अब बाल संरक्षण गृहों के बच्चे भी जा सकेंगे स्कूल, BSA ने जारी किए निर्देश Lucknow News
लखनऊ में बाल संरक्षण गृहों के बच्चे भी जा सकेंगे स्कूल। बीएसए ने जारी किए निर्देश।
लखनऊ, जेएनएन। बाल संरक्षण गृहों के बच्चे भी अब स्कूलों में जाकर अध्ययन कार्य कर सकेंगे। इस बाबत राष्ट्रीय बाल आयोग के नोटिस पर शिक्षा निदेशक सूबे के सभी जिलों के बीएसए को निर्देश जारी किए हैं।
बाल संरक्षण आयोग द्वारा जारी पत्र में साफ कहा गया है कि संरक्षण गृहों में बंद बच्चों का स्कूलों में दाखिला कराया जाए। इस संबंध में आयोग ने शिक्षा विभाग से 30 दिन में रिपोर्ट भी तलब की है। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई है कि संरक्षण गृह में बंद बच्चों को भी बाहरी दुनिया और शिक्षा का ज्ञान हो सके।
बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए बाल अधिकारियों के संरक्षण के लिए काम करने वाली संस्थान महफूज सुरक्षित बचपन के समन्वयक नरेश पारस ने आगरा के राजकीय बाल गृह शिशु में इसके तरह प्रयोग भी किया था। इसके बाद वहां के 18 बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर स्कूलों में जाने लगे। सूबे के कुछ अन्य जनपदों में भी यह व्यवस्था लागू हुई थी। इसके बाद नरेश पारस ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग को पत्र लिखकर अन्य जिलों में भी यह व्यवस्था को शुरू करने के लिए पत्र लिखा था।
भागने के डर से पहले अनौपचारिक शिक्षा का था प्राविधान : पहले संरक्षण गृहों में बच्चों को अनौपचारिक शिक्षा दिए जाने का प्राविधान था। इस कारण बच्चों को पढ़ाई-लिखाई का ज्ञान तो होता था पर उन्हें इसका कोई प्रमाणपत्र नहीं मिलता था। साथ ही संरक्षण गृहों के बच्चों के भागने का डर रहता था। अब बच्चे भागे न इस लिए उनकी सुरक्षा की अगल से व्यवस्था भी की जा रही है।