हीवेट पॉलीटेक्निक में अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए बनेगा छात्रावास, लागत तीन करोड़
हीवेट पॉलीटेक्निक में तीन करोड़ की लागत से होगा निर्माण। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने दिया बजट।
लखनऊ [जितेंद्र उपाध्याय]। यदि आप हीवेट पॉलीटेक्निक में प्रवेश लेने की तैयारी कर रहे हैं या फिर पढ़ाई कर रहे हैं और आपको छात्रावास नहीं मिल रहा है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। संस्थान में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए एक नया छात्रावास बनाया जाएगा।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद की ओर से किसी सहायता प्राप्त संस्थान को पहली बार तीन करोड़ का ग्रांट मिला है। इस बजट से परिसर में छात्रावास का निर्माण होगा। कम फीस में गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की प्राविधिक शिक्षा विभाग की पहल अब यहां नजर आएगी। पॉलीटेक्निक के सभी भवनों को दुरुस्त करने का कार्य अंतिम चरण में है। जर्जर भवन को सुधारने के साथ ही प्रयोगशालाओं को भी दुरुस्त किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण की पाठशाला
हीवेट पॉलीटेक्निक में तकनीकी शिक्षा के साथ ही पर्यावरण संरक्षण के बारे में भी छात्रों को बताया जाएगा। वन विभाग की मदद से परिसर में दो हजार पौधे लगाए जाएंगे। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी छात्रों को दी जाएगी।
रैगिंग रोकने की चुनौती
गुणवत्ता युक्त शिक्षा के साथ रैगिंग रोकने की चुनौती संस्थान के सामने मुंह बाए खड़ी है। प्रवेश से पहले संस्थान एंटी रैगिंग सेल में वरिष्ठ छात्रों को भी शामिल करने पर मंथन कर रहा है। कमेटी में प्रधानाचार्यों के साथ ही जिला प्रशासन के अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा।
क्या कहते हैं प्रधानाचार्य?
हीवेट पॉलीटेक्निक प्रधानाचार्य डॉ. यूसी वाजपेयी का कहना है कि पॉलीटेक्निक संस्थानों को निजी संस्थानों की तर्ज पर सुधारने का प्रयास चल रहा है। हीवेट पॉलीटेक्निक में शिक्षा की गुणवत्ता के साथ ही संसाधनों को बढ़ाया जा रहा है। पहली बार तीन करोड़ की ग्रांट संस्था को मिली है। इससे अनुसूचित जाति के साथ सामान्य वर्ग के छात्रों को भी राहत मिलेगी।