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जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे का काम हुआ शुरू, पेरिस के ज्यूरिख एयरपोर्ट की तरह मिलेंगी सुविधाएं

Jewar International Airport जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब विकसित करने की योजना है। इसके लिए किसी बड़ी एयरलाइंस से समझौता होता है। इसके साथ ही जेवर एयरपोर्ट में पेरिस के ज्यूरिख एयरपोर्ट की तरह तकनीक देखने को मिलेगी।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2022 07:08 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jun 2022 06:41 AM (IST)
जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के रनवे का काम हुआ शुरू, पेरिस के ज्यूरिख एयरपोर्ट की तरह मिलेंगी सुविधाएं
Jewar International Airport: देश का पहला ट्रांजिट हब बनेगा जेवर, रनवे का काम हुआ शुरू

Jewar International Airport: लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहा देश के सबसे बड़े नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर के रनवे का काम शुरू हो गया है। एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई 3900 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर होगी। यहां एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब विकसित करने की योजना भी बनाई जा रही है। देश में अभी किसी एयरलाइंस का ट्रांजिट हब नहीं है। निवाल ने यह सुझाव विकासकर्ता कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट (वाईआईएपीएल) को दिया है।

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नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के निर्माण का ठेका टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के पास है। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएपीएल) के मुताबिक टाटा प्रोजेक्ट इस परियोजना के लिए इंजीनियरिंग, निर्माण सामग्री की आपूर्ति और निर्माण से जुड़ी तमाम गतिविधियों को पूरा करेगी।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट में एशिया पैसेफिक ट्रांजिट हब विकसित करने की योजना है। इसके लिए किसी बड़ी एयरलाइंस से समझौता होता है। समझौता करने वाली एयरलाइंस अन्य एयरलाइंस को अपने साथ जोड़ती है। हब बनने के बाद उसकी सभी फ्लाइट यहां से होकर गुजरेंगी।

ट्रांजिट हब बनने से एयरपोर्ट में फ्लाइट का आना-जाना अधिक होगा। जब फ्लाइट अधिक आएंगी तो रोजगार के अवसर बनेंगे। व्यापार भी बढ़ेगा। इसलिए यह हब बनने से अनेक फायदे मिलेंगे। यात्री सुविधाएं, सामान प्रबंधन, इम्मिग्रेशन आदि पर जोर दिया जाएगा एयरपोर्ट में लाउंज से सीधे विमान तक पहुंचने की सुविधा मिल सकती है।

जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर यात्रियों के सामान को रखने पहुंचाने में नई तकनीक का इस्तेमाल होगा इसके लिए मल्टी लेयर लैगेज पार्किंग बनेगी। यहां पर अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। जेवर एयरपोर्ट में भी पेरिस के ज्यूरिख एयरपोर्ट की तरह तकनीक देखने को मिलेगी।

बता दें कि जूरिक इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी ने वर्ष 2019 में नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को विकसित करने के लिए बिड हासिल की थी। तब से लेकर अब तक इस दिशा में कई महत्वपूर्ण पड़ाव पार किए गए हैं। इनमें सिक्योरिटी क्लीयरेंस, कंसेशन एग्रीमेंट, आर्किटेक्ट का चयन, ब्रांड आईडेंटिटी, शेयर होल्डर एंड स्टेट सपोर्ट एग्रीमेंट, मास्टर प्लान से जुड़ी मंजूरियां, डेवलपमेंट प्लान, एसबीआई के साथ वित्तीय समझौता और ईंधन की उपलब्धता जैसे महत्वपूर्ण काम पूरे किए गए हैं। एक अक्टूबर 2021 से कंस्ट्रक्शन टाइम लाइन शुरू हो चुकी है।

25 नवंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था। एयरपोर्ट में टर्मिनल वन बिल्डिंग 90 हजार वर्ग मीटर में बनेगी। विकासकर्ता कंपनी के साथ किए गए अनुबंध के मुताबिक 30 सितंबर 2024 से पहले एयरपोर्ट से उड़ान शुरू हो जाएंगी। अगर निर्माण कार्य व उड़ान में देरी होती है दस लाख रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगाया जाएगा।


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