Independence Day 2022: जन-जन में उमड़ा तिरंगे के प्रति उत्साह
Independence Day 2022 स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर संचालित हर घर तिरंगा अभियान कीर्तिमान बनाने की ओर अग्रसर है। अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू यह भी है कि इसने स्वाभिमान के साथ स्वावलंबन का भी अवसर प्रदान किया है।
लखनऊ, राजू मिश्र। देश की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष अमृत महोत्सव के रूप में ऐतिहासिक स्वरूप में राज्य भर में मनाया जा रहा है। जिधर देखो उधर अभूतपूर्व उल्लास, कहीं तिरंगा यात्रा, तो कहीं सज-धजकर हाथों में तिरंगा लिए बच्चों का समूह दिखाई देता है। ऐसा कोई भी घर नहीं जहां तिरंगा न लहरा रहा हो। घर-घर गजब उत्साह और उमंग से सराबोर है। घरों, दुकानों, कार्यालयों और वाहनों में तिरंगे नजर आ रहे हैं। बहुतेरे घरों की छत पर तो कई-कई तिरंगे लाइन से लगाए गए हैं। सड़कों पर भी वाहन सवार हाथ में तिरंगा थामे भारत माता का जयघोष करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
विशेष बात यह कि स्कूलों और कालेजों के अलावा इस बार मदरसों ने भी खासा उत्साह दिखाया है। काशी के कोतवाल बाबा काल भैरव को तिरंगे का वस्त्र पहनाया गया। मंदिर के गर्भ ह को भी तिरंगे से सजाया गया। बाबा के इस मनमोहक रूप को देखने के लिए भक्तों की भारी भीड़ लगी रही। पूरे प्रदेश में चौराहे-चौराहे ध्वनि विस्तारकों से गूंजते देशभक्ति के गीत सिद्ध कर रहे हैं कि इस बार का स्वतंत्रता दिवस कुछ अधिक खास है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने हाल ही में यह अपील की थी कि 13 से 15 अगस्त तक हर घर तिरंगा फहराकर स्वाधीनता के अमृत महोत्सव को यादगार बनाया जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस अभियान की शुरुआत करने से पहले ही घरों में तिरंगे फहराने का काम पूरे उत्साह के साथ शुरू हो चुका था।
वास्तव में बात जब तिरंगे की आन, बान, शान की हो तो उत्साह मापने की कोई कसौटी नहीं रह जाती। रक्षाबंधन पर भी इस बार बहनों ने भाइयों की कलाई पर तिरंगा राखियां बांधी। मिष्ठान विक्रेताओं ने भी इस मौके पर खास तिरंगा मिठाइयों की रेंज प्रस्तुत करके त्योहार का आकर्षण दो गुना कर दिया। प्रारंभ में कतिपय लोगों ने तिरंगा अभियान को राजनीतिक रंग देने का प्रयास किया, पर जनता के जोश के आगे ऐसे प्रयास बौने ही दिखे। हर वर्ग देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत दिख रहा है। राजनीतिक दल नाना प्रकार के तर्क भले ही दे रहे, पर सभी तिरंगे के रंग में रंगे हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में 4.5 करोड़ तिरंगे फहराने का लक्ष्य तय किया है। इस लक्ष्य को पाने के लिए हजारों स्वयं सहायता समूह, गैर सरकारी संगठन, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयों ने दिन-रात एक कर झंडे तैयार किए, जिससे रोजगार की पृष्ठभूमि भी तैयार हुई। पिछले महीने झंडा संहिता में बदलाव भी किया गया था, ताकि केवल हाथ से बने ही नहीं, मशीन से सिले झंडे भी फहराए जा सकें। जिससे रोजगार के अवसर भी सृजित हों।
फिलवक्त प्रतीत हो रहा है कि साढ़े चार करोड़ तिरंगे फहराने का सरकारी लक्ष्य जनता के अभूतपूर्व उत्साह के आगे पीछे छूट जाएगा। आजादी की पहली सुबह देखने वाली पीढ़ी के लोग बताते हैं कि तिरंगे को लेकर इस कदर उत्साह और जुनून उन्होंने पहले कभी नहीं देखा।
सुरक्षा के साथ सुविधा : विकास के लिए हर वर्ग के अपने मानक हो सकते हैं, लेकिन आम जनता के लिए सुरक्षा और सुविधा दो ऐसे नितांत आवश्यक मानक हैं, जिनसे कोई भी इन्कार नहीं कर सकता है। रक्षाबंधन की पूर्व बेला पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अत्याधुनिक सुविधाओं वाले बस अड्डों के लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम में इन्हें हवाई अड्डे की तरह विकसित करने की बात कही। नई बसों की सौगात देते हुए उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार अपराधियों से ही नहीं दुर्घटनाओं से भी जनता को सुरक्षा देने के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री
ने परिवहन और यातायात व्यवस्था के सरकार की प्राथमिकता का संकेत पहली बार नहीं दिया है। बात सड़कों के माध्यम से जनता को सुगम परिवहन उपलब्ध कराने की हो या फिर नगरीय यातायात को दुर्घटनामुक्त बनाने की, सरकार के प्रयासों में गतिशीलता दिखती है।
बस अड्डों पर सुविधाएं उपलब्ध कराने, नई बसें संचालित करने, अवैध स्टैंडों व अतिक्रमण के विरुद्ध अभियान चलाने के साथ अब 60 वर्ष से अधिक आयुवर्ग की महिलाओं को जल्दी ही नि:शुल्क बस यात्रा की सुविधा उपलब्ध कराने के पीछे उद्देश्य एक ही है कि यदि कोई घर से बाहर सड़क पर निकले तो परिवार उसकी सुगम व सुरक्षित वापसी के प्रति चिंतामुक्त रहे।