Coronavirus Effect: कोरोना की मार से चौपट हुआ उद्योग व व्यापार, दो साल संघर्ष कराएगी दो माह की बंदी
Coronavirus Effect अनिश्चितता में घिरे उद्यमी व व्यापारी। आर्थिक नुकसान की भरपाई में दो साल से अधिक के समय की संभावना जताई।
लखनऊ, जेएनएन। Coronavirus Effect: कोरोना की मार से चौपट हुआ उद्योग व व्यापार दो माह में ही तौबा बोल गया है, जिसे उबरने में न्यूनतम दो साल से भी अधिक का वक्त लग सकता है। व्यापारी व उद्यमी कोरोना के जारी कहर को देखते हुए अभी भी भविष्य को लेकर कोई ठोस रणनीति नहीं बना पा रहे हैं। फिलहाल 17 मई को लॉकडाउन का तीसरा चरण भी पूरा हो जाएगा। इसके बाद कोरोना संक्रमण की गति को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ाने के साथ ही व्यापारी और उद्यमी कुछ आगे की सोच पाने की स्थिति में होंगे। फिलहाल तो हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा नजर आ रहा है। अभी सरकार का रुख भी कोरोना से उबरने को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं है, लेकिन संकेतों को देखकर लग रहा है कि अभी कोरोना से जंग लंबी चलेगी। इसके साथ यह भी तय है कि यह जंग जितनी लंबी चलेगी, उद्योग व व्यापार की जड़ें उतनी ही अधिक खोखली होती जाएंगी।
कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले
देश व प्रदेश भर में कोरोना संक्रमण के मामलों में रोजाना तेजी से हो रहे इजाफे से उद्योग व व्यापार जगत के माथे की शिकन भी बढ़ती जा रही। क्योंकि उद्योग व व्यापारिक प्रतिष्ठानों की गाड़ी बिना कामगारों के चलना संभव नहीं है। कामकाज के दौरान संक्रमण का खतरा भी है, ऐसे में उद्योग व व्यापारिक प्रतिष्ठान कामकाज शुरू किए जाने को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहे।
डायरेक्टर बद्री सर्राफ प्रणय केसरवानी के मुताबिक, संक्रमण का खतरा तमाम एहतियाद के बाद भी बना हुआ है। असमंजस की स्थिति है, व्यवसाय को बहुत बड़ा फाइनेंशियल लॉस भी हुआ है। मगर यह समय बेहद संयम बरतने वाला है। आगे समय को देखकर ही व्यापार से जुड़े निर्णय लिए जाएंगे।
मेघदूत ग्रामोद्योग सेवा संस्थान एमडी विमल शुक्ला ने बताया कि अब कोरोना संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड की संभावना में है, ऐसे व्यवसाय कितने दिन तक और प्रभावित रहेगा यह कह पाना संभव नहीं है। पहले का ऑर्डर मिला करोड़ो रूपये का माल ट्रांसपोर्ट पर अभी पड़ा हुआ है। आगे माल का प्रोडक्शन कैसे किया जाए कुछ समझ नहीं आ रहा। लॉकडाउन के 2 महीने तो बीत ही गए, वर्तमान को देखकर तो यही लग रहा कि अगले 2 वर्ष तक हमें इसके दुष्परिणाम झेलने पड़ेंगे।
बृजवासी बेकरी के डायरेक्टर राजकुमार पिपलानी ने बताया कि बेकरी व्यवसाय को सीधा नुकसान हुआ है। इस सेक्टर में 50 प्रतिशत सेल सेलिब्रशन केक की रहती है। कस्टमाइज़ केक की भी मजबूत डिमांड है। लॉकडाउन होने से पूरा तैयार माल खराब हो गया। अब तो बिस्किट आदि भी एक्सपायर हो गए। हालात कब सामान होंगे इसका भी अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। जब तक सेलिब्रशन शुरू नही होंगे, बाजार में कैश फ्लो नहीं होगा, तब तक इस स्थिति से उबरना संभव नहीं है।
साड़ी महल जयदेव गोविंदराम डायरेक्टर जयदेव बदलानी के मुताबिक, अप्रैल, मई में होने वाली शादियों के लिए लाया गया करोड़ों का माल आज दो कौड़ी का हो गया है। ऐसी स्थिति शादी होनी नहीं है। जो होंगी उनमें 50 से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकते। ऐसे में कपड़ो (साड़ी) का व्यापार तो चौपट ही रहेगा। हम कितने साल पीछे हो जाएंगे, इसका अनुमान भी लगाना मुश्किल है।