ISIS Terrorist: उत्तराखंड से जुड़े हो सकते हैं आतंकी के तार, विदेश भागने की फिराक में था मुस्तकीम
बलरामपुर में दुकान पर आए पार्सल ने खड़े किए सवाल ISIS आतंकी मुस्तकीम के अलीगढ़ व कर्नाटक में भी थे संपर्क के लोग।
बलरामपुर [श्लोक मिश्र]। खाड़ी देशों से आतंक का सफर शुरू करने वाला मुस्तकीम अपने मंसूबों को अंजाम देने के बाद परिवार सहित विदेश भागने की फिराक में था। इसके लिए उसने पत्नी व बच्चों के पासपोर्ट भी तैयार करा लिए थे। वर्ष 2016 में 15 दिन कतर में रहकर अपने घर लौट आया। जबकि उसके दो भाई अब भी कतर में ही हैं। कतर जाने से पहले ही उसने आतंक की राह चुन ली थी। इसी प्लान के तहत उसने उत्तराखंड जाकर पीओपी का काम किया। वहां चोटिल होने के बाद गांव आकर दुकान की आड़ में देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का प्लान तैयार किया।
पाकिस्तान के इशारे पर था मुस्तकीम
पांच साल से अधिक समय सऊदी अरब व दुबई में गुजारने के बाद मुस्तकीम ने आतंक की दुनिया में कदम रखा था। 2015 में वह आइएसकेपी के सरगना यूसुफ अलहिंदी के जरिए संगठन से जुड़ा। इसके बाद 2016 में कतर से लौटकर उत्तराखंड में प्लास्टर ऑफ पेरिस का काम शुरू किया। 2017 में जब यूसुफ सीरिया में मारा गया, तो मुस्तकीम उत्तराखंड में ही था। यहां से वह पाकिस्तान के अबू हफ्जा के इशारे पर काम कर रहा था। चोटिल हो जाने के कारण वह गांव लौट आया, लेकिन अपने नापाक मंसूबों पर काम करता रहा।
अनसुलझे सवाल
दो साल पहले हासिमपारा में शुरू की कॉस्मेटिक की दुकान कभी-कभार ही खुलती थी। 20 अगस्त को उसके दुकान के पते पर एक पार्सल आया था। पार्सल मिलते ही वह घर से प्रेशर कुकर लेकर लखनऊ के लिए रवाना हो गया। पार्सल कहां से आया था, घर की जगह दुकान के पते पर क्यों आया, उसमें क्या था, ऐसे तमाम अनसुलझे सवाल हैं, जो लोगों की जेहन में कौंध रहे हैं। बताया जाता है कि उसके संपर्क में अलीगढ़ व कर्नाटक के लोग थे। बोले एसपी :-पुलिस अधीक्षक देवरंजन वर्मा का कहना है कि दिल्ली पुलिस व यूपीएटीएस ने सभी पहलुओं पर जांच की है। स्थानीय पुलिस ने उनका पूरा सहयोग किया है। सुरक्षा की दृष्टि से हर जरूरी कदम उठाए जाएंगे।