ऑपरेशन इंद्र में गरजेंगी भारत और रूस की सेनाएं, जवान परखेंगे एक दूसरे के रणकौशल
भारत की ओर से मेकेनाइज्ड इंफेंट्री के जवान लेंगे हिस्सा। बबीना सैन्य स्टेशन की फायरिंग रेंज में यह सैन्य युद्धाभ्यास 18 से 28 नवंबर तक होगा।
लखनऊ, जेएनएन। भारत और रूस की सेनाओं के जवान एक दूसरे के रणकौशल को परखेंगे। दोनो ही सेनाओं के जवान ऑपरेशन कार्रवाई की गतिविधियों को लेकर संयुक्त सैन्य युद्धाभ्यास इंद्र 2018 में हिस्सा लेंगे। बबीना सैन्य स्टेशन की फायरिंग रेंज में यह सैन्य युद्धाभ्यास 18 से 28 नवंबर तक होगा।
इस संयुक्त युद्धाभ्यास में रूस संघ की पांचवी इंफेंट्री और भारतीय सेना की मेकेनाइज्ड इंफेंट्री बटालियन के जवान हिस्सा लेंगे। भारतीय सेना के 150 और लगभग इतने ही जवान रूस के प्रशिक्षण की समीक्षा निदेशक स्तर पर संयुक्त रूप से एक पैनल करेगा। जिसमें दोनो सेनाओं के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी शामिल होंगे। इस युद्धाभ्यास में दोनो सेनाएं एक दूसरे की युद्धक रणनीतियों और सैन्य हथियारों की तकनीक एक दूसरे से साझा करेंगी। इस युद्धाभ्यास से शांतिकाल मिशन के अनुरूप दोनो देशों के जवानों के कौशल को बढ़ाना है। सैन्य अभ्यास के माध्यम से दोनो देशो की सेनाएं टीम एकजुटता के साथ ऑपरेशन के दौरान सामरिक स्तर को बढ़ाएंगी।
यह होंगे युद्धाभ्यास में मुख्य बिन्दु
दोनो ही सेनाएं एक दूसरे के साथ विषम परिस्थितियों में दुश्मनों की घेराबंदी, आतंकियों की खोज, घरों की तलाशी के साथ हैंडलिंग व विस्फोटकों को निष्क्रिय करने की गतिविधियां शामिल हैं।
क्या कहते हैं अफसर?
रक्षा मंत्रालय जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा के मुताबिक, सैन्य अभ्यास इंद्र का आयोजन करने का उद्देश्य विश्व को एक संदेश देना है। जिसमें दोनो देशों की सेनाएं संयुक्त राष्ट्र के नियमानुसार अपनी सामरिक रणनीति को बढ़ाने में तत्पर होंगी।