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डॉ. रमेश चंद्र को भारत भारती व डॉ. रामदेव शुक्ला को हिंदी गौरव सम्‍मान

सम्मान -उप्र हिंदी संस्थान में साहित्य के साधकों का हुअा सम्मान। विधानसभा अध्यक्ष ह्रदय नारायण दीक्षित ने विभूतियों को सम्मानित किया। डॉ. रामगोपाल शर्मा को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 24 Oct 2018 09:51 PM (IST)Updated: Wed, 24 Oct 2018 09:58 PM (IST)
डॉ. रमेश चंद्र को भारत भारती व डॉ. रामदेव शुक्ला को हिंदी गौरव सम्‍मान

लखनऊ, (जेएनएन)। कविता के आनंद से अंगीकार होने तक की कल्पना हो या साहित्य को श्रृंगार देने वाले साधकों के सृजन की व्याख्या...विभूतियों के सम्मान के इस सिलसिले में संस्कृति की सुंदरता के साथ साहित्य से इसकी निकटता पर भी बात हुई। हजरतगंज स्थित हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि संग अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पूनम श्रीवास्तव ने वाणी वंदना कर कार्यक्रम को आगे बढ़ाया।

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सबसे पहले डॉ. रमेश चंद्र शाह को पांच लाख रुपये पुरस्कार राशि के संग गंगा प्रतिमा, तामपत्र व अंग वस्त्र देकर भारत भारती सम्मान से नवाजा गया। फिर डॉ. रामदेव शुक्ल को हिंदी गौरव सम्मान, डॉ. रामगोपाल शर्मा 'दिनेश' को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान, डॉ. धर्म पाल मैनी को पंडित दीनदयाल उपाध्याय साहित्य सम्मान, शत्रुघ्न प्रसाद को अवंतीबाई साहित्य सम्मान व बड़ा बाजार कुमारसभा पुस्तकालय कोलकाता को राजर्षि पुरुषोत्तमदास टंडन सम्मान (चार लाख रुपये प्रत्येक पुरस्कार राशि) से सम्मानित किया गया। अतिथियों ने विभूतियों को साहित्य भूषण सम्मान, सौहार्द सम्मान सहित अन्य सम्मान से सम्मानित किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. सदानंद प्रसाद गुप्त ने की। उन्होंने कहा कि आज का दिन लीला पुरुषोत्तम भगवान श्री कृष्ण के महारास की स्मृति दिलाता है। यह भी एक सुखद संयोग है कि हम साहित्यकारों का सम्मान आदि कवि वाल्मीकि के प्राकट्य दिवस पर कर रहे हैं। विदेश मंत्रालय के अनुरोध पर संस्थान ने अपनी प्रदर्शित पुस्तकें विश्व हिंदी सचिवालय को भेंट दी। संस्थान के निदेशक शिशिर ने आभार प्रकट किया। संस्थान की त्रैमासिक पत्रिका साहित्य भारती के विस्थापन की त्रासदी संदर्भ कश्मीर विशेषांक का लोकार्पण किया गया। सम्मेलन में मॉरीशस के बाल साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के प्रकाशन की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित किया। पूनम श्रीवास्तव ने वंदे मातरम के साथ कार्यक्रम का समापन किया।

साहित्य भूषण सम्मान

साहित्यकार हरिमोहन मालवीय, सत्यधर शुक्ल, डॉ. मथुरेश नंदन कुलश्रेष्ठ, डॉ. देवीसहाय पांडेय 'दीप', डॉ. अमरनाथ सिन्हा, डॉ. नंदलाल मेहता 'वागीश', डॉ. रामबोध पांडेय, राम नरेश सिंह 'मंजुल', डॉ. रमेश चंद्र शर्मा, राम सहाय मिश्र 'कोमल शास्त्री', डॉ. चमन लाल गुप्त, डॉ. मिथिलेश दीक्षित, डॉ. पशुपति नाथ उपाध्याय, डॉ. ओम प्रकाश सिंह, डॉ. अनुज प्रताप सिंह, चंद्र किशोर सिंह व दयानंद पांडेय को तामपत्र, अंग वस्त्र व दो लाख रुपये देकर साहित्य भूषण सम्मान से नवाजा गया।

दो लाख रुपये पुरस्कार राशि के सम्मान

  • रवींद्र नाथ श्रीवास्तव 'जुगानी भाई', लोक भूषण सम्मान
  • डॉ. क्षेत्रपाल गंगवार, कला भूषण सम्मान
  • डॉ. कैलाश देवी सिंह, विद्या भूषण सम्मान
  • डॉ. गणेश शंकर पालीवाल, विज्ञान भूषण सम्मान
  • रमेश नैयर, पत्रकारिता भूषण सम्मान
  • डॉ. मृदुल कीर्ति (यूएसए), प्रवासी भारतीय ङ्क्षहदी भूषण सम्मान
  • डॉ. अनिल प्रभा कुमार (यूएसए), हिंदी विदेश प्रसार सम्मान
  • डॉ. सुधाकर सिंह, मधुलिमये साहित्य सम्मान
  • डॉ. गोविंद व्यास, पं. श्रीनारायण चतुर्वेदी साहित्य सम्मान
  • डॉ. विष्णु गिरि गोस्वामी, विधि भूषण सम्मान

