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Illegal Car Market : कारों के अवैध कारोबार को लगातार अनदेखा करते रहे LDA और पुलिस

लखनऊ तीन बार पार्किंग में संचालित मिला है अवैध कार बाजार। दो बार एलडीए और एक बार एसएसपी ने मारा था छापा। बस ठेकेदार से काम वापस लेकर कार्रवाई कर दी गई पूरी। अब तक एलडीए ने अपने किसी भी कर्मचारी की कोई भी जिम्मेदारी नहीं तय की।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 23 Oct 2020 11:32 AM (IST)Updated: Fri, 23 Oct 2020 11:32 AM (IST)
Illegal Car Market : कारों के अवैध कारोबार को लगातार अनदेखा करते रहे LDA और पुलिस
लखनऊ: तीन बार पार्किंग में संचालित मिला है अवैध कार बाजार।

लखनऊ [ऋषि मिश्र]। सरोजनी नायडू पार्क की भूमिगत पार्किंग में कारों के अवैध कारोबार को एलडीए और पुलिस मिल कर सालों तक अनदेखा करते रहे। दो बार यहां खड़ी संदिग्ध कारों को कार बाजार का हिस्सा मान कर सस्ते में छोड़ा जाता रहा। आखिरकार वाहन चोरी गिरोह का कारनामा सामने आया। फिर भी पूरा प्रकरण सामने आने के तीन दिन पूरे होने पर अब तक एलडीए ने अपने किसी भी कर्मचारी की इस मामले में कोई भी जिम्मेदारी नहीं तय की है। 

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जिससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि अभी इस गंभीर मामले को हवा में ही उड़ा देने की तैयारी में जिम्मेदार लगे हुए हैं।यहां पिछले छह साल में तीन बार अवैध रूप से गाड़ियों की पार्किंग मिली। एक बार जब एलडीए का रेंट विभाग पूर्व जनसंपर्क अधिकारी रविप्रकाश अवस्थी देखा करते थे तब। इसके बाद ओएसडी राजीव कुमार के छापे में यहां कार बाजार संचालित मिला। आखिरकार दो साल पहले तत्कालीन एसएसपी कलानिधि नैथानी ने यहां छापा मारा और पाया कि पार्किंग में कार बाजार भी सजाया जा रहा है। तीन बार गड़बड़ी पकने जाने के बाद कार्रवाई इतनी की कि गई पूर्व ठेकेदार मुन्नवर से ठेका वापस लेकर कर्मचारियों के जिम्मे सौंप दिया गया। मगर मुन्नवर के खिलाफ न तो कोई भी कानूनी कार्रवाई की गई और न ही मिलीभगत करने वाले कर्मचारियों पर ही एक्शन हुआ।

ठेकेदार से हैंडओवर लेते समय आंख मूंदे रहा एलडीए

जिस वक्त पार्किंग का हैंडओवर एलडीए ठेकेदार से ले रहा था तब इस पूरे मामले से आंख मूंद ली गई थी। पार्किंग के तत्कालीन प्रभारी ने हैंडओवर के समय गाड़ियों का पूरा लेखाजोखा नहीं किया और ठेकेदार के साथ दुरभिसंधि कर के कोई सवाल नहीं उठाया।जिसकी वजह से कार चोरी में आरोपितों की गाड़ियां भी इस पार्किंग में सुरक्षित ही खड़ी रहीं।

एलडीए में नहीं शुरू की गई औपचारिक जांच

मामले में कर्मचारियों की भूमिका के संबंध में एलडीए ने अब तक कोई औपचारिक जांच तक नहीं शुरू की है। जिससे गंभीरता का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। ऐसे में एक बार फिर इस पूरे प्रकरण को हवा में उड़ा देने की तैयारियां की जा रही हैं।

क्या कहती हैं लविप्रा संयुक्त सचिव?

लविप्रा संयुक्त सचिव ऋतु सुहास के मुताबिक, इस मामले में एलडीए के सभी जिम्मेदारों पर बहुत जल्द कार्रवाई होगी। किसी को नहीं बख्शा जाएगा।


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