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वक्त पर सेवा नहीं देंगी बिजली कंपनियां तो उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा मुआवजा, यूपी में अधिसूचना जारी

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सोमवार को स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019 की अधिसूचना जारी करते ही यह कानून सूबे में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Mon, 17 Feb 2020 10:52 PM (IST)Updated: Mon, 17 Feb 2020 11:35 PM (IST)
वक्त पर सेवा नहीं देंगी बिजली कंपनियां तो उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा मुआवजा, यूपी में अधिसूचना जारी
वक्त पर सेवा नहीं देंगी बिजली कंपनियां तो उपभोक्ताओं को देना पड़ेगा मुआवजा, यूपी में अधिसूचना जारी

लखनऊ, जेएनएन। नया कनेक्शन लेना हो, ट्रांसफार्मर बदलवाना हो या फॉल्ट ठीक कराना हो...अब बिजली उपभोक्ताओं को विभाग की मनुहार करने की जरूरत नहीं है। हर काम की समय सीमा तय है। बिजली कंपनियां यदि समय से सेवा नहीं देंगी तो उन्हें उपभोक्ताओं को मुआवजा देना पड़ेगा। सोमवार को शासन द्वारा 'स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन 2019' की अधिसूचना जारी करते ही यह कानून उत्तर प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू हो गया।

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उप्र विद्युत नियामक आयोग ने केंद्रीय विद्युत नियामक आयोग के आदेश पर 16 दिसंबर को स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 जारी किया। आयोग के अध्यक्ष आरपी सिंह ने नए कानून की अधिसूचना जारी करने के लिए ब्योरा राज्य सरकार को भेजा था। कानून में स्पष्ट आदेश हैं कि मुआवजे की रकम को उपभोक्ताओं की बिजली दरों या एआरआर में शामिल नहीं किया जाएगा। बिजली उपभोक्ताओं के लिए अलग से मुआवजा कानून लागू करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन गया है।

मुआवजा देने के लिए अधिकतम 60 दिन

स्टैंडर्ड आफ परफॉर्मेंस रेगुलेशन-2019 के तहत उपभोक्ताओं को अधिकतम 60 दिन में मुआवजा देना होगा। उपभोक्ताओं को एक वित्तीय वर्ष में उनके फिक्स चार्ज या डिमांड चार्ज के 30 फीसद से अधिक मुआवजा नहीं दिया जाएगा। मुआवजे के लिए उपभोक्ताओं को क्षेत्रीय अधिशासी अभियंता को आवेदन देना होगा। उपभोक्ताओं की शिकायतों की पुष्टि उनके स्मार्ट मीटर में दर्ज आंकड़ों से भी की जा सकेगी।

लाभान्वित होंगे दो करोड़ 87 लाख उपभोक्ता

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने नियामक आयोग अध्यक्ष आरपी सिंह से मुलाकात कर धन्यवाद दिया। कहा कि इस कानून का लाभ प्रदेश के लगभग 2 करोड़ 87 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगा। अध्यक्ष ने आश्वस्त किया कि कानून सख्ती से लागू कराने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी करेंगे।

यह होगी मुआवजे की दर (समस्या और मुआवजे की रकम)

कॉल सेंटर की प्रतिक्रिया पर...

  • कॉल सेंटर द्वारा प्राथमिक रिस्पॉन्स न देने पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • कॉल रजिस्टर न करने व शिकायत नंबर न देने पर : 50 रुपये प्रतिदिन

निर्धारित से कम आपूर्ति पर...

  • श्रेणी एक के शहरों में : 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे
  • शहरी क्षेत्रों में : 20 रुपये प्रति किलोवाट प्रति घंटे
  • ग्रामीण क्षेत्रों में : 10 रुपये प्रति किलोवाट प्रतिघंटे

बिजली बहाल करने में...

  • सामान्य फ्यूज उड़ने पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • ओवरहेड लाइन पर : 100 रुपये प्रतिदिन
  • भूमिगत केबिल पर : 100 रुपये प्रतिदिन
  • ग्रामीण ट्रांसफार्मर पर : 150 रुपये प्रतिदिन

बड़े व्यवधान पर...

  • ट्रांसफार्मर से वोल्टेज समस्या : 50 रुपये प्रतिदिन
  • वोल्टेज के लिए नई लाइन की जरूरत : 100 रुपये प्रतिदिन
  • वोल्टेज के लिए उपकेंद्र की जरूरत : 250 रुपये प्रतिदिन
  • छह फीसद कम व ज्यादा लो वोल्टेज पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • नौ फीसद कम व छह फीसद ज्यादा हाईवोल्टेज पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • 12.5 फीसद कम और 10 फीसद ज्यादा ईएचवी पर : 50 रुपये प्रतिदिन

घरेलू बिजली कनेक्शन के लिए...

  • बिजली खंभों वाले घरेलू कनेक्शन के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन
  • ऐसे घरेलू कनेक्शन जहां खंभों की भी जरूरत हो : 50 रुपये प्रतिदिन

हाईटेंशन कनेक्शन के लिए... 

  • 400 वोल्ट के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन
  • 11 केवी के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन
  • 33 केवी के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन
  • 132 केवी के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन

अविद्युतीकृत क्षेत्रों के लिए...

  • जहां लाइन बढ़ सकती हो : 50 रुपये प्रतिदिन
  • जहां नए काम की जरूरत हो : 50 रुपये प्रतिदिन
  • दूरदराज के उपभोक्ता के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन
  • जहां मौजूदा तंत्र पर्यापत हो : 100 रुपये प्रतिदिन
  • जहां नई लाइन बनानी हो : 250 रुपये प्रतिदिन
  • जहां उपकेंद्र बनाना हो : 500 रुपये प्रतिदिन
  • अस्थायी कनेक्शन पर : 100 रुपये प्रतिदिन
  • कनेक्शन का टाइटिल ट्रांसफर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • कनेक्शन के श्रेणी परिवर्तन पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • स्थायी विच्छेदन पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • सिक्योरिटी के रिफंड पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • अदेयता प्रमाण पत्र पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • रिकनेक्शन के लिए : 50 रुपये प्रतिदिन

बिल संबंधी...

  • बिल संबंधी शिकायत पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • लोड घटाने-बढ़ाने पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • कनेक्शन खत्म कराने पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • काल्पनिक बकाया बढ़ाने पर : 100 रुपये प्रतिचक्र

मीटर संबंधी...

  • उसी परिसर में शिफ्टिंग पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • मीटर रीडिंग पर : 200 रुपये प्रतिदिन
  • खराब मीटर बदलने पर : 50 रुपये प्रतिदिन
  • जला मीटर बदलने पर : 50 रुपये प्रतिदिन

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