Zoo में इकलौते हुक्कू बंदर कालू की मौत, अब इस शहर से आएगा नया जोड़ा Lucknow News
चिड़ियाघर में आकर्षण का केंद्र रहे हुक्कू बंदर कालू की मौत। 39 साल का था हुक्कू बंदर।
लखनऊ, जेएनएन। यूं तो नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में कई वन्यजीव मौजूद हैं, लेकिन हुक्कू बंदर कालू दर्शक खास दीवाने हैं। पिछले करीब 31 वर्षो से नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में आकर्षण का केंद्र रहे हुक्कू बंदर की शुक्रवार को मौत हो गई।
लगभग 39 वर्ष की उम्र में भी हुक्कू बंदर कालू सबका चहेता था अकेला होने के बावजूद वह अपनी आवाज से सभी को आकर्षित करता है। जू में आने वाला हर दर्शक हुक्कू के बाड़े के सामने जरूर रुकता था। खासकर बच्चे तो हुक्कू के दीवाने थे। नॉर्थ ईस्ट में पाए जाने वाले हुक्कू की औसत आयु 35 से 40 वर्ष होती है। वर्ष 1988 में देहरादून से जू लाया गया था।
जू के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि लोकप्रिय हुक्कू की काफी उम्र हो चुकी थी। जिसके कारण उसकी मृत्यू हो गई। सुबह करीब नौ बजकर बीस मिनट पर कीपर ने हुक्कू को बेसुध देखा, जिसके बाद वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. उत्कर्ष शुक्ला को सूचना दी गई। जिसके बाद डॉ. उत्कर्ष ने हुक्कू को चिकित्सालय ले गए और इलाज शुरू किया। लेकिन काफी प्रयास के बाद उसे बचाया नहीं जा सका और करीब सवा कए बजे उसका निधन हो गया। हुक्कू बंदर की मृत्यु की खबर से पूरा प्राणि उद्यान शोकाकुल हो गया। वह सभी का दुलारा था। 2002 में कालू की पार्टनर मादा हुक्कू बंदर रानी प्राणि उद्यान आई थी, जो 2007 में मर गई थी। उसके बाद से प्राणि उद्यान हुक्कू की पार्टनर लाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसे सफलता नहीं मिल पाई।
शिलांग से आएगा हुक्कू का जोड़ा
निदेशक आरके सिंह ने बताया कि शिलांग जू प्रशासन ने दुर्लभ हुलक गिब्बन प्रजाति के हुक्कू बंदर का जोड़ा देने की बात चल रही है। सब कुछ ठीक रहा तो अगले साल की शुरुआत में शिलांग से हुक्कू बंदर के जोड़े जू लाया ज सकता है।