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यूपी में जिला अस्पतालों को पट्टे पर लेकर निजी क्षेत्र बना सकेंगे मेडिकल कालेज, 20 फीसद बेड पर मुफ्त इलाज जरूरी

प्रदेश में 16 जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (थ्री पी) माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी क्षेत्र की संस्थाओं के सामने तीन तरह के प्रस्ताव रखे गए हैं। इसमें सरकारी जिला अस्पतालों को वह पट्टे पर लेकर मेडिकल कालेज के रूप में अपग्रेड भी कर सकेंगे।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sat, 18 Sep 2021 08:49 AM (IST)Updated: Sat, 18 Sep 2021 12:51 PM (IST)
यूपी में जिला अस्पतालों को पट्टे पर लेकर निजी क्षेत्र बना सकेंगे मेडिकल कालेज, 20 फीसद बेड पर मुफ्त इलाज जरूरी
एमबीबीएस पाठ्यक्रम के संचालन के लिए पांच लाख प्रति सीट प्रति वर्ष सरकार सहायता देगी।

लखनऊ, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में 16 जिलों में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (थ्री पी) माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी क्षेत्र की संस्थाओं के सामने तीन तरह के प्रस्ताव रखे गए हैं। इसमें सरकारी जिला अस्पतालों को वह पट्टे पर लेकर मेडिकल कालेज के रूप में अपग्रेड भी कर सकेंगे। जिला अस्पताल में पहले से जितने बेड होंगे उन पर तो मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी ही, लेकिन निजी क्षेत्र जो बेड बढ़ाएंगे उनमें भी 20 फीसद में मुफ्त इलाज की सुविधा उन्हें देनी होगी। ओपीडी सेवा मुफ्त देनी होगी। 33 वर्ष के लिए दिए गए पट्टे के बाद जिला अस्पताल अपग्रेड होकर जिस स्थिति में होंगे, उसे सरकार को वापस करना होगा।

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प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार की ओर से 16 जिलों में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खोलने के लिए शासनादेश जारी कर दिया गया। प्रदेश में जिन 16 जिलों में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खोले जा रहे हैं उनमें बागपत, बलिया, भदोही, चित्रकूट, हमीरपुर, हाथरस, कासगंज, महाराजगंज, महोबा, मैनपुरी, मऊ, रामपुर, संभल, संत कबीर नगर, शामली व श्रावस्ती शामिल है। इन जिलों में न तो कोई सरकारी मेडिकल कालेज है और न ही कोई प्राइवेट मेडिकल कालेज। ऐसे में थ्री पी माडल पर मेडिकल कालेज खोले जाएंगे। निजी क्षेत्रों के सामने दूसरा प्रस्ताव रखा गया है कि वह खुद अपनी जमीन पर मेडिकल कालेज बनाते हैं तो उन्हें नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) के मानकों के अनुसार ओपीडी व भर्ती मरीजों से शुल्क वसूल सकेंगे। यहां एमबीबीएस की पढ़ाई भी होगी।

एमबीबीएस पाठ्यक्रम के संचालन के लिए पांच लाख प्रति सीट प्रति वर्ष सरकार सहायता देगी। अधिकतम पांच वर्ष के लिए दो बैच के लिए प्रति सीट अधिकतम 25 लाख रुपये होगी। तीसरे प्रस्ताव के तौर पर निजी क्षेत्र को मेडिकल कालेज बनाने के लिए सरकार खुद जमीन उपलब्ध कराएगी। इसके तहत सरकार एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए प्रति सीट प्रति वर्ष दो लाख रुपये की मदद देगी। ओपीडी व भर्ती मरीजों से एनएमसी के मानक के अनुसार शुल्क ले सकेंगे। फिलहाल अब जल्द मेडिकल कालेज खोलने के लिए निजी क्षेत्रों से प्रस्ताव मांगे जाएंगे।


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