ISIS Terrorist : भड़काऊ पोस्ट देख यूसुफ ने अपनाई आतंक की राह, जकात के पैसों से खरीदा विस्फोट का सामान
ISIS Terrorist यूसुफ ने कबूल किया है कि सऊदी में रहने वाले उसके मामा ने ईद में 40 हजार रुपये जकात के नाम पर भेजे थे। उसी पैसे से घर में विस्फोटक जमा किए और आत्मघाती जैकेट बनाया।
लखनऊ, जेएनएन। सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट देखकर मुस्तकीम उर्फ अबू यूसुफ आतंक की राह पर बढ़ निकला और दिल्ली को दहलाने की योजना बना डाली। पुलिस के मुताबिक अबू यूसुफ उर्फ मुस्तकीम ने कबूल किया है कि सऊदी में रहने वाले उसके मामा ने ईद में 40 हजार रुपये जकात के नाम पर भेजे थे। उसी पैसे से घर में विस्फोटक जमा किए और आत्मघाती जैकेट बनाया।
आत्मघाती जैकेट बनाने के बाद उसे डर लगने लगा था। कोरोना संक्रमण काल में जब पुलिसकर्मी उसके गांव की तरफ आते दिखते थे तो वह छिपने का प्रयास करता था। गांव के कब्रिस्तान में विस्फोट के बारे में बताया कि उसने पहली बार बम बनाया था, जिसका परीक्षण वहां किया था। बीते शुक्रवार को वह घर से ही विस्फोटक की खेप लेकर निकला था। पुलिक के मुताबिक सिद्धार्थनगर जिले के ढेबुरूवा गांव पर भी जांच एजेंसियों की निगाहें हैं। यहां उसकी रिश्तेदारी है। वह अक्सर अपने रिश्तेदार के यहां आता-जाता रहता था।
पुलिस लगाएगी नव धनाढ्यों का पता : मुस्तकीम उर्फ अबू यूसुफ के पकड़े जाने के बाद खुफिया एजेंसियों और पुलिस की नजरें इलाके के नव धनाढ्यों पर टिक गई हैं। जिले में तेजी से अमीर बनने वाले लोगों की लंबी फेहरिस्त है। आयकर विभाग ने 25 नव धनाढ्यों की सूची तैयार की थी, लेकिन छापेमारी नहीं शुरू की। उतरौला कोतवाली क्षेत्र के 20 हजार लोग कुवैत, ईरान, मस्कट, सऊदी अरब व पाकिस्तान में नौकरी कर रहे हैं। पुलिस की निगाहें इन पर टिकी हैं। इनका ब्योरा जुटाया जाएगा।
खुफिया एजेंसियों की टीम गठित : अभी तक एलआईयू नव धनाढ्य लोगों का सत्यापन करती थी, जिसकी रिपोर्ट आयकर विभाग को भेज दी जाती थी। अब पुलिस टीम को जिम्मेदारी दी गई है। पचपेड़वा, गैंसड़ी, तुलसीपुर व हरैया क्षेत्र के करीब 50 से अधिक लोग ऐसे हैं जिनके पास थोड़ा समय पहले तक कुछ नहीं था लेकिन, आज उनके पास लग्जरी गाड़ियां व पक्के मकान समेत कई शान-ओ-शौकत की वस्तुएं मौजूद हैं। एसपी देवरंजन वर्मा के अनुसार बीट पुलिस अधिकारी, एलआईयू व अन्य खुफिया एजेंसियों की टीम गठित की जा चुकी है। ये टीमें तेजी से अमीर हुए लोगों की पूरी जानकारी जुटाएंगी।
मदरसों पर भी प्रशासन की नजर, होगा सत्यापन : प्रशासन हर स्तर पर सतर्कता बरत रहा है। इसी कड़ी में जिले के मदरसों में हो रही गतिविधियों पर भी पुलिस ने नजरें गड़ा दी हैं। जिले में 614 मान्यता प्राप्त मदरसे हैं। दिल्ली पुलिस व यूपी एटीएस से मिले इनपुट के बाद स्थानीय पुलिस ने बैठक कर मदरसों के सत्यापन की रणनीति बनाई है। कई मदरसे तो कागजों में दर्ज भी नहीं हैं। मदरसों के सत्यापन के लिए पुलिस व एलआईयू की संयुक्त टीम का गठन किया गया है। अभी तक एलआईयू व अल्पसंख्यक विभाग मदरसों की जांच करता रहा है। पुलिस के अनुसार मदरसा संचालकों को होने वाली फंडिंग, अभिलेखों के सत्यापन व अध्ययनरत छात्र-छात्राओं सहित पूरा ब्योरा एकत्र किया जाएगा।