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धुंध पर सरकार गंभीर,यूपीपीसीबी व पर्यावरण विभाग को कारण व निवारण के निर्देश

लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में छायी धुंध को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गंभीरता से लिया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और पर्यावरण विभाग बचाव को कहा है।

By Ashish MishraEdited By: Published: Mon, 07 Nov 2016 10:02 PM (IST)Updated: Tue, 08 Nov 2016 11:30 AM (IST)

लखनऊ (जेएनएन)। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के अन्य जिलों में छायी धुंध को मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) और पर्यावरण विभाग को निर्देश दिया हैं कि वे इस धुंध के लिए जिम्मेदार कारणों का शीघ्र पता लगाकर इस समस्या के निदान के उपाय बतायें। उन्होंने प्रदूषण की रोकथाम के लिए बनाये गए नियमों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री ने कूड़े के निस्तारण की समुचित व्यवस्था करने के साथ उसे उसे जलाने से परहेज करने के लिए कहा है। यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि वाहन तथा जनरेटर आदि प्रदूषण नियंत्रण के निर्धारित मानकों के अधीन संचालित हों। उन्होंने निर्देश दिया है कि खेतों में फसलों के अवशेष का निस्तारण इस प्रकार सुनिश्चित कराया जाए ताकि प्रदूषण का स्तर न बढ़े। मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रदूषण का जनजीवन के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। राज्य सरकार पर्यावरण संतुलन के प्रति संवेदनशील है। प्रदेश में 'ग्रीन यूपी-क्लीन यूपीÓ कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है जिसके तहत बीते जुलाई माह में एक ही दिन में पांच करोड़ पौधे रोपे गए थे। इसके अलावा सभी जिलों में 50 से लेकर 1000 एकड़ तक के क्षेत्रों का चयन करके उन्हें ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित किया जा रहा है।

हरकत में आया नगर विकास विभाग
दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में छायी धुंध और बढ़ते वायु प्रदूषण पर राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के कड़े रुख और आदेश को देखते हुए नगर विकास विभाग भी हरकत में आ गया है। सचिव नगर श्रीप्रकाश सिंह ने सभी मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों, नगर आयुक्तों, नगर पालिका परिषदों व नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों व नगर निगमों के मुख्य अभियंताओं को एनजीटी के आदेश का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।
एनजीटी ने प्रतिबंध के बावजूद कृषि अवशेषों को जलाये जाने की घटनाओं पर रोष व्यक्त किया था। शहरों में खुले में निर्माण सामग्री के पड़े होने, नियमों को दरकिनार कर निर्माण कार्य जारी रहने और नगरीय निकायों द्वारा कूड़े को जलाये जाने पर भी नाराजगी जतायी थी। एनजीटी ने एनसीआर के दायरे में आने वाले राज्यों से इन सभी बिंदुओं पर रिपोर्ट भी तलब की है।
लिहाजा सचिव नगर विकास विभाग को ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सड़क के किनारे भवन निर्माण सामग्री डालने और शहरों में सड़कों पर ठोस कचरे को फेंकने पर रोक लगाने के लिए 21 जनवरी, 2015 को जारी शासनादेश का कड़ाई से अनुपालन कराया जाए। एनजीटी के आदेशों के अनुपालन के लिए उन्होंने सभी नगर निगमों के मुख्य अभियंताओं को नोडल अधिकारी नामित करते हुए उन्हें इस बारे में नियमित मासिक सूचना नगर आयुक्तों के माध्यम से निदेशक स्थानीय नगरीय निकाय को उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। निदेशक स्थानीय नगरीय निकाय शासन को यह जानकारी हर महीने उपलब्ध कराएंगे।

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