Kamlesh Tiwari Murder Case: हिंदूूवादी नेता बनकर कमलेश के करीब पहुंचा था हत्यारा अशफाक
अशफाक ने रोहित सोलंकी राजू के नाम से दो फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया था।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदुवादी नेता और हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी की हत्या से पहले हत्यारे ने बड़ी तैयारी की थी। उसने हिंदू नाम से फेसबुक अकाउंट बनाया और कमलेश तिवारी की पार्टी का गुजरात में प्रचार प्रसार भी किया। गुजरात में कमलेश तिवारी की पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के संपर्क में आकर उसने लखनऊ से जुड़ी सारी जानकारी हासिल की। पार्टी के गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष के जरिए कमलेश तिवारी और उनके खास सहयोगियों तक हत्यारा पहुंच गया। भगवा पहनने से लेकर हिंदू संस्कृति तक उसने पिछले कुछ महीनों के दौरान सीख ली। जिससे किसी को उसके मुसलमान होने पर कोई शक न हो।
हत्यारे अशफाक ने रोहित सोलंकी राजू के नाम से दो फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाया था। उसने खुद को मुंबई आधारित मेडिकल कंपनी का सूरत में प्रतिनिधि बताते हुए पहले हिंदू समाज पार्टी के गुजरात के प्रदेश अध्यक्ष जैमिन बापू से संपर्क किया था। जैमिन बापू पर कमलेश तिवारी की पार्टी का गुजरात में विस्तार करने की जिम्मेदारी थी। जैमिन बापू से जुड़कर अशफाक गुजरात में रोहित सोलंकी राजू के नाम से पार्टी के हर कार्यक्रम में शामिल होने लगा। जैमिन बापू का करीबी बनते ही उसने अपने दो फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाए। एक अकाउंट रोहित सोलंकी राजू और दूसरा रोहित सोलंकी हिंदू समाज पार्टी के नाम से बनाया।
रोहित सोलंकी राजू की फेसबुक आइडी पर अशफाक ने 24 मई को पहली फोटो पोस्ट की। जिसमें उसे इनाम लेते हुए दिखाया जा रहा है। इसके बाद उसने अगले ही दिन 25 मई को नाथूराम गोडसे की फोटो अपलोड कर दी। दो दिन बाद अशफाक ने राधाकृष्ण के साथ हिंदुु पर आधारित तीन और फोटो पोस्ट किए। अब तक दाढ़ी वाले अशफाक ने सेव क्लीन करवाकर कोट पैंट में अपनी फोटो को आठ जून को पोस्ट किया। वही उसकी आखिरी पोस्ट थी। जबकि दूसरे फेसबुक अकाउंट पर अशफाक ने 16 मई को हिंदू देवों की फोटो पहली बार पोस्ट की थी। इसके बाद 10 अगस्त को हिंदुत्व और पार्टी की तीन फोटो व आखिरी फोटो 25 सितंबर अपलोड की गई।
लखनऊ तक कई थे संपर्क में
रोहित सोलंकी के नाम से बने फेसबुक अकाउंट में हिंदू समाज पार्टी के साथ हिंदुवादी संगठनों के करीब 421 लोग जुड़े थे। पार्टी के पश्चिमी क्षेत्र के प्रभारी इटावा निवासी गौरव गोस्वामी को अशफाक ने कई बार फोन भी किया। वह गौरव से भी मिलना चाहता था। खुद गुजरात के पार्टी अध्यक्ष जैमिन बापू ने ही गौरव को फोन पर कहा था कि रोहित आ रहा है। उसे राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलवा देना। कमलेश की हत्या के बाद जैमिन बापू ने गौरव गोस्वामी को फोन करके कहा था कि रोहित सोलंकी ही अशफाक निकला।
तो कमलेश के घर में ठहरते
रोहित सोलंकी के नाम से अशफाक ने गौरव को फोन करके पार्टी कार्यालय में ठहरने की बात कही थी। यह भी पूछा था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के साथ कौन-कौन रहता है। जिस पर गौरव ने बताया था कि घर पर सुरक्षा रहती है। इसलिए बेहतर होगा आप आसपास के होटल में रुक जाएं।
17 अक्टूबर 18अक्टूबर
- बजे रात में हत्यारे होटल खालसा इन पहुंचे।
- बजे सुबह दोनों हत्यारे होटल से बाहर आए।
- बजे होटल में खाने का ऑर्डर दिया।
- बजे दोपहर में दोनों होटल लौटे।
- बजे होटल का कर्मचारी खाना लेकर कमरे में पहुंचा। जहां दोनों ने खाना खाया।
- बजे रिसेप्शन पर चाभी देकर शाम तक लौटने की बात कहकर दोनों चले गए।
- बजे रात में दोनों फिर वापस होटल पहुंचे।
- बजे पुलिस होटल पहुंची और ताला खोलकर पड़ताल शुरू की।
- बजे खाना खाकर दोनों बाहर निकले। खुद रिसेप्शन पर थाली देकर सिगरेट पीने की बात कहकर निकले।
- बजे रात में दोनों के न लौटने पर होटल कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना दी।
होटल संचालक के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
नाका स्थित होटल खालसा इन में कमलेश तिवारी के हत्यारोपितों के रुकने के बाद से होटल संचालक के साथ पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। हत्यारों के जाने के बाद भी होटल स्टाफ ने 31 घंटे तक कमरा चेक तक नहीं किया। शनिवार रात में खून से सने कपड़े देखकर पुलिस को सूचना दी। खालसा इन होटल आर्यनगर नाका निवासी हर¨वदर सिंह का है, जिसे राजस्थान निवासी हेमराज सिंह ने ढाई लाख रुपये महीने पर लीज पर ले रखा है। होटल संचालक ने दोनों की आइडी ली, रजिस्टर में नाम दर्ज किए, लेकिन पूरी तरह से पड़ताल नहीं की। अगर ठीक से पड़ताल होती तो दोनों हत्यारे होटल में ही पकड़े जाते।
कहां किया था 10 को मूव
अशफाक ने फेसबुक पर 10 अगस्त की शाम 6:22 बजे एक पोस्ट की थी। लिखा था कि मूव टू सूरत। यह जिक्र नहीं किया कि वह कहां से सूरत जा रहा है।
राशिद की मां व अशफाक की पत्नी से पूछताछ
सूरत पुलिस की क्राइम ब्रांच ने रविवार को आरोपित राशिद की मां व अशफाक की पत्नी से पूछताछ की। पुलिस को पता चला है कि तिवारी की हत्या को मौलाना मोहसिन शेख सलीम ने शरीयत कानून के तहत जायज ठहराया था। तिवारी के भड़काऊ बयान सुनाकर उसने राशिद अमहद पठान के भाइयों मोइन व अशफाक को उनकी हत्या के लिए भड़काया था। पुलिस के अनुसार, मोहसिन ने राशिद को इस हत्याकांड की साजिश के लिए तैयार किया था। वह अशफाक व मोइन खान उर्फ मोइनुद्दीन को भी तिवारी की हत्या के लिए उकसाता था।