डॉ मनीषा प्रकरण: देर रात बहन को करा फोन, बोली- दीदी मुझे किसी ने प्रपोज किया है
केजीएमयू में जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा प्रकरण। डॉ. मनीषा ने फाेन कर बहन को बताई थी अपने दिल की बात।
लखनऊ (जेएनएन)। राजधानी के चर्चित केजीएमयू में जूनियर रेजीडेंट थ्री डॉ. मनीषा शर्मा प्रकरण की गुत्थी सुलझने का नाम नहीं ले रही है। पड़ताल में पता चला कि शुक्रवार की रात 7:30 बजे डॉ. मनीषा शर्मा ने बड़ी बहन दीपा शर्मा को फोन किया था। मनीषा ने अपनी बड़ी बहन को डॉ. उधम सिंह के बारे में बताया कि उसने प्रपोज किया है। लेकिन मनीषा अक्टूबर में हो रहे एमएस अंतिम वर्ष का इम्तिहान पास करने के बाद बात आगे बढ़ाने वाली थी।
डॉ. मनीषा फाेन में बहन दीपा से ये बातें
डॉ. मनीषा: दीदी मुझको किसी ने प्रपोज किया है।
बहन दीपा : वह कौन लड़का है?
डॉ. मनीषा: डॉ. उधम सिंह। वह यूरो सर्जरी में सीनियर रेजीडेंट है और चंदौली का रहने वाला है।
बहन दीपा : उसने फैमली वालों से बात कर ली?
डॉ. मनीषा: दीपावली पर घर जाएगा तो करेगा।
बहन दीपा : तुम्हें पसंद है तो ठीक ही होगा।
डॉ. मनीषा: अभी पहले अक्टूबर में हो रहे एमएस अंतिम वर्ष का इम्तिहान पास कर लूं। फिर आगे बात होगी।
साढ़े आठ बजे आया एक और कॉल, मचा कोहराम
बड़ी बहन दीपा शर्मा कहती हैं कि शुक्रवार की रात साढ़े सात बजे के बाद मेरी रात में 12:30 बजे बात हुई, क्योंकि मैं प्रेग्नेंट हूं और दर्द होने पर उससे सलाह लेती थी। दर्द कम न होने पर फिर रात में 3:25 बजे मेरी बात हुई। शनिवार को सुबह 7:30 बजे मनीषा ने मेरा हालचाल लिया। इसके बाद जब मैने सुबह 11:30 पर फोन मिलाया तो वह ड्यूटी पर थी। उस समय सिर्फ इतनी बात हुई की शाम को बात करेंगे लेकिन, फिर उसका फोन नहीं आया। शनिवार को रात साढ़े आठ बजे डॉ. उधम सिंह का फोन आया और उसने मुझे बताया कि हमारा मनीषा से झगड़ा हो गया और उसने बेहोशी की दवा का इंजेक्शन लगा लिय है। डॉ. मनीषा की इससे पहले किसी लड़के से जान-पहचान तक नहीं थी। मेरी फैमली में कास्ट का भी कोई इश्यू नहीं था। ऐसे में इसके लिए डॉ. उधम सिंह ही जिम्मेदार है। उसी ने प्रताडि़त किया है।
बहन बोली व्यापमं के बहाने डॉ. उधम को बचाने की तैयारी
डॉ. मनीषा की बड़ी बहन दीपा शर्मा ने कहा कि वर्ष 2015 में व्यापमं में बहन का नाम आया था। अगर कुछ करना होता तो आज तीन साल में कोई कदम क्यों नहीं उठाया। केजीएमयू में एमएस की पढ़ाई पूरी होने वाली थी। केजीएमयू तो सहयोग कर रहा लेकिन, पुलिस आरोपी डॉ. उधम सिंह को बचाना चाहती है।
सीएम से मिलकर लगाएंगे न्याय की गुहार
डॉ. मनीषा के पिता रमेश चंद्र विद्यार्थी ने कहा कि हम जल्द ही सीएम योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे। उनसे इस प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने की मांग करेंगे। ताकि आरोपी डॉ. उधम सिंह को सख्त सजा मिले।
मनीषा के बैग से निकली दवा-सीरिंज
डॉ. मनीषा बीते शनिवार की सुबह लाइब्रेरी में पढऩे गई थी। मगर वह अपना बैग वहीं भूल गई थी। हास्टल प्रशासन को जानकारी मिली तो लाइब्रेरी सील कर दी गई। आज परिवारीजनों को सील खोलकर बैग दिया गया तो उसमें से तीन किताबें, कुछ दवाएं व सीङ्क्षरज निकली। यह आम तौर पर डॉक्टरों के पास रहती हैं।