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यूपी के सौ विकासखंड बनेंगे विकास के 'मॉडल', 8 महत्वाकांक्षी जिलों की तरह चुने गए 34 जिलों के ब्लॉक

आठ महत्वाकांक्षी जिलों की तरह ही उत्तर प्रदेश के 34 जिलों के सौ आकांक्षात्मक विकासखंड चुने गए हैं। यहां स्वास्थ्य एवं कुपोषण कृषि एवं जल संसाधन शिक्षा कौशल विकास वित्तीय समावेशन एवं आधारभूत अवसंरचना के विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं को सक्रियता से पूरा किया जाएगा।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 12:04 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 12:05 AM (IST)
आठ महत्वाकांक्षी जिलों की तरह ही उत्तर प्रदेश के 34 जिलों के सौ आकांक्षात्मक विकासखंड चुने गए हैं।

लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। केंद्र सरकार द्वारा चयनित उत्तर प्रदेश के आठ महत्वाकांक्षी जिलों में जिस तरह योजनाओं को मिशन मोड पर पूरा किया जाता है, वैसा ही काम अब 34 जिलों में नजर आएगा। कुल सौ विकासखंड चुने गए हैं, जो विकास के मॉडल के रूप में नजर आएंगे। इस संबंध में वीडियो कांफ्रेंसिंग कर मुख्य सचिव आरके तिवारी ने सभी जिलाधिकारियों से कार्ययोजना मांगी है।

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केंद्र और प्रदेश सरकार की विभिन्न योजनाओं की प्रगति की समीक्षा सोमवार को मुख्य सचिव आरके तिवारी ने मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग में की। उन्होंने कहा कि आठ महत्वाकांक्षी जिलों की तरह ही प्रदेश के 34 जिलों के सौ आकांक्षात्मक विकासखंड चुने गए हैं। यहां स्वास्थ्य एवं कुपोषण, कृषि एवं जल संसाधन, शिक्षा, कौशल विकास, वित्तीय समावेशन एवं आधारभूत अवसंरचना के विभिन्न कार्यक्रमों व योजनाओं को सक्रियता से पूरा करना है। इसके लिए सभी संबंधित जिलाधिकारी जल्द ही विकासखंडवार कार्ययोजना भिजवाएं। कार्ययोजना में माहवार लक्ष्य निर्धारित किए जाएं और प्रगति की नियमित रूप से साप्ताहिक समीक्षा बैठकें होनी चाहिए।

मुख्य सचिव आरके तिवारी ने कहा कि इन सौ विकासखंडों में कराए जाने वाले विकास कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक वह स्वयं करेंगे। बाल विकास एवं पुष्टाहार, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, कृषि, पशुधन, बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, उद्यान, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज, ऊर्जा, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, संस्थागत वित्त, आइटी एवं इलेक्ट्रॉनिक विभाग के अधिकारियों से विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करने के लिए कहा है।

बैठक में पीएम स्वनिधि योजना, स्मार्ट सिटी, अमृत सिटी, आयुष्मान भारत योजना, नमामि गंगे, मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना और कोविड टीकाकरण अभियान की भी समीक्षा कर जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान अपर मुख्य सचिव नगर विकास डॉ. रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद, अपर मुख्य सचिव नियोजन कुमार कमलेश, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

इन जिलों के विकासखंड : एटा के तीन, बलिया के आठ, बरेली के पांच, बाराबंकी के दो, बांदा के तीन, बस्ती के चार, बदायूं के छह, कासगंज के तीन, कौशांबी के दो, कुशीनगर का एक, महराजगंज के छह, महोबा का एक, बिजनौर के दो, मीरजापुर के पांच, पीलीभीत का एक, प्रयागराज के तीन, संतकबीरनगर के तीन, भदोही का एक, संभल के सात, देवरिया का एक, फर्रुखाबाद के दो, जालौन के दो, आंबेडकरनगर के तीन, अलीगढ़ का एक, गोंडा के तीन, गोरखपुर के तीन, गाजीपुर के छह, ललितपुर का एक, अमेठी के तीन, जौनपुर के दो, रामपुर का एक, लखीमपुर खीरी के चार और सीतापुर व हरदोई का एक-एक विकासखंड।


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