सौहार्द सम्मान (पुरस्कार राशि दो लाख रुपये)

  • डॉ. अशोक प्रभाकर कामत (मराठी)
  • डॉ. टीवी कट्टीमनी (कन्नड़)
  • डॉ. बनारसी त्रिपाठी (संस्कृत)
  • डॉ. पी. माणिक्यांबा 'मणि' (तेलुगु)
  • विनोद बब्बर (पंजाबी)
  • डॉ. देवकी एनजी (मलयालम)
  • डॉ. एबी साई प्रसाद (तमिल)
  • डॉ. विनोद कुमार गुप्त 'निर्मल विनोद' (डोगरी)
  • मेयार सनेही 'शब्बीर हुसैन' (उर्दू)

डॉ. सुंदरलाल कथूरिया को मृत्यु के बाद मिला साहित्य भूषण सम्मान

उप्र के बलिया जिले में जन्मे डॉ. सुंदरलाल कथूरिया को मृत्यु के बाद साहित्य भूषण सम्मान (पुरस्कार राशि दो लाख रुपये) से नवाजा गया। डॉ. सुंदरलाल की जगह उनके पुत्र ने सम्मान प्राप्त किया, जबकि चार लाख रुपये पुरस्कार राशि वाले लोहिया साहित्य सम्मान से सम्मानित होने वाले डॉ. जय प्रकाश कर्दम समारोह में शामिल नहीं हुए। उन्हें बाद में यह सम्मान दिया जाएगा। चंद्रकिशोर पांडेय 'निशांतकेतु' की जगह उनकी पुत्री शैली और भाशांजलि ने साहित्य भूषण सम्मान प्राप्त किया। सौहार्द सम्मान पाने वाले श्रीवत्स करशर्मा (उडिय़ा) के स्थान पर उनके पुत्र शशिशेखर करशर्मा ने सम्मान प्राप्त किया।

हिंदी में शहनाज खातून को 100 में 100

उप्र माध्यमिक शिक्षा परिषद की हाई स्कूल व इंटरमीडियट की परीक्षा में हिंदी एवं साहित्यिक हिंदी विषय में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को पंडित कृष्ण बिहारी बाजपेयी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने पिता के नाम से पुरस्कार देने के लिए हिंदी संस्थान को एक लाख दो हजार रुपये दिए थे। इसके ब्याज से प्रतिवर्ष यह पुरस्कार दिया जाता है। इसमें हाईस्कूल के छात्र-छात्राओं को 25-25 हजार और इंटरमीडियट के छात्र-छात्राओं को 35-35 हजार रुपये भेंट किए जाते हैं। इसबार हाईस्कूल में महाराज गंज की शहनाज खातून व गोरखपुर के गनेश्वर सिंह को 100 में 100 अंक हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही इंटरमीडियट में सीतापुर की फूलन गौतम व ललितपुर के अमित कुमार को 100 में 96 अंक हासिल करने के लिए सम्मानित किया गया।

30 दिसंबर को 68 विभूतियों का सम्मान

वर्ष 2017 में प्रकाशित पुस्तकों पर नामित पुरस्कार (धनराशि 75 हजार रुपये) और प्रकाशित पुस्तकों पर सर्जना पुरस्कार (धनराशि 40 हजार रुपये) के लिए चयनित 66 विभूतियों को 30 दिसंबर को सम्मानित किया जाएगा। साथ ही फिर उठेगा शोर एक दिन पुस्तक के लेखक शुभम श्रीवास्तव ओम को हरिवंश राय बच्चन युवा गीतकार सम्मान (धनराशि 25 हजार रुपये) और मासूम पुस्तक की लेखिका डॉ. बीना शर्मा को पंडित बद्री प्रसाद शिगलू स्मृति सम्मान (धनराशि आठ हजार रुपये) सम्मानित किया जाएगा। कार्यक्रम में इसकी घोषणा की गई।

प्लेटलेट्स से जुड़ी भ्रांतियां दूर करेगी किताब

केजीएमयू के क्लीनीकल हिमेटोलॉजी विभाग के हेड डॉ. ए के त्रिपाठी द्वारा लिखित पुस्तक 'प्लेटलेट्स की कमी भ्रांतियां एवं समाधान' को भी जारी किया गया। डॉ. त्रिपाठी ने इस पुस्तक को हिन्दी में बहुत ही सरल भाषा में लिखा है। वह बताते हैं कि बीते कुछ सालों से लोगों में प्लेटलेट्स को लेकर बहुत भय उत्पन्न हो गया है। डेंगू, मलेरिया, टाइफायड जैसे बहुत से फीवर में प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती है। आम लोगों के साथ-साथ डॉक्टर्स तक इससे भयभीत हो जाते हैं। अक्सर जरूरत न होने पर भी प्लेटलेट्स चढ़ाने की सलाह दे देते हैं। इस पुस्तक में प्लेटलेट्स के बारे में सभी जरूरी जानकारियां दी गई हैं।


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