मेहनत से मिले अवार्ड नहीं लौटाएंगे : पिल्लै
देश में सहिष्णुता के मुद्दे पर तमाम लेखक व साहित्याकर जहां पुस्कार व सम्मान लौटा रहे हैं, वहीं भारतीय हाकी टीम के कप्तान धनराज पिल्लै किसी भी अवार्ड को लौटाने के पक्ष में नहीं हैं। हाथरस में एक स्कूल के कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि कोई भी अवार्ड बड़ी
लखनऊ। देश में सहिष्णुता के मुद्दे पर तमाम लेखक व साहित्याकर जहां पुस्कार व सम्मान लौटा रहे हैं, वहीं भारतीय हाकी टीम के कप्तान धनराज पिल्लै किसी भी अवार्ड को लौटाने के पक्ष में नहीं हैं। हाथरस में एक स्कूल के कार्यक्रम के बाद उन्होंने कहा कि कोई भी अवार्ड बड़ी मेहनत करने के बाद मिलता है। उसको बेकार की बात में लौटाना ठीक नहीं है।
भारतीय हाकी टीम के स्टार फारवर्ड खिलाड़ी रहे धनराज पिल्लै ने कहा कि उन्हें जिंदगी में तमाम अवार्ड मिले हैं। इन सबको पाने के लिए उन्होंने काफी पसीना बहाया है। वह उसे लौटा नहीं सकते, क्योंकि अवार्ड उपकार में नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत के बाद हासिल किए हैं। उन्होंने कहा कि असहिष्णुता पर अवार्ड लौटाने वालों से वह जरा भी सहमत नहीं हैं। उन्होंने कहा कि वो उनकी लाइन में नहीं खड़ा होना चाहते। पूर्व कप्तान ने कहा कि देश में हॉकी का ग्राफ लगातार गिर रहा है। उन्हें गुजरात सरकार ने बड़ोदरा में हॉकी एकेडमी की जिम्मेदारी सौंपी है। धनराज ने कहा कि अगर देश में हॉकी को फिर से पुनर्जीवन देना है, तो इसके लिए स्कूली स्तर पर हॉकी बढ़ावा मिलें। असल में यही हॉकी की नर्सरी है। धनराज पिल्लै बतौर मुख्य अतिथि हाथरस के सेंट फ्रांसिस स्कूल में वार्षिक खेल-कूद प्रतियोगिता में शामिल हुए थे।
धनराज पिल्लै को 1999-2000 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला था। उनको 2001 में हाकी में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया।