Janmashtami 2018:जन्माष्टमी पर इस बार भी दो दिन, मथुरा में तीन को आयोजन
अष्टमी तिथि रविवार शाम पांच बजकर 9 मिनट से प्रारम्भ होकर सोमवार को दोपहर दिन में 3 बजकर 29 मिनट तक व्याप्त रहेगी।
लखनऊ (जेएनएन)। भगवान कृष्ण की जयंती श्री कृष्ण जन्माष्टमी भी इस बार दो दिन मनाई जाएगी। उदया तिथि अष्टमी एवं उदय कालिक रोहिणी नक्षत्र को मानने वाले वैष्णव जन तीन को श्री कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत पर्व मनाएंगे। इसके साथ ही कल भी इसका आयोजन किया जाएगा।
अष्टमी तिथि रविवार शाम पांच बजकर 9 मिनट से प्रारम्भ होकर सोमवार को दोपहर दिन में 3 बजकर 29 मिनट तक व्याप्त रहेगी। इसके साथ ही रोहिणी नक्षत्र भी रविवार की सायं 6 बजकर 29 मिनट से प्रारम्भ होकर अगले दिन सोमवार को दिन में पांच बजकर 35 मिनट तक व्याप्त रहेगी। इस प्रकार 2 सितम्बर दिन रविवार को ही अष्टमी एवं रोहिणी नक्षत्र दोनों का योग अर्धरात्रि के समय मिल रहा है। दो सितम्बर को ही जयन्ती योग में श्रीकृष्णावतार एवं जन्माष्टमी का व्रत सबके लिए होगा।
भगवान श्री कृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र व्याप्त भाद्र पद अष्टमी को मध्य रात्रि में हुआ था। जन्म के समय स्थिर लग्न वृष का उदय हो रहा था एवं चन्द्रमा का संचरण भी वृष राशि में ही हो रहा था। इसी कारण प्रत्येक वर्ष वृष लग्न एवं वृष राशि मे श्री कृष्ण जन्मोत्सव विश्वभर में मनाया जाता है। जैसा कि शास्त्रों के माध्यम से स्पष्ट होता है भगवान श्री कृष्ण के जन्म के समय चंद्र ,गुरु,मंगल ,अपनी अपनी उच्च राशि मे ,सूर्य ,शुक्र स्वगृही विद्यमान थे साथ ही चतुर्थ भाव मे बुधादित्य योग का निर्माण हो रहा था ।
इस वर्ष भी जन्म के समय सूर्य सुख का एवं शुक्र लग्न का कारक होकर अपनी स्वराशि में विद्यमान रहेंगे। इसके साथ ही सप्तम भाव का कारक ग्रह मंगल एवं पराक्रम भाव का कारक ग्रह चंद्र अपनी-अपनी उच्च राशि मे विद्यमान रहेंगे। सिंह राशि में ही बुधादित्य योग भी बनेगा। साथ ही राहु के तीसरे भाव मे विद्यमान रहने से उत्तम योगो का निर्माण होगा। इस प्रकार जयंती योग के साथ मालव्य, यामिनिनाथ योग, रविकृत राजयोग, बुधादित्य योग अति फल दायक होंगे।