अपराधी के मोबाइल में गुरुजी के नाम से फीड था IPS अफसर का नाम, अब SIT करेगी जांच
यूपी में जिस आईपीएस अधिकारी और अपराधियों के बीच सांठगाठ का मामला सुर्खियों में है उनके खिलाफ बीते दिनों एसआईटी की संस्तुति पर एक मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। पुलिस और अपराधियों के बीच सांठगाठ का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। फिल्मों की स्क्रिप्ट में नजर आने वाली कुख्यातों व खाकी की मिलीभगत जैसी कहानी की जांच उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष जांच दल (एसआईटी) से कराने का फैसला लिया है। नोएडा में तैनात रहे आईपीएस अधिकारी का निजी नंबर एक कारोबारी से रंगदारी मांगने के आरोप में पकड़े गए कुख्यात के मोबाइल में गुरुजी के नाम से फीड था और दोनों के बीच संदेशों का आदान-प्रदान भी हुआ था।
यह मामला पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात भाटी गिरोह के एक सक्रिय सदस्य से जुड़ा है। नोएडा में फूड कारोबारी से रंगदारी मांगने के मामले में थाना इकोटेक प्रथम में एफआईआर दर्ज हुई थी। 23 नवंबर, 2019 को पुलिस ने एक आरोपित सुमित को पकड़ा था। इसके बाद 25 नवंबर, 2019 को दूसरा आरोपित कुख्यात सुंदर भाटी का भतीजा अनिल भाटी पकड़ा गया था। अनिल के मोबाइल मेें आइपीएस अधिकारी से वॉट्सएप चैट व कई मैसेज मिले थे।
अपराधी और पुलिस अधिकारी के बीच संबंधों को लेकर सवाल उठने के बाद मामला डीजीपी मुख्यालय के भी संज्ञान में आया था। मार्च में डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने इस मामले में जांच की संस्तुति की थी। सूत्रों का कहना है कि जिन आईपीएस अधिकारी का नाम इस प्रकरण में आ रहा है, उनके खिलाफ बीते दिनों एसआईटी की संस्तुति पर एक मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। भ्रष्टाचार के संगीन आरोपों को लेकर भी वह सुर्खियों में रहे चुके हैं।