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गोरखपुर-देवरिया ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहे इस्लामिया स्कूल

बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों को 'इस्लामिया' नाम जोड़कर नया कलेवर देने वाले स्कूल सिर्फ गोरखपुर-देवरिया ही नहीं पूरे प्रदेश में संचालित हैं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Tue, 24 Jul 2018 09:26 PM (IST)Updated: Wed, 25 Jul 2018 05:54 PM (IST)
गोरखपुर-देवरिया ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहे इस्लामिया स्कूल
गोरखपुर-देवरिया ही नहीं पूरे उत्तर प्रदेश में चल रहे इस्लामिया स्कूल

लखनऊ (जेएनएन)। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों को 'इस्लामिया नाम जोड़कर नया कलेवर देने वाले स्कूल सिर्फ गोरखपुर-देवरिया ही नहीं पूरे प्रदेश में संचालित हैं। गोरखपुर और देवरिया जनपद में ऐसे स्कूल संचालित होने का मामला सामने आया है जहां प्राथमिक विद्यालय के आगे इस्लामिया शब्द जोड़कर मनमाने तौर पर अवकाश का दिन भी रविवार के स्थान पर शुक्रवार तय कर लिया गया। पड़ताल करने पर पता चला कि ऐसा सिर्फ एक-दो नहीं लगभग सभी जिलों में हो रहा है। 'जागरण की पड़ताल में सुलतानपुर में ऐसे सात, बाराबंकी में चार, सीतापुर व हरदोई में तीन-तीन, फैजाबाद व श्रावस्ती में एक-एक स्कूल मिले जहां स्कूल के नाम के पहले या बाद में इस्लामिया लिखा है।
 

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रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश 

सुलतानपुर में दूबेपुर ब्लॉक के मुस्लिम बहुल गांव बनकेपुर, फिरोजपुर कलां, कुड़वार ब्लॉक के धरावां व गंजेहड़ी, बल्दीराय के नंदौली, दोस्तपुर नगर पंचायत व कूड़ेभर ब्लाके के इटकौली में ये विद्यालय स्थित हैं। यहां रविवार की जगह शुक्रवार को अवकाश होता है। बाराबंकी में दरियाबाद, बनगवां, मोहल्ला गढ़ी, सतरिख में इस्लामिया नाम से स्कूल संचालित हैं। अब यहां डीएम उदयभानु के निर्देश पर बीएसए जांच कर रहे हैं, जिन्होंने बुधवार तक सभी संकुल प्रभारियों से ऐसे विद्यालयों की सूची देने को कहा है। श्रावस्ती जिला मुख्यालय भिनगा के उच्च प्राथमिक विद्यालय सत्तीचौरा की दीवार पर मोटे अक्षरों में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय भिनगा अंकित है। सीतापुर के लहरपुर क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय गांधीनगर, शाहकुलीपुर, सुल्तानापुर शाहपुर इस्लामिया नाम से चलते हैं। यहां के बीएसए अजय कुमार ऐसी किसी जानकारी से इन्कार करते हैं। फैजाबाद में सोहावल खंड शिक्षाक्षेत्र में इस्लामिया प्राथमिक विद्यालय कोला का संचालन हो रहा है।

 

हरदोई में तीन स्कूल पर छुट्टी रविवार को ही 

हरदोई में तीन परिषदीय विद्यालयों में इस्लामिया स्कूल लिखे होने की बात सामने आई है। बिलग्राम के मलकंठ मुहल्ले में 1934 से विद्यालय स्थापित है, तो बावन का इस्लामिया स्कूल अल्पसंख्यक आबादी में है। पाली का भी यही हाल है। लेकिन इन स्कूलों में रविवार को ही छुट्टी होती है। बीएसए हेमंतराव का कहना है कि वह पूरी जानकारी लेंगे। गड़बड़ी मिली तो कार्रवाई होगी।

तीन स्कूलों के नाम के आगे से हटाया गया इस्लामिया

जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए अधिकारियों ने आनन-फानन गोरखपुर के दोनों स्कूलों के आगे से इस्लामिया शब्द मिटवा दिया। देवरिया में भी एक अन्य विद्यालय के नाम के आगे से इस्लामिया शब्द हटवाया गया। उधर, महराजगंज में मिले एकमात्र इस्लामिया स्कूल में अवकाश का दिन शुक्रवार से बदल कर रविवार कर दिया गया। 

