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रायबरेली में मुख्तार अंसारी का गुर्गा बता व्यापारी से मांगी रंगदारी, पुल‍िस ने 24 घंटे में दबोचा

शहर के एक व्यापारी से वाट्सएप मैसेज के जरिए दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। माफिया मुख्तार अंसारी का गुर्गा बताने वाले शख्स ने व्यापारी के बेटे को जान से मारने की धमकी दी। पुलिस ने शिकायत मिलने पर चौबीस घंटे के भीतर ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।

By Vikas MishraEdited By: Published: Sat, 19 Jun 2021 06:24 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jun 2021 06:24 PM (IST)
रायबरेली में मुख्तार अंसारी का गुर्गा बता व्यापारी से मांगी रंगदारी, पुल‍िस ने 24 घंटे में दबोचा
होजरी व्यापारी को 17 जून की रात वाट्सएप पर 13 मैसेज आए, जिसके जरिए दो लाख रुपये मांगे गए।

रायबरेली, जेएनएन: शहर के एक व्यापारी से वाट्सएप मैसेज के जरिए दो लाख रुपये की रंगदारी मांगी गई। खुद को माफिया मुख्तार अंसारी का गुर्गा बताने वाले शख्स ने व्यापारी के बेटे को जान से मारने की धमकी दे डाली। पुलिस ने शिकायत मिलने पर चौबीस घंटे के भीतर ही आरोपित को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अधीक्षक श्लोक कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि होजरी व्यापारी को 17 जून की रात 10.04 बजे से 10.35 बजे के बीच वाट्सएप पर 13 मैसेज आए, जिसके जरिए दो लाख रुपये मांगे गए।

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धमकी दी गई कि सोमवार तक रुपये नहीं मिले और पुलिस को सूचना दी तो मंगलवार को घर पर फायरिंग करके बेटे को मार दिया जाएगा। 18 जून को व्यापारी ने पूरी बात बताई। मामला संगीन होने पर शहर पुलिस के साथ सर्विलांस और एसओजी टीम को भी लगा दिया गया। 24 घंटे के भीतर आरोपित शहर के जफर नगर, बैरहना निवासी रत्नेश सोनकर पुत्र रमेश सोनकर को गिरफ्तार कर लिया गया।

किशोर के नंबर से चला रहा था वाट्सएपः धमकी देने के लिए रत्नेश ने एक किशोर के मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया। आरोपित ने चालाकी से उसके मोबाइल का इस्तेमाल किया और वाट्सएप एक्टिवेट करने के लिए ओटीपी ले ली। बाद में सारे मैसेज डिलीट कर दिए। नंबर के आधार पर पुलिस जब छानबीन करते हुए किशोर के पास पहुंची, तब ये बात पता चली। सर्विलांस की मदद से आरोपित को पकड़ा जा सका। 

नीरज नेपाली गैंग से जुड़ा था रत्नेशः शहर में वर्ष 2006 में जानलेवा हमले की वारदात हुई, जिसमें हिस्ट्रीशीटर नीरज नेपाली के साथ रत्नेश का भी नाम आया। इसके पास से असलहा भी मिला था। नीरज की पिछले कई वर्षों से कोई खोज खबर नहीं है। ये भी दूसरे काम धाम करने लगा था। करीब पांच साल पहले व्यापारी के घर पर काम किया था। अंदाजा था कि धमकी देने पर व्यापारी रकम दे सकता है, लेकिन दांव उल्टा पड़ गया।


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