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मां-बाप की मजबूरी समझ बेटे ने दौड़ाया दिमाग, 70 रुपये में बनाया बिजली-पंखा

छठवीं में पढ़ने वाले छात्र शिवा रावत के ईजाद को राज्यस्तरीय प्रतियोगिता के लिए मिलेगा स्थान जिला स्तर पर किया सम्मानित।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 10 Jan 2020 09:09 AM (IST)Updated: Fri, 10 Jan 2020 09:09 AM (IST)
मां-बाप की मजबूरी समझ बेटे ने दौड़ाया दिमाग, 70 रुपये में बनाया बिजली-पंखा
मां-बाप की मजबूरी समझ बेटे ने दौड़ाया दिमाग, 70 रुपये में बनाया बिजली-पंखा

लखनऊ [सौरभ शुक्ला]। थोड़ी सी खेती और मजदूरी के सहारे शैलेंद्र और शिवदेवी मुश्किल से परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटाते हैं। ऐसे में बिजली कनेक्शन लेना उनके लिए संभव न था। ढ़िबरी के सहारे पढ़ने वाले बेटे शिवा ने माता-पिता की मजबूरी समझी और महज 70 रुपये में बत्ती-पंखा का इंतजाम कर डाला। उसके बनाए ‘बॉक्स विद लाइट एंड फैन’ का जल्द ही राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में प्रदर्शन होगा।

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काकोरी के कठिंगरा में स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के कक्षा छह के छात्र शिवा रावत ने साबित कर दिया है कि प्रतिभा संसाधन की मोहताज नहीं होती। घर पर पढ़ते हुए बिजली के उजाले और पंखे की हवा को तरसे इस बच्चे ने अपनी मेधा से मुश्किलों को मात दे दी। करीब 70 रुपये लगाकर उसने ऐसा बॉक्स बनाया जो जरूरत पर बिजली का उजाला और पंखे की हवा दोनों देता है। इसे बिजली और सौर ऊर्जा से चार्ज किया जा सकता है।

आसान हुई घर पर पढ़ाई

उसने छह से आठ स्केल ली। उन्हें नट बोल्ट से कस दिया। एक बैटरी को प्लास्टिक के बॉक्स में रखा। छोटे से बल्ब को इससे लगे तार से जोड़ा। इसी तरह एक प्लास्टिक का फैन लगाया। अब स्कूल में शिवा इसे बिजली या धूप से चार्ज कर लेता है। घर आकर इससे पढ़ाई निपटाता है। शिवा बताता है कि इस प्रोजेक्ट को तैयार करने में प्रधानाचार्य शाहिद अहमद आब्दी ने भी हौसला बढ़ाया।

विभाग ने दिया प्रशस्तिपत्र

बीते दिनों इस मॉडल को इंस्पायर अवार्ड मानक की जिलास्तरीय प्रतियोगिता में रखा गया। यहां से इसे प्रदेश स्तर पर चुन लिया गया। इसके लिए कार्यक्रम में उसे मंडलीय विज्ञान प्रगति अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार, जिला विज्ञान क्लब के समन्वयक डॉ. डीबी सिंह ने मोमेंटो और प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित भी किया।

क्‍या कहते हैं अफसर ? 

बीएसए लखनऊ डॉ. अमरकांत सिंह के मुताबिक, ‘होनहार शिवा का मॉडल सराहनीय है। इसके लिए उसे जिलास्तर पर सम्मानित किया जा चुका है। पूरा भरोसा है कि प्रदेश स्तर पर भी परिषदीय स्कूलों का मान दिलाने का काम करेगा।’


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