पशुधन विभाग में ठगी के मामले में आइपीएस अरविंद सेन का नॉन बैलेबल वारेंट लेगी पुलिस
पशुधन विभाग में ठगी के मामले में लखनऊ पुलिस का दावा आइपीएस की तलाश की जा रही सिपाही समेत तीन आरोपितों के एनबीडब्ल्यू के लिए विवेचक ने कोर्ट में दी अर्जी।
लखनऊ, जेएनएन। पशुपालन विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी के मामले में पुलिस आरोपित आइपीएस अरविंद सेन के खिलाफ गैर जमानती वारंट लेगी। पुलिस का दावा है कि आइपीएस की तलाश की जा रही है। पुलिस मुकदमे में आइपीएस का नाम आने के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट लगाने की तैयारी कर रही है। प्रकरण की विवेचना एसीपी गोमतीनगर स्वेता श्रीवास्तव कर रही हैं। विवेचक ने इस मामले में तीन अन्य आरोपितों के खिलाफ एनबीडब्ल्यू लेने के लिए गुरुवार को कोर्ट में अर्जी भी दी है।
पुलिस ने आइपीएस के जिस खाते में रुपये भेजे गए थे, उसका ब्यौरा निकाला है। इस तथ्य को विवेचना में शामिल किया गया है। उधर, नाका कोतवाली में ले जाकर इंदौर के व्यापारी को धमकाने वाले पुलिसकर्मियों के नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है। स्थानीय पुलिस की भूमिका उजागर नहीं होने से कई सवाल भी उठने लगे हैं। एसीपी गोमती नगर के मुताबिक फर्जीवाड़े के आरोपित सिपाही दिलबहार व उमेश मिश्र समेत तीन लोगों के खिलाफ गैर जमानती वारंट के लिए न्यायालय में अर्जी दी गई है। पुलिस टीम दिलबहार की तलाश में दबिश दे रही है। कई बार आरोपित के घर पर छापा मारा गया, लेकिन वह भाग निकला। पड़ताल में सामने आया है कि दिलबहार ने ही नाका पुलिस से मिलीभगत कर व्यापारियों को कोतवाली में प्रताड़ित करवाया था। दिलबहार के कहने पर ही नाका पुलिस ने व्यापारियों को हिरासत में लिया था और एनकाउंटर में मारने की धमकी दी थी। हालांकि दिलबहार के अलावा अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ लखनऊ पुलिस ने अभी तक कोई कार्यवाही नहीं की है। मंत्री को पूछताछ के लिए भेजा नोटिस खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में टेंडर दिलाने के नाम पर ठगी के मामले में पशुपालन विभाग के राज्यमंत्री जयप्रकाश निषाद से पूछताछ की जाएगी।
इस प्रकरण के विवेचक एसीपी विभूतिखंड स्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक राज्यमंत्री को नोटिस भेजा गया है। इसके बाद उनसे पूछताछ की जाएगी। आरोपितों ने राज्यमंत्री का केबिन इस्तेमाल कर व्यापारियों को झांसे में लिया था। पुलिस इस संबंध में राज्यमंत्री से उनका बयान लेकर आगे की कार्यवाही करेगी।