दूसरे की पत्नी को फोन करना पड़ा भारी, पति ने हत्या कर दफनाया शव-ऐसे हुआ खुलासा Hardoi News
हरदोई में युवक की हत्या कर पति ने दफनाया शव पत्नी से फोन पर बात करने से नाराज युवक ने दिया घटना अंजाम।
हरदोई, जेएनएन। कोतवाली देहात क्षेत्र के खुटैहना मजरा मंगोलापुर निवासी एक माह से लापता युवक की सीतापुर जिले के महमूदाबाद थाना क्षेत्र में हत्या कर शव दफन कर दिया गया था। पत्नी को फोन कर परेशान करने से नाराज होकर हमलावर ने उसे फोन से ही बुलाकर घटना को अंजाम दिया था। मोबाइल सर्विलांस से पुलिस उस तक पहुंची और उसकी निशानदेही पर महमूदाबाद क्षेत्र के बिचपरी में गड्ढे में दफन शव को बरामद कर लिया। पुलिस अधीक्षक अमित कुमार ने सोमवार को पत्रकार वार्ता में इसका राजफाश किया।
खुटैहना मजरा मंगोलापुर निवासी रामप्रकाश दो जनवरी को घर से सीतापुर रिश्तेदारी में जाने की बात कहकर निकला था, लेकिन फिर लौटकर नहीं आया। 10 जनवरी को उसकी पत्नी रामकली ने कोतवाली देहात में उसकी गुमसुदगी दर्ज कराई थी। जिसके बाद से पुलिस उसकी तलाश कर रही थी। मोबाइल सर्विलांस से कोतवाल रंधा सिंह ने पुलिस टीम के साथ सीतापुर के महमूदाबाद थाना क्षेत्र के बिचपरी निवासी वीरेश कुमार वर्मा को गिरफ्तार किया तो मामला हत्या का निकला। एसपी अमित कुमार ने बताया कि रामप्रकाश की बिचपरी में रिश्तेदारी है। उसे वीरेश की पत्नी का मोबाइल नंबर मिल गया था। जिस पर वह उससे बात करने लगा, लेकिन वह उसका विरोध करती थी।
उसने अपने पति वीरेश को भी पूरी बात बताई, तो वीरेश ने भी रामप्रकाश को फोन कर धमकी दी थी। जैसा कि वीरेश ने बताया कि रामप्रकाश नहीं माना और बराबर फोन करता रहा। एक दिन उसकी पुत्री ने फोन उठा लिया तो उससे गलत बातें कहीं। जिस पर उसने उसकी हत्या का तानाबाना बुन लिया। दो जनवरी को पत्नी से ही फोन कर उसे मिलने के लिए बुलवाया। जब रामप्रकाश खेत में पहुंचा तो उसे पकड़ लिया। फिर डंडे से उसका गला दबाकर हत्या कर परिवार के ही नरेंद्र के साथ मिलकर शव को गड्ढे में दफन कर दिया। एसपी ने बताया कि वीरेश की निशानदेही पर ही मजिस्ट्रेट और महमूदाबाद पुलिस की मौजूदगी में दो फरवरी को शव गड्ढे से निकलवाया गया। जिसका सीतापुर में पोस्टमॉर्टम कराया गया है। वीरेश की निशानदेही पर मृतक रामप्रकाश का मोबाइल और हत्या में प्रयुक्त किया गया डंडा भी बरामद कर लिया गया है। नरेंद्र की तलाश हो रही है।
तीन दिन किया था फोन
रामप्रकाश की तीन दिन की बात ही उसका काल बन गई। जैसा कि थाना प्रभारी ने बताया कि 30 दिसंबर को पहली बार रामप्रकाश ने वीरेश की पत्नी को फोन किया था। फिर कई बार कॉल की, उसने मना भी किया। 31 को भी फोन किया। एक जनवरी को उसकी पुत्री ने फोन उठा लिया था, उससे भी बात की। फिर वीरेश ने भी फोन कर उसे काफी समझाया, लेकिन वह नहीं माना तो बुलाकर उसकी हत्या कर दी।