Move to Jagran APP

रवि किशन को जॉन अब्राहम ने दिए थे बॉडी बनाने के टिप्‍स

शहर में मेहमान : कार्यक्रम के सिलसिले में मंगलवार को शहर पहुंचे अभिनेता रवि किशन ने कहा यूपी सरकार लखनऊ में बनाए फिल्म स्टूडियो।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Tue, 04 Dec 2018 06:52 PM (IST)Updated: Wed, 05 Dec 2018 06:15 AM (IST)
रवि किशन को जॉन अब्राहम ने दिए थे बॉडी बनाने के टिप्‍स
रवि किशन को जॉन अब्राहम ने दिए थे बॉडी बनाने के टिप्‍स

लखनऊ, जेएनएन। छोटे बजट में उत्तर प्रदेश में अच्छी फिल्म बनाई जा सकती है। फिल्म बंधु बधाई का पात्र है, जो स्थानीय कलाकारों के साथ ही मुंबई के कलाकारों को भी काम दे रहा है। मैं तो जब भी यहां आता हूं, यूपी सरकार से फिल्म स्टूडियो बनाने की मांग ही नहीं इसके लिए पूरा प्रयास भी कर रहा हूं। यह बातें एक कार्यक्रम के सिलसिले में मंगलवार को शहर पहुंचे अभिनेता रवि किशन ने कहीं। इस मौके पर उन्होंने साझा किए अनुभव।

loksabha election banner

को-आर्टिस्ट को डराता नहीं

रवि कहते हैं, करीब साढ़े पांच सौ फिल्मों का मेरा इतिहास है। जब भी नए लोग मेरे साथ काम करते हैं, तो मुझे लेकर थोड़ा डरे होते हैं। पर, मैं को-आर्टिस्ट डराने के बजाए दोस्ताना माहौल क्रिएट करता हूं। कुछ पूछते हैं तो मदद भी करता हूं।

वेब सीरीज में सेंसर नहीं

आजकल वेब सीरीज काफी पापुलर हो रही हैं। उसकी वजह यही है कि उसमें फ्रीडम है, वहां पर सेंसर की कैंची नहीं चलती। सीक्रेट गेम्स, मिर्जापुर जैसे शो हिट चुके हैं। खास बात यह है कि इसकी स्क्रिप्ट बहुत कसी हुई होती है। दर्शकों में इसका एडिक्शन है। यही वजह है कि इसमें क्रांति आ चुकी है।

बॉडी बनाने में जॉन ने की मदद

फिल्म बाटला हाउस के लिए मैंने बॉडी बनाई है। इसमें जॉन अब्राहम का बड़ा हाथ है। ठंडे पानी में घंटों एक्सरसाइज करता हूं जिससे यह कट्स बने हैं। हर फिल्म में एक अलग किरदार होता है। रंगबाज फिल्म में माफिया, बाटला हाउस में पुलिस अफसर और डीसेंट ब्वॉय में एक स्कूल का मालिक बना हूं। किरदार के अनुसार खुद को ढालता हूं।

बनारस भोलेनाथ की नगरी

मैं शिव का भक्त हूं इसलिए बनारस मेरी प्रिय नगरी है और इससे विशेष लगाव है। यह शहर किसी की बपौती नहीं है। न ही इसका कभी बुरा नहीं हो सकता है क्योंकि यह भोले की नगरी है।

अंग्रेजी पढ़ाएं, हिंदी का महत्व भी बताएं

इस मौके पर रवि किशन के साथ मौजूद फिल्म निर्देशक बॉबी खान, निर्माता शहाब इलाहाबादी व बाल कलाकार देवांश मलिक ने एक स्वर में कहा कि आज की शिक्षा पद्धति काफी बदल गई है। अंग्रेजी पढ़ाइए, मगर हिंदी का महत्व भी बच्चों को बताया जाए। फिल्म के जरिए शिक्षा पद्धति पर चोट करना चाहते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.