Move to Jagran APP

International Yoga Day 2021: कोरोना पर वार...योगासन करें क्रमवार, इस क्रम का रखें व‍िशेष ध्यान

International Yoga Day 2021 लखनऊ विश्वविद्यालय के योग शिक्षक डा.सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि पद्मासन में बैठकर नाक से हवा को अंदर बाहर करें जिससे आक्सीजन जाए और और कार्बनडाई आक्साइड पूरी तरह शरीर से बाहर आ जाए।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 21 Jun 2021 12:00 PM (IST)Updated: Mon, 21 Jun 2021 12:00 PM (IST)
सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद योग करने से होता है शरीर में ऊर्जा का संचार।

लखनऊ, जेएनएन। रोगों से दूर रहने के लिए योग जरूरी है। कोरोना काल में इसकी महत्ता और बढ़ जाती है। पौष्टिक भोजन के साथ नियमित योग से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शिथिल अंगों में ऊर्जा का संचार होता है। 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर पेश है योग विशेषज्ञों के सुझाव।

loksabha election banner

तनाव दूर करने के लिए करें योग : बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर केंद्रीय विवि के कुलपति व योग विशेषज्ञ प्रो. संजय सि‍ंह ने बताया कि योग के कई आसन ऐसे हैं, जो हमारी प्रतिरोधक क्षमता को कई तरीके से मजबूत करते हैं। योग का सबसे सही समय सूर्योदय और सूर्यास्त का होता है। सूर्योदय के पहले और सूर्यास्त के बाद योग करने से प्राकृतिक हवा आपके शरीर में प्रवेश करती है। इससे तनाव दूर होता है। सुबह खाली पेट और शाम को खाना खाने के चार घंटे बाद ही योगासन करना चाहिए।

प्राणवायु बढ़ाने से करें शुरुआत : लखनऊ विश्वविद्यालय के योग शिक्षक डा.सत्येंद्र कुमार मिश्रा ने बताया कि पद्मासन में बैठकर नाक से हवा को अंदर बाहर करें, जिससे आक्सीजन जाए और और कार्बनडाई आक्साइड पूरी तरह शरीर से बाहर आ जाए। कम से कम 20 बार ऐसा करें। गर्दन के नीचे और छाती के ऊपर के हिस्से में थाइमस ग्लैंड होती है। यह ग्लैंड खास हार्मोन पैदा करती है, जो प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में मदद करती है। थाइमस के अंदर टी-सेल पैदा होता है जो वायरस, बैक्टीरिया और फंगस को ठिकाने लगाता है। पीछे झुकने वाले आसन जैसे सुप्त बद्धकोणासन, धनुरासन व उष्ट्रासन करते हैं तो छाती ज्यादा स्ट्रेच होती है और थाइमस ग्लैंड ज्यादा एक्टिव व सेहतमंद हो जाती है।

योगासन के क्रम का रखें ध्यान

  • समावस्था - 20 बार श्वास लेना है
  • दो मिनट पंजों के बल कूदना
  • ताड़ासन - तीन बार
  • वृक्षासन - दोनों पैर एक -एक बार
  • कटिचक्रासन - 20 बार
  • वज्रासन - एक मिनट
  • मंडूकासन- तीन बार
  • पर्वतासन - तीन बार
  • पश्चिमोत्तासन - तीन बार
  • उत्तानपादन - तीन बार
  • पवनमुक्त आसन - तीन बार
  • भुंजगासन- तीन बार
  • शलभासन- दो मिनट
  • नाड़ी शोधन- 20 बार
  • कपालभाती- 20 बार
  • भ्रामरी- पांच बार
  • शवासन- तीन से पांच मिनट  

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.