मिल्खा सिंह को रियो ओलंपिक में एथलीटों से उम्मीद नहीं
उडऩ सिख मिल्खा सिंह ने कहा है कि रियो ओलंपिक में भारतीय एथलीटों से पदक की कोई उम्मीद नहीं है। ओलंपिक में अगर पदक चाहिए, तो चार से आठ साल की योजना बनाकर तैयारी करनी होगी।
लखनऊ। उडऩ सिख मिल्खा सिंह ने कहा है कि रियो ओलंपिक में भारतीय एथलीटों से पदक की कोई उम्मीद नहीं है। ओलंपिक में अगर पदक चाहिए, तो चार से आठ साल की योजना बनाकर तैयारी करनी होगी। वर्ष २०२४ के ओलंपिक के लिए एथलीट अभी से तैयारियों में जुट जाएं। आगरा में ताज मैराथन को झंडी दिखाने के बाद मीडिया से बातचीत में मिल्खा सिंह ने एशियाड में भारतीय एथलीटों की सफलता और ओलंपिक में विफलता पर कहा कि ओलंपिक में खेलों का काफी उच्च स्तर होता है। उसमें पदक चाहिए, तो अतिरिक्त प्रयास करने होंगे। ओलंपिक में पदक लाने के लिए हमें देश भर में स्पोट्र्स एकेडमी खोलनी होंगी। योग्य कोच की तैनाती और सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। चीन से सबक लेते हुए बचपन से ही खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण दिया जाए।
ओलंपिक में पदक अंतिम ख्वाहिश
वर्ष १९६० के ओलंपिक में मामूली अंतर से ४०० मीटर दौड़ में पदक चूकने वाले मिल्खा सिंह ने कहा कि उनकी अंतिम ख्वाहिश है कि ओलंपिक में देश को एथलेटिक्स में कोई खिलाड़ी पदक दिलाए।
आइओए नहीं कर रहा काम
उडऩ सिख ने कहा कि केंद्र सरकार तो खिलाडिय़ों को सभी सुविधाएं उपलब्ध करा रही है, मगर इंडियन ओलंपिक एसोसिएशन (आइओए) ढंग से काम नहीं कर रहा है।
बायोपिक से बच्चों को प्रोत्साहन
खिलाडिय़ों की जीवनी पर आधारित फिल्में बनने के सवाल पर मिल्खा सिंह ने कहा कि यह बहुत अच्छा है। इससे बच्चे खिलाडिय़ों के बारे में जानकर प्रोत्साहित होते हैं। महान खिलाडिय़ों पर फिल्में जरूर बननी चाहिए।