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केजीएमयू में मिलेगी सस्ती दवा, हर विभाग में बने नोडल अफसर

लखनऊ जेएनएन। केजीएमयू में हर वर्ष करोड़ों की दवा खरीद हो रही है। बावजूद ओपीडी से ल

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 01:49 AM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 05:02 AM (IST)
केजीएमयू में मिलेगी सस्ती दवा, हर विभाग में बने नोडल अफसर
केजीएमयू में मिलेगी सस्ती दवा, हर विभाग में बने नोडल अफसर

लखनऊ, जेएनएन। केजीएमयू में हर वर्ष करोड़ों की दवा खरीद हो रही है। बावजूद, ओपीडी से लेकर इनडोर तक के मरीज भटकने को मजबूर हैं। ऐसे में संस्थान ने हॉस्पिटल रिवॉल्विंग फंड (एचआरएफ) से संचालित फार्मेसी सेवा को दुरुस्त करने का फैसला किया। इसके तहत जहां कैंपस में काउंटर खुलेंगे, वहीं मेडिसिन-सर्जिकल सामान खरीद के लिए टेंडर भी तैयार कर लिया गया है।

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केजीएमयू में 70 के करीब विभाग हैं। इसमें से 55 के लगभग विभागों का संचालन हो रहा है। क्लीनिकल विभागों के वार्डो में 4,400 बेड हैं। सामान्य दिनों में हर रोज ओपीडी में आठ से नौ हजार मरीजों की भीड़ रहती थी। कोरोना काल में मरीजों की संख्या घट गई है। अब ओपीडी-इमरजेंसी में 1500 से दो हजार मरीज रोज आ रहे हैं, बावजूद इसके मरीजों को दवा के लिए भटकना पड़ रहा है। उन्हें मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रही हैं। 'दैनिक जागरण' ने 14 अक्टूबर से तीन दिनों तक केजीएमयू में दवा संकट की समस्या को उभारा। हरकत में आए संस्थान प्रशासन ने मरीजों की समस्या दूर करने का फैसला किया। ऐसे में पीजीआइ की लिस्ट से दवा खरीदने के बजाय खुद का सर्जिकल सामान व मेडिसिन का टेंडर तैयार किया। कारण, केजीएमयू में खुले कई विभाग पीजीआइ में नहीं हैं। ऐसे में सभी दवाएं पीजीआइ के टेंडर पर खरीदनी मुमकिन नहीं है। नए टेंडर में करीब 7000 मॉलीक्यूल की दवाएं व सर्जिकल सामान होंगे। जल्द ही टेंडर को अपलोड कर दवा खरीद की कंपनी तय की जाएंगी। दवाएं एचआरएफ से खरीदी जाएंगी, जो बाजार दर से मरीजों को 65 से 70 फीसद तक सस्ती मिलेंगी।

हर विभाग की जिम्मेदारी तय

संस्थान प्रशासन ने हर विभाग के एक डॉक्टर को नोडल अफसर बनाया है। यह विभाग में आवश्यक दवाओं की लिस्ट बनाएंगे। फार्मेसी में कौन सी दवा उपलब्ध नहीं है, इसका इनपुट देंगे। भर्ती व ओपीडी मरीजों को फार्मेसी से ही दवा मिल सके, इसके लिए डॉक्टर को भी दवाओं की लिस्ट मुहैया करेंगे। डॉक्टरों को इसी लिस्ट की दवाओं को लिखने का निर्देश दिया गया है।

डेढ़ सौ करोड़ की हो रही दवा खरीद

केजीएमयू में हर वर्ष डेढ़ सौ करोड़ के करीब दवा खरीद की जाती है। इसमें एचआरएफ में करीब सौ करोड़ व लोकल परचेज के तहत 45 से 50 करोड़ की दवा केजीएमयू में खरीदी जा रही हैं। भारीभरकम बजट खर्च होने के बावजूद मरीजों को मेडिकल स्टोर पर भटकना सवाल खड़ा करता है। संस्थान में अभी एचआरएफ की 11 फार्मेसी हैं। अब क्वीनमेरी व ओपीडी में भी फार्मेसी खोलने की योजना है। संस्थान में दवा खरीद के लिए टेंडर तैयार हो गया है। इसे अपलोड कर दिया जाएगा। कंपनियां फाइनल होने पर खरीद शुरू हो जाएगी। मरीज को सस्ती दर पर अंदर से ही दवा उपलब्ध होगी।

-डॉ. सुधीर सिंह, प्रवक्ता-केजीएमयू


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