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IRCTC नवंबर में कराएगा अंडमान की हवाई सैर, छह दिन व पांच रात के पैकेज में इतना आएगा खर्च

IRCTC tour package भारतीय रेलवे खानपान एवं पयर्टन निगम अंडमान की सैर कराएगा। अंडमान की यात्रा चौधरी चरण सिंह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट लखनऊ से पोर्टब्लेयर तक होगी। आइआरसीटीसी ने अंडमान पैकेज की बुकिंग गुरुवार से शुरू कर दी। अंडमान का पैकेज छह दिन व पांच रात का होगा।

By Vrinda SrivastavaEdited By: Published: Fri, 07 Oct 2022 09:26 AM (IST)Updated: Fri, 07 Oct 2022 09:26 AM (IST)
IRCTC नवंबर में कराएगा अंडमान की हवाई सैर, छह दिन व पांच रात के पैकेज में इतना आएगा खर्च
IRCTC नवंबर में कराएगा अंडमान की हवाई सैर।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आइआरसीटीसी) शहर वासियों को अगले महीने अंडमान एंड निकोबार आइलैंड की सैर कराएगा। आइआरसीटीसी ने अंडमान पैकेज की बुकिंग गुरुवार से शुरू कर दी। अंडमान का पैकेज छह दिन व पांच रात का होगा। यह यात्रा चार नवंबर को आरंभ होकर नौ नवंबर को समाप्त होगी।

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पैकेज में पोर्टब्लेयर में ऐतिहासिक सेलुलर जेल, कोरबाइन कोव बीच, सामुिद्रका म्यूजियम, हैवलाक में राधानगर बीच व कालापत्थर बीच एवं बाराटांग आइलैंड का भ्रमण आइआरसीटीसी कराएगा। लखनऊ से चेन्नई एवं चेन्नई से पोर्टब्लेयर के साथ ही साथ वापसी यात्रा की व्यवस्था विमान से होगी।

इस पैकेज में विमान यात्रा, होटलों व रिजार्ट में ठहरने, खानपान की सुविधा आइआरसीटीसी उपलब्ध कराएगा। दो व्यक्तियों के एक साथ ठहरने पर पैकेज का मूल्य प्रति व्यक्ति 59,570 रुपये होगा। जबकि तीन व्यक्तियों के एक साथ ठहरने पर पैकेज का मूल्य प्रति व्यक्ति 57,960 रुपये होगा।

आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक अजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि अंडमान के सैर की बुकिंग आइआरसीटीसी की वेबसाइट www.irctctourism.com पर हो सकेगी। इसके अलावा गोमतीनगर पर्यटन भवन स्थित आइआरसीटीसी के कार्यालय व विभाग के लखनऊ के हेल्पलाइन नंबर 8287930913, 8287930914, 8287930915 पर भी संपर्क किया जा सकता है।

यह है अंडमान का इतिहास

अंडमान शब्द मलयाली के हांदुमन से आया है जो हिन्दू देवता हनुमान का परिवर्तित रूप है। साथ ही निकोबार-जिसका अर्थ होता है 'नग्न लोगों को भूमि'। इसी कारण यहां पर रहने पाई जाने वाली आदिवासी जनजातियों के लिए भी यह जाना जाता है।

साथ ही कहा जाता है कि इस द्वीप पर अंग्रेजों का शासन था और दूसरे विश्व युद्ध के दौरान जापान ने इस द्वीप पर अधिकार कर लिया था। साथ ही यह द्वीप नेता सुभाष चन्द्र बोस की ‘आजाद हिन्द सेना’ के भी अधीन रहा। 30 दिसंबर 1943 को ही पहली बार यूनियन जैक उतार कर पोर्ट ब्लेयर पर तिरंगा फहराया था। 1947 में जब देश अंग्रेजों से आजाद हुआ तब यह द्वीप भारत के केंद्रशासित प्रदेश के रूप में स्थापित हुआ।  


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