Move to Jagran APP

आकार-प्रकार पर छिड़ी बहस, बुद्धिजीवी बोले- स्थापत्य की बेजोड़ मिसाल की तरह बने राममंदिर

रामजन्मभूमि पर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंदिर बनाने की मांग मुखर होने के साथ प्रस्तावित मंदिर के आकार-प्रकार को लेकर बहस छिड़ गई है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 08:00 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:01 AM (IST)
आकार-प्रकार पर छिड़ी बहस, बुद्धिजीवी बोले- स्थापत्य की बेजोड़ मिसाल की तरह बने राममंदिर
आकार-प्रकार पर छिड़ी बहस, बुद्धिजीवी बोले- स्थापत्य की बेजोड़ मिसाल की तरह बने राममंदिर

अयोध्या [रघुवरशरण]। रामजन्मभूमि पर दुनिया का सर्वश्रेष्ठ मंदिर बनाने की मांग मुखर होने के साथ प्रस्तावित मंदिर के आकार-प्रकार को लेकर बहस छिड़ गई है। 'दैनिक जागरण' ने इस बहस में संतों के अलावा कला, संस्कृति एवं इतिहास से जुड़े लोगों के साथ राममंदिर से सरोकार रखने वालों को टटोला और सभी इस तथ्य पर एक मत नजर आए कि रामलला का मंदिर स्थापत्य का बेजोड़ नमूना बने। 

loksabha election banner

रामनगरी से ही लगे ग्राम कर्मा के निवासी सूर्यवंशीय क्षत्रिय के रूप में स्वयं को भगवान राम का वंशज मानने वाले तथा भगवान राम की न्यायिक श्रेष्ठता पर शोधपरक ग्रंथ लिखने वाले सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति देवीप्रसाद सिंह कहते हैं, राम हमारी संस्कृति के महानतम दूत हैं और उनका मंदिर भी बेजोड़ आध्यात्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के रूप में निर्मित होना चाहिए। वे सुरक्षा की दृष्टि से भी राममंदिर को अभेद्य बनाने की वकालत करते हैं।

गुजरात के पूर्व एडीजी, राममंदिर के लिए अदालती लड़ाई लड़ने वाले और प्रामाणिक इतिहास लिखने वाले आचार्य किशोर कुणाल कहते हैं कि उन्हें विश्वास है कि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट राममंदिर को भव्यता देने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा। प्राचीन भारतीय इतिहास और पुरातत्व के मर्मज्ञ डॉ. हरिप्रसाद दुबे के अनुसार अंकोरवाट का मंदिर, कोणार्क का सूर्य मंदिर और हाल के कुछ दशक में भव्यता का पर्याय बनकर सामने आए अक्षरधाम एवं शंखेश्वर जैसे मंदिरों की तरह राममंदिर भी ऐसा बने कि उसकी मिसाल दी जाए।

साकेत महाविद्यालय में प्राचीन इतिहास की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कविता सिंह कहती हैं- 'भगवान राम की संस्कृति पूरी दुनिया तक प्राचीन काल से ही विस्तृत रही है। उनकी जन्मभूमि पर बनने वाला मंदिर भी वैश्विक स्तर का होना चाहिए।' रामकथा मर्मज्ञ डॉ. सुनीता शास्त्री कहती हैं, राममंदिर को भव्यतम बनाए जाने की मांग जायज है। मंदिर का स्वरूप शास्त्रों में वर्णित भगवान राम के अद्भुत-अद्वितीय व्यक्तित्व की तरह बेजोड़ स्थापत्य का परिचायक होना चाहिए। ऐतिहासिक गुरुद्वारा ब्रह्मकुंड के मुख्यग्रंथी ज्ञानी गुरुजीत सिंह के अनुसार राममंदिर धर्म-अध्यात्म के शीर्षस्थ केंद्र के रूप में निर्मित होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.