद तक जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए। कुलपति की चयन प्रक्रिया दूसरे राज्य में गोपनीयता के साथ कराई जानी चाहिए। विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ खेल और लाइब्रेरी में कुछ घंटे अनिवार्य किया जाना चाहिए। आप आइआइएम और आइआइटी में देखिए कोई हंगामा नहीं होता। इस बात पर निगाह रखने की जरूरत है कि उन्हें गलत कार्य के लिए कौन उकसा रहा। आइआइएम और आइआइटी के टॉपर्स को कम से कम पांच साल के लिए विवि में नियुक्त कर देना चाहिए।

छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए

छात्रसंघ चुनाव होने चाहिए, बशर्ते चुनाव में सिर्फ विवि के छात्रों की ही प्रत्यक्ष और परोक्ष भूमिका हो। विवि के टॉपर विद्यार्थी को छात्र संघ का अध्यक्ष बना दिया जाए। उन्होंने कहा कैंपस को राजनीति का अखाड़ा बनाने में शिक्षक संगठन भी कम जिम्मेदार नहीं हैं। शिक्षक संगठनों को यदि आपत्ति है तो कुलाधिपति से शिकायत करें। 

मुख्य बातें

  • नियुक्ति से लेकर कार्यकाल खत्म होने के बाद भी तय हो वीसी की जिम्मेदारी
  • शिक्षक संगठन परिसर में न बनाएं अनर्गल दबाव
  • विद्यार्थियों कों गलत कार्यों के लिए उकसाने वालों पर रखें नजर 

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