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डॉक्टर की सलाह: ज्यादा देर होने पर टीके नहीं होते असरदार, जल्द व्यवस्था करेगी सरकार

लोहिया संस्थान के स्त्री एवं प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डॉ. यशोधरा प्रदीप ने दी सलाह।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 15 May 2020 04:04 PM (IST)Updated: Sat, 16 May 2020 07:05 AM (IST)
डॉक्टर की सलाह: ज्यादा देर होने पर टीके नहीं होते असरदार, जल्द व्यवस्था करेगी सरकार
डॉक्टर की सलाह: ज्यादा देर होने पर टीके नहीं होते असरदार, जल्द व्यवस्था करेगी सरकार

लखनऊ, जेएनएन। लॉकडाउन में गर्भवती महिलाओं व बच्चों के टीकाकरण की समस्या बनी हुई है। छोटे-छोटे बच्चों के टीकाकरण में एक से डेढ़ माह तक की देरी हो चुकी है। लोहिया संस्थान में स्त्री एवं प्रसूति रोगों की प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डॉ. यशोधरा प्रदीप ने बताया कि टीकों में अधिकतम 20 दिन तक की देरी चल सकती है। बहुत अधिक डिले होने पर टीके अप्रभावी होने लगते हैं। ऐसी स्थिति में शुरुआती टीके भी फिर से लगवाने पड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस समस्या को लेकर सरकार स्वयं सतर्क है। इसलिए लोग घबराएं नहीं, सरकार इसकी कुछ न कुछ व्यवस्था जल्द करेगी या विकल्प खोजेगी। उन्होंने महिलाओं से जुड़ी तमाम अन्य समस्याओं पर आधारित सवालों के भी जवाब दिए।

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सवाल: तीन चार दिन से थकान, पैरों व सीने में दर्द के साथ बुखार है। कोरोना तो नहीं? संजय कुमार नाग, सीतापुर

जवाब-अपना बुखार दिन में तीन बार नापें। अगर यह 100 डिग्री से ऊपर है तो पैरासिटामॉल लें। पानी व शिकंजी अच्छी मात्रा में लेते रहें। बुखार के साथ यदि सांस की दिक्कत हो तो कोरोना की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में सरकारी अस्पताल में जांच कराएं।

सवाल-मैं लिम्फोमा से पीड़ित हूं। कीमोथेरेपी पीजीआइ से चल रही है। कोरोना से हमें कितना खतरा है? कौशलचंद्र पांडे, लखनऊ

जवाब-जिनकी कीमो चल रही है या कैंसर पीड़ित हैं उनकी इम्युनिटी कम हो जाती है। इसलिए उनमें संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। कितना बढ़ता है ये कहना मुश्किल है। ऐसे मरीज बाहर न निकलें। अपनी दवाएं नियमित लेते रहें। मास्क लगाएं व शारीरिक दूरी रखें।

सवाल-महिलाओं को कोरोना से कितना खतरा है। वह खुद को इस दौर में कैसे सुरक्षित रखें। आरती शुक्ला, गोमतीनगर लखनऊ

जवाब-आमतौर पर ऐसा देखा जा रहा है कि गंभीर कोरोना के लक्षण महिलाओं में कम हैं। खास करके राजधानी में। यहां की गर्भवती महिलाएं भी कम संख्या में संक्रमित हुईं। जिन्हें यह संक्रमण हुआ भी उन्होंने कोरोना का मात दी। कोरोना पीड़ित होने पर भी गर्भवती महिलाओं का प्रसव सुरक्षित तरीके से कराया जा रहा है। इसलिए घबराएं नहीं। शारीरिक दूरी का पालन करें व मास्क लगाएं। बाहर कहीं न जाएं। यदि कोई गंभीर समस्या है अथवा प्रसव का वक्त नजदीक है तो जरूर इमरजेंसी जाएं। आने पर नहाएं। बाहर से आने वाले व्यक्तियों व अन्य किसी के संपर्क में आने से बचें।

सवाल-कई दिन से सूखा बलगम आ रहा है। खराश भी है। कोरोना तो नहीं? मनोज, लखनऊ

जवाब-गर्म पानी का सेवन करें। ठंडा पानी बिल्कुल न पीएं। ये समस्या आगे बढ़े, सांस फूले तो कोविड टेस्ट कराएं।

सवाल-बेटा सुगर पीड़ित है। नर्स की ड्यूटी करता है। कोरोना का कितना खतरा है? अनिल, लखनऊ

जवाब-कोविड पॉजिटिव मरीजों के भर्ती वार्ड में ऐसे मरीज की ड्यूटी नहीं लगाई जाती है। दूसरी एरिया में अस्पताल में काम कर सकते हैं। सुगर नियंत्रित करें। मास्क लगाने के साथ शारीरिक दूरी का पालन करें।

