इन लक्षणों से करें पहचान, कहीं आपका दिल बीमार तो नहीं; जानें- क्या कहते हैं विशेषज्ञ
धूम्रपान करने से हार्ट में कोलेस्ट्राल अधिक तेजी से जमने लगता है। जिससे खून का प्रवाह हो जाता है। बाद में अधिक दबाव से कोलेस्ट्राल की लेयर फट जाती है। धूम्रपान करने वालों को दिल के दौरे का खतरा अधिक होता है।
लखनऊ, जेएनएन। शरीर में बैड कोलेस्ट्राल का स्तर बढ़ना दिल की सेहत के लिए ठीक नहीं होता है। कोलेस्ट्राल बढ़ने की समस्या सिर्फ बुजुर्गों या मोटे लोगों में ही नहीं है बल्कि, अब इसकी चपेट में युवा और पतले व्यक्ति भी आ रहे हैं। इसका मुख्य कारण अनियमित जीवनशैली और धूम्रपान भी है। शरीर में गुड और बैड दो तरह के कोलेस्ट्राल पाए जाते हैं। अगर बैड कोलेस्ट्राल शरीर में बढ़ जाए तो दिल से संबंधित कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
क्या कहते हैं विशेषज्ञः डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में कार्डियोलॉजी के विभागाध्यक्ष डा. भुवन चंद्र तिवारी कहते हैं, कोलेस्ट्राल मोम जैसा पदार्थ होता है जो लिवर में बनता है। यह शरीर के सभी हिस्सों में पाया जाता है। बैड कोलेस्ट्राल हमारी दिल की धमनियों में जमा हो जाता है। इसकी वजह से कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। हालांकि, डा. तिवारी कहते हैं कि जिनका कोलेस्ट्राल बढ़ा है वे घबराएं नहीं। बल्कि अच्छी डाइट के साथ हर दिन हल्की कसरत करें। जल्द स्वस्थ हो जाएंगे।
धूम्रपान है दिल के दौरे की बड़ी वजहः डा. तिवारी का कहना है कि धूम्रपान करने से हार्ट में कोलेस्ट्राल अधिक तेजी से जमने लगता है। धीरे-धीरे बैड कोलेस्ट्राल धमनियों के अंदर जमने लगता है। जिससे खून का प्रवाह कम हो जाता है। इसकी वजह से कोलेस्ट्राल की लेयर फट जाती है और खून के थक्के जमने लगते हैं, जिससे की धमनी पूरी तरह से बंद हो जाती है और खून का प्रवाह बंद हो जाता है। इसके बाद दिल का दौरा पड़ता है। डा. तिवारी का सुझाव है कि खासकर युवा धूम्रपान से बिल्कुल परहेज करें।
कैसे करें बचावः डा. भुवन चंद्र तिवारी के मुताबिक, वर्तमान परिवेश में लोग अधिक व्यस्त हो गए हैं। लेकिन सभी को अपने लिए हर दिन कम से कम 40 मिनट का समय जरूर निकालना चाहिए। योगा, कसरत, वॉक इत्यादि करना बेहद जरूरी है। तला-भुना, मिर्च-मसाला, मैदा खाने से बिल्कुल परहेज करें। हर दिन पांच किलोमीटर पैदल या साइक्लिंग भी बेहद फायदेमंद है।
मूंगफली खाने से कम होता है ह्रदय रोग का खतराः मूंगफली में दिल के लिए पोषक माने जाने वाले तत्वों- मोनोसैचुरेटेड फैटी एसिड, मिनरल, विटामिन तथा फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं, जो हृदय रोगों का जोखिम पैदा करने वाले कारकों जैसे कि हाई बीपी, खून में बैड कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करता है। लेकिन, मूंगफली का भी अत्यधिक सेवन नहीं करना चाहिए। शोधकर्ताओं ने इस बात की पड़ताल की है कि कितनी मूंगफली खाते हैं और उनमें स्ट्रोक तथा हृदय रोग की क्या स्थिति रही है। अध्ययन का यह निष्कर्ष अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन के जर्नल स्ट्रोक में प्रकाशित हो चुका है।
ये हैं पांच प्रमुख लक्षण
सीने में दर्दः कोलेस्ट्राल बढ़ने के कारण सीने में दर्द बढ़ने की दिक्कत होती है। कुछ दिन के अंतराल पर यदि आपको छाती के पास दर्द उठने लगे तो यह कोलेस्ट्राल बढ़ने का संकेत हो सकता है। 30 वर्ष की उम्र के बाद कोलेस्ट्राल की जांच जरूर कराएं।
मोटापाः जरूरत से ज्यादा वजन बढ़ने पर कोलेस्ट्राल बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आपका वजन अचानक से बढ़ने लगा है तो आपको बिना देरी किए कोलेस्ट्राल की जांच करानी चाहिए।
पैरों में दर्दः कई बार पैरों में दर्द भी हाई कोलेस्ट्राल का एक लक्षण हो सकता है। इसके साथ ही किसी काम को करते ही तुरंत थक जाना, मितली महसूस होना और शरीर के अलग-अलग हिस्सों में दर्द होना भी हाई कोलेस्ट्राल के बढ़ने का संकेत होता है।
पीले चक्कतेः त्वचा की ऊपरी परत पर पीले चकतते नजर आना भी हाई कोलेस्ट्राल का लक्षण हो सकता है। इस तरह के निशान दिखने पर सतर्क हो जाएं।
पसीना आनाः आमतौर पर सभी कों पसीना आता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा पसीना आना बढ़ते कोलेस्ट्राल का प्रमुख लक्षण है। इसलिए ऐसा होने पर बिना देरी किए अपने चिकित्सक से संपर्क करें और तत्काल खून की जांच कराएं।