चंदौली से गिरफ्तार ISI एजेंट राशिद ने पाकिस्तान भेजे थे PM मोदी की सभा व जुलूस के फोटो
पाकिस्तान की खुफिया आईएसआई एजेंट राशिद अहमद ने मालवीय ब्रिज बीएचयू नैनी ब्रिज आगरा के किला व सीआरपीएफ कैंप के भी फोटो अपने मोबाइल फोन से आकाओं को भेजे थे।
लखनऊ, जेएनएन। चंदौली में पकड़ा गया पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आइएसआइ) एजेंट राशिद अहमद नवंबर, 2018 में पाकिस्तान के कराची स्थित अपनी मौसी के घर गया था, जहां करीब ढाई महीने ठहरने के दौरान आइएसआइ के सक्रिय सदस्य आशिम और अहमद के संपर्क में आया था। आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की शुरुआती छानबीन में यह भी सामने आया है कि राशिद ने लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वाराणसी में हुई सभा और जुलूस के फोटो भी पाकिस्तान में बैठे आइएसआइ एजेंटों से साझा किए थे। सूत्रों का कहना है इसके अलावा राशिद ने मालवीय ब्रिज, बीएचयू, नैनी ब्रिज, आगरा के किला व सीआरपीएफ कैंप के भी फोटो अपने मोबाइल फोन से आकाओं को भेजे थे।
एटीएस की टीम राशिद को सोमवार दोपहर लखनऊ लेकर आई और उसे कोर्ट में पेश किया। एडीजी एटीएस डीके ठाकुर ने बताया कि कोर्ट ने मंगलवार सुबह से राशिद की तीन दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड मंजूर की है। मंगलवार को उसे अभिरक्षा में लेकर नए सिरे से पूछताछ की जाएगी। खासकर यह पता लगाने का प्रयास किया जाएगा कि उसने और किन-किन स्थानों के फोटो व वीडियो भेजे और उसके बदले उसे कितन रुपये मिले थे। उसके साथ और कौन-कौन लोग आइएसआइ एजेंटों के सीधे संपर्क में हैं।
बताया गया कि राशिद के मोबाइल से कुछ आडियो क्लिप भी मिली हैं, जिनकी छानबीन की जा रही है। वह नवंबर 2018 में कराची गया था और फरवरी 2019 में वापस आया था। उसने शुरुआती पूछताछ में बताया है कि वह अपनी मौसी के घर शादी समारोह में शरीक होने गया था। हाई स्कूल तक पढ़े राशिद के मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच भी कराई जा रही है।
एटीएस को चंदौली में मिली कामयाबी
सैन्य ठिकानों, अर्द्धसैनिक बलों के ठिकानों और विश्वनाथ मंदिर समेत अन्य महत्वपूर्ण स्थानों की सूचनाएं व फोटो आइएसआइ को भेजने वाले शातिर एजेंट राशिद अहमद को रविवार रात आतंकवाद निरोधक दस्ता ने चंदौली के पंडित दीन दयाल उपाध्याय नगर स्थित पड़ाव से गिरफ्तार किया। मिलिट्री इंटेलिजेंस से इनपुट के बाद एटीएस राशिद पर लंबे समय से नजर रख रही थी। उसके पास से एक मोबाइल, दो सिमकार्ड और पेटीएम के जरिये मिले पांच हजार रुपये बरामद हुए। एटीएस की प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि वह दो बार 2017 और 2018 में पाकिस्तान जा चुका है।
इन स्थानों की कर चुका था रेकी
काशी विश्वनाथ मंदिर, बीएचयू, डीरेका, संकटमोचन मंदिर, सारनाथ, एयरपोर्ट, कैंट रेलवे स्टेशन, कलेक्ट्रेट, कचहरी, दशाश्वमेध, अस्सी, राजघाट समेत अन्य घाट। 39 गोरखा ट्रेनिंग सेंटर, 95 बटालियन सीआरपीएफ, राजघाट पुल के अलावा अयोध्या, आगरा फोर्ट, गोरखपुर रेलवे स्टेशन, चंदौली, मीरजापुर और सोनभद्र के नक्सल प्रभावित इलाकों में मौजूद सीआरपीएफ कैंप, नागपुर रेलवे स्टेशन, अजमेर शरीफ, रेणुकूट थर्मल पावर प्लांट, नैनी पुल प्रयागराज, अद्र्धकुंभ से जुड़ी तस्वीरों के साथ ही उसके मोबाइल फोन से अन्य जानकारियां एटीएस को मिली है।