देशभर से आए स्टूडेंट्स साझा करेंगे ज्ञान और संस्कृति
एनबीआरआइ में आइआइएसएफ 2018 साइंस विलेज का आयोजन पांच सितंबर से होगा। इसमें नौवीं से 11 तक के छात्र-छात्राएं हिस्सा ले रहे हैं ।
लखनऊ, जेएनएन। राष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआइ) में आइआइएसएफ 2018 के अंतर्गत आयोजित होने वाला साइंस विलेज आकार लेने लगा है। पांच अक्टूबर से साइंस विलेज देश भर से आने वाले करीब ढाई हजार स्कूली बच्चों से गुलजार रहेगा। इस दौरान वे एक-दूसरे से ज्ञान व संस्कृति साझा करेंगे। कार्यक्रम संयोजक डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आदर्श सांसद ग्राम योजना के तहत सांसदों द्वारा गोद लिए गए गांवों से बच्चे साइंस विलेज में शामिल होंगे।
नौवीं से कक्षा 11 तक के छात्र-छात्राएं अपने गांव में उपलब्ध संसाधनों का मानचित्र व पोस्टर बनाकर लाएंगे। इनको अलग-अलग दिन प्रदर्शित किया जाएगा। डॉ. तिवारी ने बताया कि इस उम्र में स्टूडेंट्स अपना कॅरियर तय करते हैं। ऐसे में बच्चों के लिए यह एक्सपोजर महत्वपूर्ण साबित होगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को सिक्किम से बच्चे अपने शिक्षक के साथ पहुंच गए हैं। इसी के साथ देश भर से स्टूडेंट्स के आने का सिलसिला शुरू हो गया।बच्चों के लिए साइंस विलेज में छह हाउस बनाए गए हैं, जो प्रसिद्ध भारतीय वैज्ञानिकों कलाम, रमन, साराभाई, भाभा, खुराना व बोस हाउस के नाम पर हैं।
दरअसल यह बच्चे ऐसे दूरदराज गांवों से आएंगे जिन्होंने शोध संस्थाओं को शायद ही पहले देखा हो। कोशिश यह है कि वह विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे कार्यों को जान और खुद प्रयोग कर चीजें सीख सकें। ऐसी ही एक एक्टिविटी के तहत उन्हें माइक्रोस्कोप बनाना, उसे इस्तेमाल करना वह डिसमेंटल करना सिखाया जाएगा।