सवाल-लॉकडाउन की वजह से एक साल से पांच साल वाले बच्चों का टीका दो माह तक डिले हो गया है? इसका क्या विकल्प है? अभिषेक पांडेय, गोंडा

जवाब-इसके लिए कुछ न कुछ प्रबंध सरकार जल्द करेगी। अभी सबका टीकाकरण बंद है। 15-20 दिन तक विलंब में ज्यादा दिक्कत नहीं है, लेकिन ज्यादा गैप होने पर सभी टीके फिर से लगवाने पड़ सकते हैं।

सवाल-कौन-कौन सी गर्भवतियां हाईरिस्क प्रेग्ननेंसी का शिकार हो सकती हैं। इससे व कोरोना से बचने के लिए क्या करें? अंजना कुमारी, बलरामपुर

जवाब-गर्भावस्था के दौरान संक्रमण सहने की क्षमता कम हो जाती है। जो डायबिटिक, सांस, बीपी, हार्ट रोगी व एनिमिक हैं उन्हें हाईरिस्क है। ऐसी महिलाएं घर में रहें। मास्क लगाएं। किसी के संपर्क में नहीं आएं। ज्यादा दिक्कत होने पर इमरजेंसी में दिखाएं। लोहिया संस्थान में टेलीमेडिसिन भी चल रही है। हेल्पलाइन 8176007251 पर कॉल करके उस सेवा का भी लाभ ले सकती हैं।

सवाल-बहुत सी गर्भवतियों की नियमित जांच नहीं हो पा रही है। कोरोना की वजह से अस्पताल जाने में डर लगता है। क्या करें?महिमा, रायबरेली

जवाब-अगर कोई विशेष दिक्कत न महसूस हो रही हो तो फिलहाल अस्पताल जाने से बचें, लेकिन समस्या हो तो जरूर इमरजेंसी में जाकर दिखाएं। घबराना नहीं है, सतर्कता बरतनी है।

सवाल-जहां से मेरे घर सब्जी व किराना का सामान आता है, वह हॉटस्पॉट एरिया में आ गया है? अब सामान लेने से कोरोना हो सकता है? रवि कुमार, विरामखंड, लखनऊ

जवाब-हां, ऐसे क्षेत्र में कोशिश करें कि घर से बाहर न निकलें। जरूरी सामान की सप्लाई के लिए सरकार कुछ वैकल्पिक व्यवस्था करती है, उस सुविधा का लाभ उठाएं। मास्क लगाएं व शारीरिक दूरी का पालन करें।

सवाल-मैं 26 वर्ष की हूं। मेरे हाथ-पैर में अक्सर जलन होती है। बुखार नहीं है। ये कोरोना है या कुछ और? प्रिया, गोमती नगर, लखनऊ

जवाब-खून व विटामिन बी-12 की कमी से हथेलियों व तलवों में जलन की समस्या आम है। ड्राईफ्रूट्स, दूध, दही इत्यादि का सेवन करें। समस्या ठीक नहीं होने पर नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लें।

सवाल-मेरे भाई को चार-पांच दिन से बुखार आ रहा है। पेट में दर्द के साथ जी भी मचला रहा है। कोरोना है क्या? सुमित, बाराबंकी

जवाब-बुखार कितना डिग्री है, यह देखना जरूरी है। अगर बुखार 100 डिग्री के आसपास है व उसके साथ दर्द असहनीय है तो अस्पताल में दिखाएं।

सवाल-मैं एअरक्रैफ्ट इंजीनियर हूं। ब्रांकाइटिस एलर्जी से पीड़ित हूं। कोरोना के दौरान क्या मुझे एअरपोर्ट पर ड्यूटी करना सुरक्षित है?विनीत गुप्ता, आशियाना, लखनऊ

जवाब: अपने डॉक्टर से परामर्श लें। ब्रांकाइटिस का लेबल क्या है, ये देखना पड़ेगा। मास्क लगाएं व शारीरिक दूरी का पालन करने के साथ अपनी दवाएं नियिमत रखें।

सवाल-मेरे सीने में एक हफ्ते से दर्द हो रहा है। कोरोना है या कुछ और? विजय सिंह, तेलीबाग, लखनऊ

जवाब-सीने में दर्द खाने से पहले या बाद में होता है अथवा हमेशा रहता है, यह देखना होगा। आमतौर पर कोरोना में सीने में दर्द का लक्षण नहीं आता। इसके साथ सांस फूले व बुखार आए तो नजदीकी सरकारी अस्पताल में जाएं कराएं।

सवाल-मेरे सीने में दर्द के साथ झनझनाहट व सोने पर शरीर शून्य हो जाता है? कोरोना है क्या? मो. रहीस, बलरामपुर

जवाब- पहले आप अपने बीपी या सुगर की जांच कराएं। रोजाना टहलें। संतुलित आहार व पानी पीएं। दिक्कत बढ़े तो डॉक्टर से संपर्क करें।  


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