आइएएस अफसर बी.चंद्रकला ने सीबीआइ रेड से नौ दिन पहले खरीदी थी प्रॉपर्टी
अखिलेश यादव सरकार में हमीरपुर, बुलंदशहर, मेरठ सहित पांच प्रमुख जिलों में जिलाधिकारी रहने के बाद बी चंद्रकला ने नई सरकार आते ही दिल्ली में प्रतिनियुक्ति मांग ली।
लखनऊ, जेएनएन। हमीरपुर में अवैध खनन के मामले में सीबीआइ के रडार पर चल रही आइएएस अधिकारी बी. चंद्रकला ने अपने गृह राज्य तेलंगाना में प्रॉपर्टी खरीदी थी। यह आवासीय प्रॉपर्टी है।
लखनऊ में आइएएस अधिकारी बी चंद्रकला के आवास पर शनिवार को सीबीआइ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर अवैध खनन के मामले में पड़ताल करने के बाद उनको इस घोटाले में 11 लोगों के साथ नामजद भी किया है। उनके घर जिस दिन खनन घोटाले के मामले में सीबीआई का छापा पड़ा, उससे महज नौ दिन पहले ही तेलंगाना में उन्होंने एक प्रॉपर्टी खरीदी थी।
यह प्रॉपर्टी एक आवासीय प्लॉट के रूप में है। उन्होंने 107 नंबर का यह एक प्लॉट तेलंगाना के मलकाजगिरी के ईस्ट कल्याणपुरी में खरीदा। बी. चंद्रकला ने 27 दिसंबर 2018 को ही इस प्लॉट की रजिस्ट्री कराई थी। खास बात है कि 22.50 लाख रुपये के इस प्लॉट को उन्होंने बिना किसी बैंक लोन के खरीदा है। छापे से तीन दिन पहले ही चंद्रकला की ओर से एक जनवरी 2019 को आईपीआर (इम्मूवेबल प्रॉपर्टी रिटर्न) दाखिल किया गया था। उन्होंने वर्ष 2018 की संपत्तियों के ब्योरे के लिए भरे इस रिटर्न में उन्होंने अपनी कुल सैलरी 91,400 रुपये महीना बताई।
इसके साथ ही एक जनवरी 2019 को भरे इस रिटर्न में आईएएस बी चंद्रकला ने अपने पास सिर्फ इसी प्रॉपर्टी की जानकारी दी है। इससे पहले के वर्ष में भरे रिटर्न में उन्होंने जिन संपत्तियों की सूचना दी थी, उसके बारे में इस बार नए रिटर्न में कोई सूचना नहीं है।
हमीरपुर में डीएम रहते बी. चंद्रकला पर सपा एमएलसी रमेश मिश्रा सहित दस लोगों के साथ अवैध खनन का आरोप है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर जांच में जुटी सीबीआई ने पांच जनवरी को उनके अलावा अन्य आरोपियों के ठिकानों पर छापेमारी की। एक जनवरी 2019 को उनके खिलाफ सीबीआई के डिप्टी एसपी केपी शर्मा ने खनन मामले में केस दर्ज किया है।
अखिलेश यादव सरकार में हमीरपुर, बुलंदशहर, मेरठ सहित पांच प्रमुख जिलों में जिलाधिकारी रहने के बाद बी चंद्रकला ने नई सरकार आते ही दिल्ली में प्रतिनियुक्ति मांग ली। बी. चंद्रकला मार्च, 2017 में दिल्ली पहुंचीं और स्वच्छ भारत मिशन की निदेशक रहीं। इसके बाद केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति की निजी सचिव बनीं। वह बीते वर्ष मई में उत्तर प्रदेश लौटीं। यहां पर माध्यमिक शिक्षा विभाग में विशेष सचिव का चार्ज लेने के बाद ही वह स्टडी लीव (शैक्षिक अवकाश) पर चली गई हैं।