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कहीं पर्दे के पीछे तो कहीं गुमटी के अंदर, भरे जा रहे मौत के सिलिंडर

घरेलू गैस की अवैध रीफिलिंग पर विभिन्न थानों में दर्ज हैं मुकदमे। प्रतिबंध के बावजूद शहर में धड़ल्ले से हो रही बिक्री।

By JagranEdited By: Published: Tue, 17 Apr 2018 03:46 PM (IST)Updated: Tue, 17 Apr 2018 03:46 PM (IST)
कहीं पर्दे के पीछे तो कहीं गुमटी के अंदर, भरे जा रहे मौत के सिलिंडर
कहीं पर्दे के पीछे तो कहीं गुमटी के अंदर, भरे जा रहे मौत के सिलिंडर

लखनऊ[जागरण संवाददाता]। करीब चौदह माह के दौरान राजधानी में गैस रीफिलिंग और कालाबाजारी के करीब एक दर्जन से अधिक मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। बावजूद इसके एक भी गैस एजेंसी संचालक के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। यह आकड़ें बता रहे हैं कि राजधानी में रीफिलिंग का जो कारोबार चल रहा है उसके पीछे एजेंसी संचालकों के साथ जिम्मेदार अफसरों की मिलीभगत भी है। 1 रविवार को गोमती नगर में रीफिलिंग के चलते एक मासूम की मौत हो गई। ऐसा पहली बार नहीं है, जब राजधानी में अवैध रीफिलिंग के चलते इस तरह की दुर्घटना हुई है। लगातार हादसे हो रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद प्रशासन और तेल कंपनिया हाथ पर हाथ धरे बैठा है। दरअसल छोटे सिलिंडरों का पूरा गोरखधंधा अवैध रीफिलिंग पर ही टिका है। प्रतिबंध के बावजूद बिक रहे सिलिंडर

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केवल अधिकृत गैस एजेंसियों पर ही सिलिंडर बेचने की अनुमति है, लेकिन इसके बावजूद शहर में हर तरफ छोटे सिलिंडरों का कारोबार है। शायद ही ऐसा कोई बाजार हो, जहा पर इस तरह के अनधिकृत सिलिंडर नहीं बेचे जा रहे हैं। प्रशासन और तेल कंपनिया कई बार इस तरह के अभियान चलाने का दावा कर चुकी हैं, लेकिन यह कागजों तक ही सीमित है। सिलिंडर नहीं मौत के बम

दो साल पूर्व डालीबाग स्थित कालोनी में भी छोटा गैस सिलिंडर फटने से आग लगी थी। दरअसल मानकों को ताक पर रखकर बेहद हल्की चादर के अनधिकृत सिलिंडर बाजार में बिक रहे हैं। कम कीमत व आसानी से सुलभ होने से बाजार में इसकी खपत है। यही वजह है कि मौत के यह बम शहर में मौत बाट रहे हैं। घरेलू सिलिंडरों से होती है कटिंग

गैस एजेंसी संचालकों की शह पर हॉकर घरेलू सिलिंडरों से कटिंग करके छोटे और व्यावसायिक सिलिंडरों में गैस भरते हैं। रीफिलिंग की बदौलत प्रत्येक सिलिंडर से एक से लेकर दो किलोग्राम तक घटतौली की जाती है। आपूर्ति विभाग ने कई बार छापे मारकर रीफिलिंग के मामले पकड़े, लेकिन कभी भी एजेंसी संचालक पर शिकंजा नहीं कसा जा सका।

रीफिलिंग के मामले

तारीख - थाना - केस संख्या

130 अगस्त - बाजारखाला - 03991

28 दिसंबर - आलमबाग - 4381

29 दिसंबर - पीजीआइ - 00011

नौ जनवरी - इंदिरानगर - 00101

20 जनवरी - कृष्णानगर - 00351

13 फरवरी - गाजीपुर - 01061

26 फरवरी - तालकटोरा - 00741

एक अप्रैल - हसनगंज - 0245

17 अप्रैल - विभूतिखंड - 02081

11 जून - आशियाना - 02961

12 जून - कैसरबाग - 01841

23 जून - पारा - 03561

27 जून - बाजारखाला - 02591

11 जुलाई - गाजीपुर - 05311

14 जुलाई - गोमतीनगर - 09751

29 अगस्त - पीजीआइ - 05591 खुलेआम हो रहा गैस रीफिलिंग का धंधा

राजाजीपुरम के सेक्टर 13, एफ ब्लाक पानी की टंकी के पास, रूकुन्दीपुर के कई घरों में व जलालपुर अंडरपास के पास झुग्गी झोपड़ी में, सरीपुरा, कैम्पबेल रोड में खुलेआम गैस रीफिलिंग का धंधा चल रहा है। एमआइएस पार्क, जप्ती बगिया हनुमान मंदिर, टिकैतराय एलडीए कालोनी फेस दो, कैम्पबेल रोड के अंबेडकर पार्क के आसपास गैस रीफिलिंग हो रही है, लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों की नजरें इस ओर नहीं पहुंच रही हैं।

चिनहट में रीफिलिंग का धंधा जोरों पर

चिनहट क्षेत्र में गैस रीफिलिंग का गोरखधंधा चल रहा है। घरेलू गैस सिलिंडर से छोटे-छोटे सिलिंडरों में एक से दो किलो गैस भरकर ऊंचे दाम पर बेचा जा रहा है। चिनहट देवा रोड स्थित बाबा अस्पताल मोड़ के पास सड़क किनारे खुलेआम टाट-पट्टी घेरकर गैस रीफिलिंग हो रही है। इसी तरह गनेशपुर-रहमान गाव, शिवपुरी चौराहा, कोतवाली रोड, विधायक चौराहा, मल्हौर रोड, चिनहट तिराहा में रसोई गैस का व्यावसायिक उपयोग किया जा रहा है। पाच एजेंसी पर कार्रवाई की संस्तुति पर नतीजा शून्य

अवैध रीफिलिंग के चलते शहर की पाच गैस एजेंसियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा चुकी है, लेकिन नतीजा अब तक शून्य है। कई ऐसे मामले हैं, जहा पर दर्जनों की संख्या में घरेलू सिलिंडर बरामद हुए, लेकिन प्रशासन ने एजेंसी पर हाथ नहीं डाला। अवैध रीफिलिंग पर होगी कार्रवाई

जिलापूर्ति अधिकारी केएल तिवारी का कहना है कि जहा पर भी सिलिंडरों से रीफिलिंग की शिकायत मिलेगी वहा पर जाच के बाद कार्रवाई होगी। अनधिकृत रूप से बिक रहे छोटे सिलिंडरों को भी जब्त किया जाएगा।


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