प्राइमरी व जूनियर स्कूलों में हो रही शुक्रवार को छुट्टी

मेरठ : बेसिक शिक्षा परिषद के प्राइमरी और जूनियर हाईस्कूलों के नाम में 'इस्लामिया जोडऩे के मामले कुछ जिलों में मिले हैं। मेरठ में ऐसा कोई स्कूल नहीं है, लेकिन कई स्कूलों ने रविवार की जगह शुक्रवार का अवकाश जरूर लागू कर रखा है। ऐसे स्कूल अधिकतर ग्रामीण अंचलों में हैं। इनमें प्राइमरी व जूनियर स्कूल मेदपुर रजपुरा ब्लॉक, प्राइमरी स्कूल कायस्थ बड्ढा माछरा ब्लॉक, खरखौदा बीआरसी स्थित प्राइमरी व पूर्व माध्यमिक स्कूल, प्राथमिक विद्यालय जानीकलां, सिवाल, सिवाल नंबर-दो आदि में शुक्रवार को छुट्टी होती है और रविवार को बच्चों को स्कूल बुलाया जाता है। 

विभाग ने नहीं भेजा कोई पत्र

प्राइमरी स्कूल कायस्थ बड्ढा के इंचार्ज जितेंद्र के अनुसार वे वर्ष 2014 से विद्यालय में हैं। इससे पहले से ही गांव वालों की ओर से स्कूल की छुट्टी शुक्रवार को करवाई जा रही है। रविवार को स्कूल खुला रहता है। उन्होंने बताया कि बीएसए की ओर से शुक्रवार के बजाय रविवार को स्कूल खोलने संबंधी कोई पत्र नहीं आया है। जूनियर स्कूल मेदपुर की इंचार्ज क्रिस्टिना प्रसाद के अनुसार पिछले सप्ताह बीएसए की ओर से पत्र भेजा गया जिसमें स्कूल को शुक्रवार की बजाय रविवार को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। स्कूल में रविवार को छुट्टी होने लगी है। इस व्यवस्था के बाद से मुस्लिम समुदाय के बच्चे स्कूल से नाम कटवाकर मदरसे में दाखिला लेने लगे हैं। 

फैज-ए-आम में भी ताक पर नियम 

मेरठ के दिल्ली रोड स्थित फैज-ए-आम इंटर कालेज में भी माध्यमिक शिक्षा परिषद के नियमों का पालन नहीं किया जाता। इसमें भी सभी बच्चों की छुट्टी शुक्रवार को होती है, जबकि रविवार को स्कूल खुलता है। स्कूल के प्रधानाचार्य अली जान का कहना है कि स्थापना के समय से ही यह कालेज शुक्रवार को बंद रहता है और रविवार को खुला रहता है। यह उनके स्कूल की नियमावली में है और परिषद से अनुमति प्राप्त है।  

परिषद की नियमावली में रविवार के स्थान पर शुक्रवार को अवकाश रखने संबंधी कोई निर्देश नहीं दिए गए हैं। यदि फैज-ए-आम को परिषद से कोई विशेष अनुमति मिली है तो दस्तावेज मांगे जाएंगे। अगर ऐसे दस्तावेज नहीं मिले तो उन्हें भी परिषद के नियमों के अनुरूप ही स्कूल संचालन करना होगा।

-गिरजेश कुमार चौधरी, जिला विद्यालय निरीक्षक। 

परिषद की नियमावली में ऐसा कोई नियम नहीं है कि रविवार की बजाय किसी और दिन छुट्टी कर ली जाए। मेदपुर का मामला संज्ञान में आया था जिसे रविवार को बंद कर शुक्रवार को खुलवा दिया गया है। और भी स्कूल इस तरह संचालित हो रहे हैं, तो उन्हें शुक्रवार के स्थान पर रविवार को अवकाश रखने के निर्देश जारी किए जाएंगे।

-सतेंद्र कुमार, बेसिक शिक्षा अधिकारी।


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