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केजीएमयू के दीक्षा समारोह में पहली बार गैलरी में मेडल धारकों के लगेंगे फ्लैक्स, डाक्टरों में उत्साह

लखनऊ के केजीएमयू में 116 वर्ष के इतिहास में पहली बार दीक्षा समारोह और स्थापना दिवस समारोह में गोल्ड सिल्वर मेडल और अन्य विजेताओं को एक अलग तरह से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए गलियारे में सभी मेडल धारकों के फोटो और उनकी जानकारी फ्लेक्स के रूप में लगाई जाएगी।

By Dharmendra MishraEdited By: Published: Thu, 09 Dec 2021 04:38 PM (IST)Updated: Thu, 09 Dec 2021 09:17 PM (IST)
केजीएमयू के दीक्षा समारोह में पहली बार गैलरी में मेडल धारकों के लगेंगे फ्लैक्स, डाक्टरों में उत्साह
केजीएमयू में पहली बार लगेंगे डाक्टरों के फ्लैक्स।

लखनऊ, जागरण संवाददाता।  लखनऊ के किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के 116 वर्ष के इतिहास में पहली बार दीक्षा समारोह और स्थापना दिवस समारोह में गोल्ड, सिल्वर मेडल और अन्य विजेताओं को एक अलग तरह से सम्मानित किया जाएगा। इसके लिए अतिथियों के आने वाले गलियारे में सभी मेडल धारकों के फोटो और उनकी जानकारी फ्लेक्स के रूप में लगाई जाएगी।

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केजीएमयू का दीक्षा समारोह 17 दिसंबर और स्थापना दिवस समारोह 18 दिसंबर को आयोजित होना है। यह आयोजन अटल बिहारी बाजपेई साइंटिफिक कन्वेंशन सेंटर में होगा। विश्वविद्यालय के 17वें दीक्षा समारोह में 64 पदक वही 116वें स्थापना दिवस समारोह में 90 पदक दिए जाने हैं। इस तरह दोनों समारोह को मिलाकर कुल 154 पदक 97 स्नातक, स्नातकोत्तर और सुपर स्पेशलिटी छात्रों को दिए जाने हैं। छात्र छात्राओं को एक अलग अनुभव और प्रेरणा देने के लिए केजीएमयू के कुलपति ने कुछ अलग करने का निर्णय लिया। इस बाबत कुलपति लेफ्टिनेंट जनरल डॉ बिपिन पुरी ने बताया कि संस्थान के इतिहास में पहली बार विजेताओं के सम्मान में हम उनकी जानकारियां फ्लेक्स के रूप में उपलब्ध करवा रहे हैं। इससे न केवल विजेताओं का मनोबल बढ़ेगा बल्कि अन्य छात्रों को भी अपने बेहतर प्रयास करने की प्रेरणा मिलेगी।

विजेताओं को मिलने वाले 154 पदकों में 104 स्वर्ण, 35 रजत, 6 कांस्य, 5 नकद पुरस्कार, दो किताबें और दो स्पोर्ट्स ट्रॉफी शामिल हैं। इस वर्ष पुरुष छात्रों की अपेक्षा ज्यादा महिला छात्र पदक विजेता रही हैं मसलन 62 लड़कियों ने 83 पदक अपनी झोली में किए वहीं 35 लड़कों ने 71 पदक जीते हैं।

कुलपति ने डॉक्टर सौम्या स्वामीनाथन को डाक्टरेट आफ साइंस की मानद उपाधि देने की भी घोषणा की है। डॉक्टर स्वामीनाथन को मार्च 2019 में विश्व स्वास्थ्य संगठन की पहली चीफ साइंटिस्ट के रूप में किया गया था। डा सौम्या बाल रोग विशेषज्ञ हैं और क्षयरोग पर अपने शोध के लिए विश्व प्रसिद्ध हैं। वह 2015 से 2017 तक भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद की सचिव भी रह चुकी हैं। केजीएमयू के दीक्षा समारोह में वह आभासी रूप से मौजूद रहेंगी।


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